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मुख्यमंत्री ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरित किए

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मुख्यमंत्री ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरित किए
विश्व दिव्यांग दिवस
वर्ष 2022-23 में हाई स्कूल एवं इण्टर की
परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया
 
जब भी दिव्यांगजन को अवसर मिला है, तो
उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया : मुख्यमंत्री
 
प्रधानमंत्री जी ने दिव्यांगजन को आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन की ओर
अग्रसर करने के लिए नया शब्द दिव्यांग दिया
 
प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2016 में लागू दिव्यांगजन अधिकार
अधिनियम को राज्य सरकार ने पूर्ण रूप से अंगीकृत किया
 
राज्य सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं
एवं कार्यक्रमों में प्रदान की जाने वाली धनराशि में वृद्धि की
 
दिव्यांगजन को प्रतिमाह मिलने वाली पेंशन को बढ़ाकर 01 हजार रु0 प्रतिमाह किया
 
प्रदेश में सहायक उपकरण वितरण के कार्य सभी जनपदों में युद्धस्तर पर किये जा रहे
 
उ0प्र0 परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजनों को निःशुल्क यात्रा
की सुविधा दी जा रही, सरकार प्रतिवर्ष इसके लिए 40 करोड़ रु0 दे रही
 
वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 तक 1,638 करेक्टिव सर्जरी और 360
बच्चों की कॉक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी की जा चुकी, वर्ष 2023-24
के बजट में इसके लिए 07 करोड़ 48 लाख रु0 आवंटित किये गये
 
दिव्यांगजन के लिए प्री-प्राइमरी के 08 बचपन
डे केयर सेण्टर की संख्या को बढ़ाकर 25 किया गया
 
वर्तमान में 06 नवीन राजकीय मानसिक मंदित
आश्रय गृह की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया गया
 
दिव्यांगजन के लिए 2023-24 में 05 समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों का संचालन किया जा चुका, वर्तमान में 08 विद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर
 
उ0प्र0 देश का पहला राज्य है, जहां दिव्यांगजन के लिए 02 विश्वविद्यालय
 
चीन में सम्पन्न पैरा एशियन खेलों में 111 मेडल देश के खिलाड़ियों
ने जीते, प्रदेश सरकार इनके सम्मान की कार्यवाही आगे बढ़ा रही

