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राष्ट्रपति दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए

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राष्ट्रपति दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए
राष्ट्रपति, राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी
संस्थान, लखनऊ के द्वितीय दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए
राष्ट्रपति ने संस्थान के विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्र-छात्राओं
को स्वर्ण पदक तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया
भारत के पास 5डी-डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजायर और ड्रीम,
यह 5डी देश की विकास यात्रा में अत्यंत लाभकारी होगा : राष्ट्रपति
देश आज विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था,
वर्ष 2030 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर
हम सभी का सपना, वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित देश बने
आई0आई0आई0टी0, लखनऊ समाज एवं उद्योग जगत के सामने आने वाली चुनौतियों 
के निदान एवं समय के साथ उपजी मांगों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध
हम चौथी औद्योगिक क्रान्ति के जन्म के साक्षी बन रहे
आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस मानव जीवन को आसान बनाने और
उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा
उ0प्र0 सरकार ने प्रमुख शहरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा इन्फॉर्मेशन
टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने की अपनी योजना शुरू की
शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाते हुए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान,
लखनऊ समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रतिबद्धता पूर्वक कार्य कर रहा : राज्यपाल
समग्र शिक्षा न केवल तकनीकी कौशल बल्कि आजीवन सफलता
के लिए आवश्यक रचनात्मकता को पोषित करने की कुंजी
देश के युवाओं को प्रेरित करने और नई दिशा देने के लिए
उ0प्र0 की राजधानी में राष्ट्रपति जी का आगमन प्रेरणा का स्रोत : मुख्यमंत्री
 
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम नए भारत का दर्शन कर रहे
 
भारत ने विगत 09-10 वर्षों में अपने युवाओं के लिए
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सम्भावनाओं के अनेक द्वार खोले
 
दीक्षान्त उपदेश भारत की प्राचीन परम्परा का प्रतिनिधित्व करता
 
तकनीक के युग में ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस तथा
ईज़ ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत आसानी हुई
 
प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2027 तक देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की
इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया, उ0प्र0 अपनी अर्थव्यवस्था को
01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में अग्रसर
 
उ0प्र0 में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए आई0आई0आई0टी0
के समक्ष एक साझेदार के रुप में कार्य करने का बेहतरीन अवसर
 
यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से
अब तक 40 लाख करोड़ रु0 के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए

लखनऊ :

