Home Pradesh Bihar विदेशों से छात्र बिहार पढ़ने के लिए फिर से आए- डॉ.राजेंद्र विश्वना

विदेशों से छात्र बिहार पढ़ने के लिए फिर से आए- डॉ.राजेंद्र विश्वना

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विदेशों से छात्र बिहार पढ़ने के लिए फिर से आए- डॉ.राजेंद्र विश्वना

बिहार शिक्षा का पुनः ऐसा केंद्र बने कि विदेशों से छात्र बिहार पढ़ने के लिए फिर से आए– डॉ.राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर, राज्यपाल 

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,  

भारत सरकार द्वारा चलाई गई नई शिक्षा नीति देश के उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी है। उक्त विचार मुजफ्फरपुर के ऐतिहासिक धरोहर के रूप में देश में प्रसिद्ध लंगट सिंह महाविद्यालय के 124 वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी “नई शिक्षा नीति 2020 एक आवश्यकता” विषय पर बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ.राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर ने व्यक्त किये. उन्होंने कहा कि इसमें अपनी मातृभाषा, विचार, संस्कृति, परंपरा एवं इतिहास के सहारे देश को नई दिशा देने का ऐतिहासिक प्रयास किया गया है। नई शिक्षा नीति युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस शिक्षा के माध्यम से अपनी संस्कृति और जमीन से जुड़ने का सुनहरा अवसर है। राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कहा कि इसे  बिहार के सभी विश्वविद्यालय में लागू कर दिया गया है। इस को सफल बनाने में बिहार के छात्रों, शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बिहार की शिक्षा प्रणाली की चर्चा करते हुए कहा कि यहां का नालंदा विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था। विदेशों से हजारों छात्र शिक्षा लेने के लिए आते थे। बिहार शिक्षा का एक ऐसा केंद्र बने कि विदेशों से छात्र बिहार पढ़ने के लिए फिर से आए। बिहारियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार के छात्र ही टॉप स्थान पर रहते हैं। हमें बिहार के गौरव को लाने की की जरूरत है। सब लोगों के मिलकर प्रयास करने से बिहार का गौरव वापस लौट सकता है। डॉ.अरलेकर ने कहा की कि लंगट सिंह महाविद्यालय परिसर में आकर उन्हें काफी गौरव का अनुभव हुआ है। आधुनिक शिक्षा के विकास में इस महाविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। यह महाविद्यालय देशरत्न डॉ.राजेंद्र प्रसाद, महात्मा गांधी, रामधारी सिंह दिनकर, आचार्य कृपलानी, लंगट बाबू की कर्मस्थली रही है। यहां से प्रेरणा लेने की जरूरत है। इससे पूर्व राज्यपाल सह कुलाधिपति को  मुजफ्फरपुर पुलिस और एनसीसी ने संयुक्त रूप से गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद राज्यपाल के साथ बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो.शैलेंद्र चतुर्वेदी ने लंगट बाबू, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के मूर्ति पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगान से की गई। प्राचार्य डॉ.ओमप्रकाश राय ने अंग वस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह देकर राज्यपाल सह कुलाधिपति का स्वागत किया। इसके बाद सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर बीएमसी विभाग के छात्रों द्वारा लंगट सिंह महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन हेतु “आदर्श आचार संहिता” पुस्तिका का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद स्मृति पार्क और इंडोर स्टेडियम का उद्घाटन राज्यपाल सह कुलाधिपति के द्वारा किया गया। इस अवसर पर बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा की महाविद्यालय  के विकास में उद्योग विभाग से सहयोग किया जाएगा। उन्होंने भी नई शिक्षा नीति को मजबूती से लागू करने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो.शैलेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि नई सोच के व्यक्तित्व राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रयास से बिहार में शैक्षणिक उन्नयन होने की संभावना है। नई शिक्षा नीति विश्वविद्यालय में लागू कर दी गई है। छात्र एवं शिक्षक शैक्षिक गतिविधि को बढ़ावा देने के साथ-साथ शोध कार्यों में लगेंगे तो निश्चित रूप से शैक्षिक क्रांति आएगी। अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.ओमप्रकाश राय ने कहा कि राज्यपाल सह कुलाधिपति के आने से लंगट सिंह महाविद्यालय परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। राज्यपाल के आगमन से लेकर प्रस्थान तक मुज़फ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार के नेतृत्व में जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थें. कार्यक्रम में प्रति-कुलपति प्रो.रविन्द्र कुमार, कुलसचिव डॉ.संजय कुमार, कुलानुशासक डॉ.अजीत कुमार, सीसीडीसी डॉ.अमिता शर्मा, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ.अभय कुमार सिंह, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.टी.के डे, विकास अधिकारी डॉ.पंकज कुमार, प्रो.एन.एन मिश्रा, डॉ.ऋतुराज, डॉ.सुरेन्द्र राय, डॉ.विजय कुमार, सीनेटर डॉ.हरेन्द्र कुमार, डॉ.सतीश कुमार, डॉ.कुमार बलवंत सिंह, डॉ.ललित किशोर, डॉ.अमितेश रंजन, प्रो.एस.आर चतुर्वेदी, डॉ.पी.सी वर्मा, डॉ.पुष्पा कुमारी, डॉ.राजेश्वर कुमार, डॉ.साजिदा अंजुम, डॉ.नवीन कुमार, डॉ.इम्तियाज, समेत बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.राजीव कुमार ने विषय प्रवेश डॉ.राजीव झा एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो.जयकांत सिंह ‘जय’ ने किया।

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