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मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र

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मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र

मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्रबीआरएबीयू में नई शिक्षा नीति- “ओरिएंटेशन और सेंसटाइजेशन” पर आठ दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण  कार्यक्रम प्रारम्भ

ध्रुव कुमार सिंह, मुज़फ्फरपुर/पटना, बिहार, 

मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, बीआरएबीयू में नई शिक्षा नीति- “ओरिएंटेशन और सेंसटाइजेशन” पर आठ दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता सह वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखक डॉ.प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि वैदिक युग से लेकर आज तक भारत में शिक्षा का मूल तात्पर्य यह है कि मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में वह हमारा सच्चा पथ- प्रदर्शन करती है। ज्ञान मनुष्य का तीसरा नेत्र होता है जो उसे समस्त तत्वों के मूल को जानने में सहायता करता है तथा सही कार्यों को करने की विधि बताता है। प्राचीन भारत के मनीषियों ने इस बात को भली भांति परिचित कराया है कि शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास, सामाजिक और राष्ट्रीय प्रगति तथा सभ्यता और संस्कृति के उत्थान के लिए अनिवार्य है। डॉ.सिंह नें शिक्षा के उद्देश्य एवं वैदिक युगीन शिक्षा की विशेषताएं, एवं बदलते परिवेश में आज की नई शिक्षा प्रणाली पर विस्तार से प्रकाश डाला। यूजीसी-एमएमटीसी (एचआरडीसी) के निदेशक डॉ.राजीव कुमार झा ने बताया कि नई शिक्षा नीति पर ओरिएंटेशन और सेंसटाइजेशन कार्यक्रम 8 दिनों तक चलेगा। आठ दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण विषय भारतीय शिक्षा प्रणाली, हॉलिस्टिक और मल्टीडिसीप्लिनरी शिक्षा, एकेडमिक लीडरशिप, उच्च शिक्षा और समाज, शोध और विकास, स्किल डेवलपमेंट, स्टूडेंट डाइवर्सिटी एंड इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर विषय विशेषज्ञों द्वारा दो सत्र में व्याख्यान दिए जाएंगे। डॉ.झा ने बताया कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के सभी स्तर के शिक्षकों को इस प्रोग्राम को अनिवार्य रूप से करना है। नई शिक्षा नीति के इस प्रोग्राम को चलाने के लिए बिहार में चार केंद्र बनाए गए हैं और पूरे देश भर में 111 केंद्र बनाए गए हैं। देश भर में 15 लाख प्राध्यापकों को नई शिक्षा नीति के इस अभियान से जोड़ना है। लगभग 200 शिक्षकों ने इस प्रोग्राम के लिए यूजीसी में रजिस्ट्रेशन कराया है। प्रोग्राम के अंतिम दिन एक टेस्ट परीक्षा ली जाएगी जिसमें अनिवार्य रूप से सबों को भाग लेना है। उसके बाद सभी पंजीकृत प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र  भी प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ.सुनीता कुमारी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ललित किशोर ने किया।

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