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु  , उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल   तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ (आई0आई0आई0टी0) के द्वितीय दीक्षान्त समारोह में सम्मिलित हुए। समारोह में राष्ट्रपति जी ने संस्थान के विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। राष्ट्रपति जी के समक्ष उपाधि प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की शपथ दिलायी गई।
इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति   ने कहा कि आज भारत के पास 5डी- डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजायर और ड्रीम है। यह 5डी देश की विकास यात्रा में अत्यंत लाभकारी होगा। भारत की अर्थव्यवस्था जो एक दशक पहले 11वें पायदान पर थी, आज विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा वर्ष 2030 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है। देश की 55 प्रतिशत से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है। भारत एक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक राष्ट्र है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि हम सभी का सपना है कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित देश बने। आप सभी का दायित्व है कि आप न केवल इस विजन के भागीदार बनें बल्कि इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व लगा दें। आप सभी को प्रतिज्ञा करनी होगी कि जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहा हो तब आने वाली पीढ़ियां एक ऐसे भारत में जन्म लें जो सम्पन्न हो, समृद्ध हो और जहां समावेशी विकास हो।
राष्ट्रपति   ने कहा कि संस्थान के ‘लोगो’ में ‘विद्यां ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्’ श्लोक उल्लेखित है, जिसका अर्थ है कि विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है। इस श्लोक की दूसरी पंक्ति ‘पात्रत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्मं ततः सुखम्’ का अर्थ है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान के विद्यार्थी संस्थान के आदर्श वाक्य के अनुकूल आचरण करते हुए, नैतिकता के साथ समाज और देश के सशक्त और समृद्ध भविष्य के लिए कार्य करेंगे।
राष्ट्रपति   ने कहा कि आई0आई0आई0टी0, लखनऊ को संसद के अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया गया है। यह दर्जा संस्थान की योग्यता, सामर्थ्य, और दक्षता का परिचायक है। इस स्टेटस के साथ देश और समाज संस्थान से आशा करता है कि संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में न केवल सर्वोच्च मानकों पर खरा उतरेगा, बल्कि उत्कृष्टता और सर्वश्रेष्ठता के ऐसे आयाम स्थापित करेगा, जो स्वयं में मापदंड होंगे।
राष्ट्रपति   ने कहा कि इंजीनियरिंग, तकनीक और व्यवसाय जैसे विषयों में आई0आई0आई0टी0 द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा, शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक और शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थी शैक्षणिक जगत के शीर्षतम पायदान पर खड़े हैं। आई0आई0आई0टी0 का भारतीय परंपरा को बुनियाद बनाकर क्षेत्रीय भाषाओं में ज्ञान अर्जित कराने की सोच एक सकारात्मक कदम है। यह कदम भाषाई सीमाओं की वजह से ज्ञान संवर्द्धन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में बड़ा कदम साबित होगा। अनुसंधान एवं विकास को कार्यकारी एवं मूर्त रूप देकर समाज तक पहुंचाने एवं वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के समाधान योग्य बनाने के लिए इन्क्यूबेशन सेन्टर सी0आर0ई0ए0टी0ई0 की स्थापना सराहनीय एवं प्रशंसनीय कदम है।
राष्ट्रपति   ने कहा कि आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस और इसके अनुप्रयोगों पर केंद्रित पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को नए तकनीकी परिदृश्य की ओर जाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आई0आई0आई0टी0, लखनऊ समाज एवं उद्योग जगत के सामने आने वाली चुनौतियों के निदान एवं समय के साथ उपजी मांगों के लिए विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देश का पहला संस्थान है जिसने नई शिक्षा नीति के विजन को ध्यान में रखते हुए डिजिटल बिजनेस के लिए एम0बी0ए0 प्रोग्राम शुरू किया है। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल डिजिटल युग के लिए तैयार करने में सहायक साबित हुई है, बल्कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुकूल भी है।
राष्ट्रपति   ने कहा कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। हम चौथी औद्योगिक क्रान्ति के जन्म के साक्षी बन रहे हैं। आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस मानव जीवन को आसान बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा है। अपने व्यापक अनुप्रयोगों के साथ, ए0आई0 और मशीन लर्निंग हमारे जीवन के लगभग सभी पहलुओं को छू रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, अवसंरचना, स्मार्ट सिटी, परिवहन आदि सभी क्षेत्रों में ए0आई0 और मशीन लर्निंग दक्षता और कार्य क्षमता में व्यापक पैमाने पर सुधार करने के अनेकानेक अवसर प्रस्तुत कर रहा है।
राष्ट्रपति   ने कहा कि प्रथम और द्वितीय औद्योगिक क्रान्ति के दौरान भारत औपनिवेशवादी ताकतों की जकड़ में था। तृतीय औद्योगिक क्रान्ति के दौरान देश स्वतंत्रता के बाद उपजी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के निदान में लगा हुआ था, लेकिन आज भारत न केवल चौथी औद्योगिक क्रान्ति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स तथा ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीकों के ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है।
राष्ट्रपति   ने कहा कि भारत सरकार ए0आई0 के प्रति मिशन सेन्ट्रिक एप्रोच के साथ काम कर रही है। भारत सरकार ने वर्ष 2018 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए राष्ट्रीय रणनीति प्रकाशित की थी। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रमुख शहरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने की अपनी योजना शुरू की है। ए0आई0 एवं अन्य समकालीन तकनीकी विकास असीमित एवं अभूतपूर्व डेवलपमेन्टल एवं ट्रांसफॉरमेटिव संभावनाएं प्रदान करता है, लेकिन हम सभी को महात्मा गांधी का यह कथन भी याद रखना होगा कि चरित्र के बिना ज्ञान घातक है। यह आवश्यक है कि ए0आई0 प्रयोग के साथ उत्पन्न हुई नैतिक दुविधाओं का निराकरण सबसे पहले हो। चाहे ऑटोमेशन के कारण उत्पन्न हुई रोजगार की समस्या हो, या आर्थिक असमानता की चौड़ी होती खाई हो या फिर ए0आई0 के परिणामों में आने वाला मानवीय पूर्वाग्रह, हर समस्या के लिए रचनात्मक हल ढूढ़ने होंगे।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ इमोशनल इंटेलीजेंस को भी महत्व दें। यह याद रखना होगा कि ए0आई0 साध्य नहीं बल्कि एक साधन हो जिसका उद्देश्य मानव जीवन की गुणवत्ता बढ़ाना हो। प्रत्येक निर्णय से सबसे निचले पायदान पर खड़ा व्यक्ति लाभान्वित हो। इसके लिए जरूरी है कि महात्मा गांधी के ‘रिकॉल द फेस ऑफ द पुअरेस्ट’ मंत्र को अपने जीवन का मूल मंत्र बनायें।