लखनऊ :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   ने कहा कि जब भी दिव्यांगजन को अवसर मिला है, तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। ऋषि अष्टावक्र, संत सूरदास, भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग तथा जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के बारे में सभी जानते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजन को आत्मनिर्भरता और स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने के लिए, उन्हें विकलांग के स्थान पर नया शब्द दिव्यांग दिया। यह शब्द स्वयं में एक सम्मान है।
मुख्यमंत्री   विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर यहां डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने राज्यस्तरीय पुरस्कार से श्री सुनील कुमार वर्मा, सुश्री पायल कश्यप, श्री पीयूष गोयल, श्रीमती नसीमा बेगम, कु0 साराह मोईन तथा पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जनपद रामपुर को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2022-23 में हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों श्री उमेश चन्द्र तथा श्री सौरभ कुमार एवं इण्टर की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों श्री अखिलेश कुमार और श्री अनिल कुमार को भी सम्मानित किया। उन्होंने सभी को विश्व दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी दिव्यांगजन के सशक्तिकरण तथा स्वावलम्बन के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाने तथा उन प्रयासों को आगे बढ़ाने की दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। जो लोग अपने परिवार से ही उपेक्षित हो जाते हैं, अक्सर समाज का व्यवहार भी उनके प्रति उपेक्षा का होता है। अगर कोई व्यक्ति, संगठन अथवा संस्था निःस्वार्थ भाव से दिव्यांगजन के स्वावलम्बन तथा उत्थान के लिए कार्य करती है, तो वह अभिनन्दनीय है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक अथवा मानसिक, अपरिपक्वता की स्थिति में है, तो उनके प्रति व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। दिव्यांगजन प्रतिभा से भरपूर हैं। यदि सरकार की सहायता को समाज या प्रशासन के माध्यम से दिव्यांगजन तक समयबद्ध रूप से पहुंचा दिया जाए, तो वह स्वयं समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं। उनमें यह सामर्थ्य है। अगर दिव्यांगजन को सरकार और समाज का सम्बल मिल जाए तो वे सब कुछ कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम देश में लागू किया। राज्य सरकार ने अधिनियम को पूर्ण रूप से अंगीकृत कर अपनी कार्यवाही को आगे बढ़ाकर एक वैधानिक व्यवस्था बनायी।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन कल्याण से जुड़ी पूर्व से संचालित कई योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली धनराशि में वृद्धि की है। पहले दिव्यांगजन को प्रतिमाह पेंशन के रूप में 300 रुपये मिलते थे, इसे बढ़ाकर 01 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। प्रदेश के लगभग 10 लाख दिव्यांग इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। वर्ष 2016-17 में दिव्यांग कल्याण के अन्तर्गत प्रदेश का बजट 312 करोड़ रुपये था। यह वर्तमान में 1,120 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि कुष्ठ रोग से ग्रसित दिव्यांगजन को सरकार द्वारा दी जाने वाली पेंशन राशि को 2,500 रुपये से बढ़ाकर 03 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। प्रदेश में ट्राइसाइकिल, हियरिंग ऐड, मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल तथा एम0आर0 किट सहित कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरण के कार्य सभी जनपदों में कैम्प लगाकर युद्धस्तर पर किये जा रहे हैं। सभी 80 लोक सभा क्षेत्रों में 08 हजार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल का वितरण किया गया है। सरकार ने दिव्यांगजनों को बाधा रहित वातावरण दिये जाने के लिए रैम्प, साइनेज, टेकटाइल्स, बाधा रहित शौचालय सहित यूटीलिटी से जुड़े भौतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रयास किये हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजनों को निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष इसके लिए 40 करोड़ रुपये दे रही है। 4,342 दिव्यांगजन को शादी प्रोत्साहन धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। दिव्यांगजन की चिकित्सा अनुदान की धनराशि को 10 हजार रुपये किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार कॉक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी के लिए प्रत्येक लाभार्थी को 06 लाख रुपये उपलब्ध करा रही है। वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 तक 1,638 करेक्टिव सर्जरी और 360 बच्चों की कॉक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी की जा चुकी है। वर्ष 2023-24 के बजट में इसके लिए 07 करोड़ 48 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं। इसके माध्यम से 124 कॉक्लियर इम्प्लाण्ट सर्जरी तथा 41 करेक्टिव सर्जरी किये जाने की प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दिव्यांगजन के लिए प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक प्रदेश सरकार ने अनेक कार्य प्रारम्भ किये हैं।  प्री-प्राइमरी के 08 बचपन डे केयर सेण्टर की संख्या को बढ़ाकर 25 किया गया है। मानसिक मंदित दिव्यांगजन के लिए प्रदेश में 03 राजकीय मानसिक मंदित आश्रय गृह मेरठ, बरेली तथा गोरखपुर में संचालित हैं। वर्तमान में 06 नवीन केन्द्रों की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ाया गया है। वर्ष 2021-22 से स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से भी 22 मानसिक मंदित आश्रय गृह एवं 10 हाफ वे होम/लॉन्ग स्टे होम के संचालन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दृष्टि बाधित और श्रवण बाधित विद्यार्थियों के लिए विद्यालय की स्थापना की गयी है। दिव्यांगजन के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समेकित शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में 05 समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालयों का संचालन किया जा चुका है तथा वर्तमान में 08 विद्यालयों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दिव्यांगजन को उच्च तथा तकनीकी शिक्षा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार के स्तर पर प्रयास हुए हैं। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां दिव्यांगजन के लिए 02 विश्वविद्यालय हैं। डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के संचालन के साथ ही, जनपद चित्रकूट में संचालित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय की मान्यता दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओलम्पिक तथा पैरालम्पिक खेलों में देश व प्रदेश के खिलाड़ियों ने पहले की तुलना में ज्यादा पदक जीते हैं। हाल ही में चीन में सम्पन्न पैरा एशियन खेलों में 111 मेडल देश के खिलाड़ियों ने जीते हैं। प्रदेश सरकार इनके सम्मान की कार्यवाही आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दिव्यांग बच्चों में छुपी प्रतिभा को समय से पहचानना तथा उनका उपचार करना आवश्यक है। यदि समाज उनका सम्बल बनकर खड़ा हो जाए और सरकार का प्रोत्साहन उनके साथ जुड़ जाए तो वे भी समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं और समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेन्द्र कश्यप, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण श्री सुभाष चन्द्र शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, अपर निदेशक सूचना श्री अंशुमान राम त्रिपाठी, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर0के0पी0 सिंह सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।

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