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पत्रकार की हत्या पर मुजफ्फरपुर में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च

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पत्रकार की हत्या पर मुजफ्फरपुर में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार

अररिया के  पत्रकार की हत्या पर मुजफ्फरपुर में पत्रकारों ने निकाला आक्रोश मार्च, मृत पत्रकार साथी की दी श्रद्धांजलि

मुजफ्फरपुर जिले के पत्रकारों ने अररिया के पत्रकार विमल मंडल  के हत्या के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। इससे पहले अमर शहीद खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर पत्रकारों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। श्रद्धांजलि सभा में पत्रकारों ने अपनी सुरक्षा पीड़ित परिवार को न्याय व सुरक्षा देने की मांग रखी। ‌ स्मारक स्थल से आक्रोश मार्च निकाला जो मुख्य मार्ग से गुजरते हुए आयुक्त  कार्यालय, पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय, एसडीएम कार्यालय होते हुए मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर में समाप्त हुआ। सभा को संबोधित करते हुए जिले के वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने कहा कि अररिया के रानीगंज निवासी वरीय पत्रकार विमल मंडल को  अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मंडल सुबह घर में सोए हुए थे अपराधियो ने विमल भैया कहकर आवाज दी और उनके घर से निकलते ही सीने में गोली मार दी। घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई है। उन्होंने पीड़ित परिवार की सुरक्षा, 25 लाख मुआवजा, मृतक के बच्चों को सरकारी खर्च पर पढ़ाई की व्यवस्था करने, अपराधियों को स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने की मांग की है। वरीय पत्रकार अमरेंद्र तिवारी ने कहा कि  पत्रकारों के हक के लिए  मीडिया फार बॉर्डर हार्मोनी संगठन बराबर पहल कर रहा हैं । पत्रकार तिवारी ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार से मांग करते हुए कहा की पत्रकार विमल मंडल के परिवार की सुरक्षा, 25 लाख रुपया मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठावें ,अपराधियों को स्पीडी ट्रायल चल कर सजा दिलाई जाए जाए,राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पत्रकार संरक्षण आयोग का गठन किया जाय। आयोग के गठन से पत्रकारों को संवैधानिक संरक्षण मिल पायेगा। राष्ट्रीय व राज्य स्तर मान्यता प्राप्त पत्रकारों के चयन में कोटा सिस्टम को समाप्त किया जाय। बिहार में सभी ग्रामीण, प्रखंड अनुमंडल व जिला स्तरीय व स्वतंत्र पत्रकारों की निगरानी में एक कमेटी का गठन किया जाए। पत्रकारों के कल्याण के लिए जिला स्तर पर पत्रकार राहत कोष का गठन सरकार करे ताकि आपात स्थिति हत्या, दुर्घटना, गंभीर रूप से बीमार होने पर उनको तत्काल मदद मिल सके। सभी अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय में तत्काल मीडिया सेंटर खोला जाए। जहाँ संवाद संकलन पत्रकार कर सके। पत्रकारों को कैमरा, लैपटॉप, मोबाईल बाइक के लिए सरकार बिना ब्याज के राशि उपलब्ध करावें। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से संचालित बिहार के सभी टोल टैक्स पर पत्रकारों के वाहन का टैक्स माफ किया जाए। मुजफ्फरपुर में बनकर तैयार प्रेस क्लब को अभिलंब खोला जाए मुजफ्फरपुर जिले के सभी प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक वेब मीडिया के पत्रकारों की सूची उनके आवासीय थाना को उपलब्ध कराई जाए ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनका मदद मिल सके. मीडिया फार बॉर्डर हार्मोनी की इन मांगों  पर श्रद्धांजलि सभा और आक्रोश मार्च में शामिल पत्रकारों ने अपनी सहमति दी। आक्रोश मार्च में बड़ी संख्या में विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनलों, यूट्यूब,वेब चैनलों, बेवसाइट पोर्टलों से जुड़े पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

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