Home Pradesh Bihar  बाल विवाह उन्मूलन विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

 बाल विवाह उन्मूलन विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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 बाल विवाह उन्मूलन विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

बिपार्ड के तत्वाधान में साइबर क्राइम, मानव तस्करीनशा मुक्तिघरेलू हिंसादहेज प्रथा, बाल श्रम, बाल विवाह उन्मूलन विषयक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुज़फ्फरपुर, बिहार,  

बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के तत्वाधान में जिला परिषद सभागार मुजफ्फरपुर में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की शुरुआत जिला पंचायती राज पदाधिकारी नवीन कुमार एवं बिपार्ड, पटना से आए प्रशिक्षकों के द्वारा दीप जलाकर किया गया। जिसके बाद जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने उपस्थित न्याय मित्रों को संबोधित किया। बाल विवाह के मुद्दे पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री नवीन कुमार ने अपने विचार रखे और इस संबंध में न्याय मित्रों को कानूनी और सामाजिक बातें बताई। कार्यशाला में डॉ.अमन कुमार ने न्याय मित्रों को कार्यशाला में साइबर क्राइम, मानव तस्करी, नशा मुक्ति, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा, बाल श्रम, बाल विवाह उन्मूलन आदि मुद्दों से परिचित कराते हुए विषय प्रवेश कराया। प्रथम सत्र में सुरेश कुमार ने बाल श्रम के मुद्दे पर अपनी बात रखी। श्री कुमार ने कहा कि बाल श्रम एक मांग जनित समस्या है। श्री कुमार ने अपने कई अनुभवों को साझा करते हुए न्याय मित्रों को बाल श्रम कानून से संबंधित कई अहम जानकारियां दी। श्री कुमार ने बताया कि सही मायने में बच्चा कौन है,बाल श्रम क्या है, उन्होंने कहा कि अनाथ, मजबूर बच्चों के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं, आप सब उसकी जानकारी रखें, खुद को अपडेट रखें, ताकि आप समय पर जरूरतमंद बच्चों की मदद कर सके। उन्होंने यह भी बताया कि अगर आपकी जानकारी में कोई बच्चा इस तरह की समस्याओं में है तो आप इसकी जानकारी 1098 टोल फ्री नंबर पर दे सकते हैं या जिला स्तरीय श्रम संसाधन विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला स्तरीय प्रशासन, एलईओ आदि के सहयोग से आप उस बच्चे कि मदद कर सकते हैं। उन्होंने विस्तृत रूप से यह बताया कि सामाजिक जागरूकता और हम सब की सहभागिता से ही बाल श्रम जैसी सामाजिक कुरीतियों से ही मुक्ति पाई जा सकती है। कार्यशाला के दुसरे सत्र में संतोष पांडेय ने मानव तस्करी के मुद्दे पर कहा कि निश्चित रूप से एक सभ्य और शिक्षित समाज के लिए मानव तस्करी एक अभिशप्त अपराध है। श्री पांडेय ने मानव तस्करी के संबंध में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में मानव तस्करी के शिकार लोगों में लगभग एक तिहाई लोग भारत के है। मानव तस्करी जैसे संगठित अपराध से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं। अपने पंचायत के न्याय मित्र होने के नाते पंचायत स्तर पर कोई समस्या दिखने पर उसका त्वरित निदान कर सकते हैं। ऐसे मामलों में तत्काल मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1098 पर संपर्क किया जा सकता है साथ ही स्थानीय पुलिस-प्रशासन,112, AHTU (मानव तस्करी रोधी इकाई) से संपर्क किया जा सकता है साथ ही उन्होंने बाल श्रम, मानव तस्करी जैसे मामलों में शिकायत के लिए पेंसिल पोर्टल के संबंध में भी बताया। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह की समस्या से पीड़ित हो तो सरकार द्वारा मुआवजे का भी प्रावधान है, इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल NLSA पर आवेदन किया जा सकता है। श्री पांडेय ने मानव तस्करी को रोकने के लिए भारत के संविधान में जो कानून बनाये गए हैं उसके संदर्भ में भी न्याय मित्रों को बताया। कार्यशाला में शामिल न्याय मित्रों को मानव व्यापार के बदलते स्वरूप उससे होने वाले नुकसान के विषय में बताया साथ ही उससे कैसे निपटें, कैसे सतर्कता रखें यह जानकारी भी दी। कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने मुद्दे से जुड़े सवालों को साझा किया और जानकारी प्राप्त कि। श्री पांडेय ने बाल विवाह के मुद्दे पर कहा कि बाल विवाह भी कुछ हद तक मानव तस्करी जैसे संगठित अपराध से इसकी कड़ियां जुड़ी है। बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप है। श्री पांडेय ने बाल विवाह से जुड़े अपने कार्य क्षेत्र के कई अनुभवों को विस्तार पूर्वक साझा किया और इसके दुष्परिणाम बताए। समाज और बच्चों को इससे होने वाले नुकसान के संदर्भ में भी उन्होंने बात कही। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए टोल फ्री नंबर-1098,100,1090, जिला कार्यालय कंट्रोल-07482-222784 पर संपर्क किया जा सकता है। हर राज्य में बाल विवाह निषेध अधिकारी हैं उनसे भी सहयोग लिया जा सकता है। बाल विवाह और खास कर बच्चियों की कम उम्र में शादी स्वास्थ्य, समाज और देश हित में नहीं है। सरकार की शिक्षा नीतियों से भी इसमें काफी सुधार हुआ है आप सब को जागरूक रहने की आवश्यकता है।

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