समारोह को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने कहा कि आज का दिन न केवल उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए बल्कि उनके अभिभावकों, संस्थान के सभी शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। संस्थान के छात्र-छात्राओं से न केवल अभिभावकों और संस्थान की, बल्कि देश के करोड़ों नागरिकों की आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं।
राज्यपाल   ने कहा कि तेजी से तकनीकी विकास और गतिशील कार्यस्थल परिदृश्य द्वारा परिभाषित उद्योग के इस युग में समग्र शिक्षा के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। शैक्षणिक ज्ञान, समग्र दृष्टिकोण, महत्वपूर्ण शोध, सोच, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और प्रभावी संचार कौशल के विकास के साथ नवाचार को बढ़ावा देने तथा वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। समग्र शिक्षा न केवल तकनीकी कौशल बल्कि आजीवन सफलता के लिए आवश्यक रचनात्मकता को पोषित करने की कुंजी है। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाते हुए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रतिबद्धता पूर्वक कार्य कर रहा है। संस्थान का बहुविषयक पाठ्यक्रम प्रौद्योगिकी और प्रबंधन का सहज मिश्रण है, जो छात्र छात्रों को गतिशील और रोजगार प्राप्ति में सक्षम बनाता है। संस्थान के छात्र-छात्राओं का प्रभावशाली प्लेसमेंट प्रदान की गई शिक्षा की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आई0आई0आई0टी0 के द्वितीय दीक्षान्त समारोह में डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश दुनिया में एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। भारत ने विगत 09-10 वर्षों में अपने युवाओं के लिए जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सम्भावनाओं के अनेक द्वार खोले हैं। देश के युवाओं को प्रेरित करने और नई दिशा देने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रपति जी का आगमन प्रेरणा का स्रोत है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दीक्षान्त उपदेश भारत की प्राचीन परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है। तैत्तिरीय उपनिषद के अनुसार प्राचीन गुरुकुलों में आयोजित होने वाले समावर्तन समारोह में ‘सत्यं वद, धर्मं चर’ का उल्लेख होता था। अर्थात अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में तथा जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सत्य का आचरण करना। धर्म का मतलब केवल उपासना विधि से नहीं है, बल्कि धर्म अपने कर्तव्य तथा नैतिक मूल्यों के प्रति हमें जागरूक करता है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि धर्म अपने कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा प्रदान करता है। इसी शाश्वत व्यवस्था को भारतीय मनीषा ने धर्म माना है। इस मार्ग का अनुसरण करते हुए जीवन संग्राम में हमें स्वयं को योग्य बनाना है। आज तकनीक इसका सशक्त माध्यम है। तकनीक के इस युग में ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस तथा ईज़ ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत आसानी हुई है। भ्रष्टाचार पर प्रहार हुआ है। तकनीक लोगों के जीवन में परिवर्तन करने का माध्यम बनी है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2027 तक देश को 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का संकल्प लिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अपनी अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में अग्रसर हुआ है। जरूरत के अनुरूप तकनीक का उपयोग आज की आवश्यकता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के साथ-साथ डिजिटल रिलेशन और वर्चुअल कनेक्टिविटी के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उत्तर प्रदेश में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए आई0आई0आई0टी0 के समक्ष एक साझेदार के रुप में कार्य करने का बेहतरीन अवसर है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि फरवरी, 2023 में आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से अब तक 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश को डाटा सेन्टर का हब बनाने, सेमी कण्डक्टर स्टार्टअप तथा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग से सम्बन्धित अनेक प्रस्ताव शामिल हैं। उत्तर भारत का पहला डाटा सेन्टर ग्रेटर नोएडा में प्रारम्भ हो चुका है। प्रदेश में इस नये डाइमेंशन से सम्बन्धित क्षेत्र के लिए ट्रेण्ड और इम्पू्रव्ड मैनपावर की आवश्यकता महसूस की जाती है। सभी युवा इस क्षेत्र में अपना कैरियर आगे बढ़ा सकते हैं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी पर केन्द्रित आई0आई0आई0टी0 लखनऊ जैसे संस्थानों के छात्र इस दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी छात्र अपनी प्रतिभा, ऊर्जा, ज्ञान तथा कौशल का उपयोग देश और प्रदेश के विकास में करेंगे तथा आई0आई0आई0टी0 लखनऊ के गौरव को बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री जी ने ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ में प्रदेश की सम्भावनाओं के साथ कार्य करने के लिए युवाओं को आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि टेक्नोलॉजी और डिजिटाइजेशन ने ईज़ ऑफ लिविंग के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ी मदद की है। ग्रामीण क्षेत्रों मे टेक्नोलॉजी का उपयोग करके लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया जा सकता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटल हॉस्पिटल तथा सबको सुरक्षा प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस का उपयोग कर हम इस दिशा में बेहतर कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में कार्य किए हैं, जिसमें हमें व्यापक सफलता मिली है।
इस अवसर पर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन, श्री विशद पद्मनाभ मफतलाल, निदेशक डॉ0 अरुण मोहन शेरी सहित गणमान्य व्यक्ति तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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