Home Pradesh Bihar बूटा-बुस्टा से जुड़े प्राध्यापकों ने अपनी लम्बित माँगों को लेकर प्रदर्शन

बूटा-बुस्टा से जुड़े प्राध्यापकों ने अपनी लम्बित माँगों को लेकर प्रदर्शन

0
बूटा-बुस्टा से जुड़े प्राध्यापकों ने अपनी लम्बित माँगों को लेकर प्रदर्शन

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,   

एआईफुक्टो के आह्वान व फुटाब की अपील पर बूटा-बुस्टा से जुड़े प्राध्यापकों ने अपनी लम्बित माँगों को लेकर  ‘काली पट्टी’ लगाकर किया विरोध

अखिल भारतीय विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षक संघ (एआईफुक्टो) के आह्वान एवं बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुटाव) के अपील पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय और विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षकों को अपनी लंबित मांगों के लिए अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन करते हुए ‘काली पट्टी’ लगाकर विरोध करना था। इस आह्वान व अपील का बूटा-बुस्टा एवं अतिथि प्राध्यापकों ने भी समर्थन दिया था। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन बूटा-बुस्टा के एआईफुक्टो व फुटाब के आह्वान-अपील के समर्थन के आलोक में बुस्टा इकाई रामदयालु सिंह महाविद्यालय, लंगट सिंह महाविद्यालय, महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर के विभिन्न विभागों एवं बूटा की इकाइयों में एलएनटी महाविद्यालय, डॉ.राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय, नीतीश्वर महाविद्यालय, रामेश्वर महाविद्यालय, वैशाली महिला महाविद्यालय व जमुनीलाल महाविद्यालय, हाजीपुर, समता कॉलेज, जन्दाहा, एलएनडी कॉलेज व एसके सिन्हा महिला महाविद्यालय,मोतिहारी, एमएस कॉलेज मोतिहारी, टी.पी.वर्मा महाविद्यालय, नरकटियागंज सहित विभिन्न महाविद्यालयों में शिक्षकों-शिक्षिकाओं ने अपने शीर्ष संगठन के मांगों एवं मुद्दों के समाधान हेतु समर्थन में अपना-अपना दायित्व-निर्वहन करते हुए ‘काली पट्टी’ लगाकर अपनी एकजुटता व विरोध प्रदर्शित की। उक्त विरोध-प्रदर्शन में  सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं ने अपनी बांह पर ‘काली पट्टी’ बांधकर अपना कार्य व दायित्व निभाते हुए अपने-अपने कार्यस्थल पर एकजुट हो नारे लगाए और आह्वान को अपना समर्थन दिया। बुस्टा अध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार ओझा एवं महासचिव प्रो.रमेश प्रसाद गुप्ता तथा बुटा अध्यक्ष प्रो.अरुण कुमार एवं महासचिव डॉ.सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बुस्टा-बूटा और अतिथि प्राध्यापक संघ की सभी इकाईयों ने बढ़-चढ़ कर इस विरोध-प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया। शिक्षक संघ द्वय के शीर्ष नेतृत्व ने सभी इकाइयों के शिक्षक के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। बुस्टा महासचिव डॉ.रमेश गुप्ता ने कहा कि किसी लोक कल्याणकारी राज्य में अपने जीवन का श्रेष्ठ कर्मशील समय देने एवं समाज को ज्ञानवान बनाने वाले एक शिक्षक को गरिमा एवं सम्मानपूर्ण जीवन एवं निश्चित भविष्य अपेक्षित है, परन्तु सरकार की गलत, अदूरदर्शी व उपेक्षा की नीतियों व कदम के कारण शिक्षक जैसे सम्मानित पेशे को ठेके पर बदला जा रहा है और शिक्षक निरंतर उपेक्षित व असम्मानित हो रहा है। वही सेवानिवृत्ति के पश्चात एक सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए विहित पेंशन से भी वंचित हो रहा है, जो कि देश व समाज के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। बुटा महासचिव डॉ.सुनील कुमार सिंह ने ने सरकार से एआईफुक्टो व फुटाब के माँग व मुद्दे यथा; शिक्षा पर जीडीपी का 10 प्रतिशत व्यय करो, शिक्षा नीति-2020 वापस करो, पुराना पेंशन बहाल करो, सभी एडहॉक/ पार्ट टाइम/ गेस्ट और ठेके पर कार्यरत शिक्षकों को स्थायी करो तथा सम्मानित वेतन व सेवा शर्त दो, विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता बहाल रखो, यूजीसी अनुशंसा के अनुरूप शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों को अवकाश सुविधा प्रदान करो आदि मांगों व मुद्दों पर संवेदनशीलता व गंभीरता से विचार कर शीघ्रातिशीघ्र अपेक्षित आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here