ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,
सावन की पहली चंद घंटों की हल्की बारिश में हीं मुजफ्फरपुर नगर निगम की खुली पोल, मिट्टी से लबालब भरे नालों के कारण दर्जनों इलाकों में हुए जलजमाव से लोग परेशान
सावन में पहली बार हुए चंद घंटों की बारिश ने वागत वर्षो की भांति इस वर्ष भी मुजफ्फरपुर नगर निगम की पोल खोल दी है। मुजफ्फरपुर नगर निगम के वार्ड 40 सहित कई क्षेत्रों समेत शहर से सटे पंचायत क्षेत्रों में भी जलजमाव हो गया है। नालों के मिटटी से लबालब भरे होनें के कारण हुए जलजमाव से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मानसून की पहली फुहार में हीं मुजफ्फरपुर शहर के वार्ड 40 अंतर्गत पुरानी गुदरी रोड, स्टेशन रोड, बालूघाट समेत कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया। जबकि, शहर से सटे भगवानपुर पंचायत के भी कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया। जिस कारण लोगों को काफी परेशानी हुई । मिठनपुरा के कुछ इलाकों में भी जलजमाव हो गया है। स्कूली बच्चे हाथ में जूता लेकर घर जा रहे है। लोग गंदे पानी से होकर जलजमाव से बाहर निकल रहे है। सदर अस्पताल में भी कई जगहों पर जलजमाव हो गया जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों का कहना था कि हमलोग यहां अपना इलाज करवाने आते है। लेकिन गंदे पानी के कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती है। पुराणी गुदरी रोड में विगत 55 वर्षों से रह रहे मुन्ना जी और मो.मन्नोवर नें बताया की विगत 11 वर्षों से पुराणी गुदरी रोड के दोनों तरफ बनें नालों से कागजों पर हीं मिटटी उड़ाही होते रहनें के कारण 1 घंटे की हल्की बारिस में हीं सड़क पर और सड़क के दोनों तरफ के अधिकांश पुरानें घरों में नाले का पानी घुस जाता है. मोहल्लेवासियों ने बताया की काफी उम्मीद के साथ इस वर्ष अप्रैल में हुए नालों की कागजी सफाई की प्रमाण सहित सूचना से नवनिर्वाचित वार्ड 40 के पार्षद,उप-महापौर और महापौर को अवगत कराया गया था, लेकिन न तो भ्रष्ट निगम कर्मियों पर कोई कार्रवाई हुई और ना ही नालों की वास्तविक सफाई हुई और इसी का नतीजा है कि विगत वर्षों की भांति इस इलाके के अधिकांश घरों में कुछ देर की वर्षा में हीं नाले का पानी घुस गया है. गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। अब देखना है की क्या नगर आयुक्त इन कागजी तैयारियों पर क्या कोई कार्रवाई करतें है या मुजफ्फरपुर वासी विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी आगामी कुछ माह तक घरों में घुसे नाले के पानी में जीने को विवश होंगे.