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छात्र-छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण में नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से हुए रूबरू

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छात्र-छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण में नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से हुए रूबरू

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,   

रामदयालु सिंह महाविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण में नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से हुए रूबरू

रामदयालु सिंह महाविद्यालय के  स्नातकोत्तर प्राचीन इतिहास विभाग में अध्ययनरत तृतीय सेमेस्टर के छात्र- छात्राओं ने ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष स्थल पर जाकर इसके इतिहास को जाना। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.अमिता शर्मा ने बताया कि छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक परिभ्रमण रोचक तरीके से व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने का अच्छा माध्यम है। शैक्षिक भ्रमण छात्रों का सर्वांगीण विकास करता है। उन्होंने शैक्षिक परिभ्रमण में गए छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ.कहकशां ने बताया कि प्राचीन इतिहास के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक भ्रमण के दौरान नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास से अवगत कराया गया। छात्र-छात्राओं ने जाना कि प्राचीन काल से नालंदा विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केंद्र था। महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा केंद्र में हीनयान बौद्ध धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का बहुत कुछ अंदाज करा देते हैं। चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा इत्सिंग के यात्रा विवरणों से इस विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। यहां 10,000 छात्रों को पढ़ाने के लिए 1000 शिक्षक थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने सातवीं शताब्दी में यहां जीवन का महत्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। बिहार के नालंदा में स्थित इस विश्वविद्यालय में आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच दुनिया के कई देशों से हजारों छात्र पढ़ने आते थे। यहां नौ मंजिला पुस्तकालय था। स्रोत के अनुसार यहां तीन लाख से अधिक किताबें थी। क्लासरूम और पुस्तकालय मिलाकर लगभग तीन सौ कमरे थे, अन्य विषयों के अलावा यहां राजनीति, शिक्षा, इतिहास एवं ज्योतिष विज्ञान की भी शिक्षा दी जाती थी। शैक्षणिक परिभ्रमण के दौरान विभाग के डॉ.संजय कुमार सुमन, डॉ.एम एन.रजवी एवं डॉ.अजमत अली ने छात्र-छात्राओं को नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास से अवगत कराया। शैक्षणिक परिभ्रमण में राजकुमार, मोहन कुमार, संदीप कुमार, शैलेश कुमार मिश्रा, रामू शाह, रीना राज, गुंजा, आंशिक कुमारी सहित दर्जनों विद्यार्थी शामिल थे ।

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