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मुख्यमंत्री ने ‘बी-पैक्स सदस्यता महा अभियान-2023’ का शुभारम्भ किया

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मुख्यमंत्री ने ‘बी-पैक्स सदस्यता महा अभियान-2023’ का शुभारम्भ किया
बी-पैक्स (साधन सहकारी समितियां) सदस्यता महा अभियान-2023, 01 से 30 सितम्बर, 2023 तक पूरे प्रदेश में आयोजित किया जा रहा
बी-पैक्स सदस्यता अभियान से जुड़ने के लिए आॅन लाइन पोर्टल www.pacsmember.in और टोल फ्री नम्बर 1800212884444 का शुभारम्भ किया
प्रदेश के 7,500 पैक्स में फर्टिलाइजर आदि की खरीद के लिए क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किये जाने की निर्देश
प्रदेश भर में सहकारी बैंकों की नई शाखाएं खोलने के लिए मैपिंग कराने हेतु सहकारिता विभाग को निर्देशित किया गया
यह अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़कर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को नई गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा: मुख्यमंत्री
सहकारिता प्राचीन काल से ही भारतीय परम्परा का  अभिन्न अंग, संयुक्त परिवारों की परम्परा इसका एक आदर्श उदाहरण
प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘सहकार से समृद्धि की ओर’ ध्येय वाक्य को ध्यान में रखकर वर्ष 2021 में केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया
डबल इंजन की सरकार सहकारिता को समृद्धि के साथ जोड़ते हुए इसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रही
सहकारिता की सबसे आधारभूत इकाई पैक्स अभी तक बीज और खाद बेचने तक सीमित रहती, अब इसे कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा
प्रदेश के किसानों को समय पर बीज, खाद और अन्य संसाधन प्राप्त हों तथा समय पर हमारी यह समस्त इकाइयां
प्रभावी ढंग से कार्य करना प्रारम्भ कर दें, तो अन्नदाता किसान धरती से सोना उगाने का काम करेगा
डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से 11 जिला सहकारी बैंक लाभ की स्थिति में
प्रदेश में बाजार और व्यवसाय की कमी नहीं, नेक नीयत और इच्छा शक्ति होना आवश्यक: मुख्यमंत्री
प्रदेश में 56 हजार बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट सखी सफलतापूर्वक बैंकों से सम्बन्धित समस्त लेनदेन का कार्य कर रही
सहकारी बैंकों की शाखाएं खोलने के साथ-साथ बी0सी0 सखी को इससे जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए
‘एक जिला, एक सहकारी बैंक’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, इस सम्बन्ध में राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान करेगी
प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें ‘लोकल फोर ग्लोबल’ के बारे में विचार करना होगा
स्थानीय उत्पाद की पैकेजिंग, डिजाइनिंग, मार्केटिंग के लिए एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा बड़े अभियान को चलाया जा रहा
हस्तशिल्पियों और कारीगरों को सहकारी बैंकों से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए, इससे इनके व्यवसाय में वृद्धि होगी तथा इनके परिवार स्वावलम्बन की ओर अग्रसर होंगे
प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ राष्ट्रीय योजनाएं बन चुकी

 

लखनऊ: 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ‘सहकार से समृद्धि की ओर’ ध्येय वाक्य को ध्यान में रखकर वर्ष 2021 में केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया। यह सहकारिता को आम नागरिक के जीवन में समृद्धि का माध्यम बनाकर  स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश के पहले सहकारिता मंत्री के रूप में गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सहकार को समृद्धि के साथ जोड़ते हुए सहकारिता की आधारभूत इकाई पैक्स को मजबूत बनाने पर बल दिया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘बी-पैक्स सदस्यता महा अभियान-2023’ का शुभारम्भ करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम मंे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। बी-पैक्स (साधन सहकारी समितियां) सदस्यता महा अभियान-2023 (01 से 30 सितम्बर, 2023) तक पूरे प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने बी-पैक्स सदस्यता अभियान से जुड़ने के लिए आॅन लाइन पोर्टल www.pacsmember.in और टोल फ्री नम्बर 1800212884444 का शुभारम्भ किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़कर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को नई गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। समाज को साथ लेकर चलने वाले लोग इसके माध्यम से चुनकर आएंगे और सहकारिता आंदोलन को प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सहकार से समृद्धि की ओर ले जाने में अपना योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि सहकारिता प्राचीन काल से ही भारतीय परम्परा का  अभिन्न अंग रहा है। संयुक्त परिवारों की परम्परा इसका एक आदर्श उदाहरण है। गांवों और कस्बों में समाज की सहभागिता से आयोजित होने वाले सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम इसके विभिन्न अंग रहे हैं। पहले समाज आपस में मिलकर सहयोग की भावना से विद्यालयों तथा विभिन्न संस्थानों का निर्माण करता था। यह सहकारिता का ही आदर्श उदाहरण है। वास्तव में समाज की सहभागिता से जब कोई कार्य आगे बढ़ता है तो उसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में पहले बड़ी-बड़ी चीनी मिलें संचालित होती थीं तथा किसानों की समृद्धि का माध्यम बनती थी। इनके द्वारा सड़कों, स्कूल और चिकित्सालयों के निर्माण में योगदान किया जाता था। प्रदेश में कुछ असामाजिक तत्वों की प्रतिस्पर्धा में फंसकर सहकारिता आंदोलन फीका पड़ गया था। डबल इंजन की सरकार सहकारिता को समृद्धि के साथ जोड़ते हुए इसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसके लिए अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि सहकारिता की सबसे आधारभूत इकाई पैक्स अभी तक बीज और खाद बेचने तक सीमित रहती थी। अब इसे कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब इसके द्वारा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। गांव-गांव में कृषक सहकारी समितियों के माध्यम से गोदाम निर्माण का कार्य चल रहा है। किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कई रचनात्मक कार्यक्रम चल रहे हैं, जिसके माध्यम से किसानों के चेहरे पर खुशहाली लाई जा सकती है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि प्रदेश अपनी समृद्ध कृषि के लिए जाना जाता रहा है। यहां उर्वर भूमि और अच्छे जल संसाधन हैं। राज्य में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 02 करोड़ 61 लाख से अधिक किसान सीधे-सीधे जुड़े हैं। प्रदेश में लगभग 03 करोड़ से अधिक किसान मौजूद हैं, जो इस अभियान से जुड़कर प्रदेश की कृषि को समृद्ध बनाने में सक्षम होंगे।
स्वतंत्रता के समय देश की कुल जी0डी0पी0 में कृषि का योगदान लगभग 40 प्रतिशत था। वर्तमान में यह लगभग 16 से 17 प्रतिशत है। प्रदेश की जी0डी0पी0 में कृषि का योगदान लगभग 25-26 प्रतिशत है। यदि प्रदेश के किसानों को समय पर बीज, खाद और अन्य संसाधन प्राप्त हों तथा समय पर हमारी यह समस्त इकाइयां प्रभावी ढंग से कार्य करना प्रारम्भ कर दें, तो अन्नदाता किसान धरती से सोना उगाने का काम करेगा। इसके लिए किसानों को सुविधाओं से युक्त करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश में विरासत में मिले 16 जिला सहकारी बैंकों की स्थिति बहुत जर्जर हो चुकी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इनके लाइसेंस जब्त कर लिए थे। केन्द्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन सभी का लाइसेंस बहाल कर दिया है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से इसमें से 11 जिला सहकारी बैंक लाभ की स्थिति में हैं। हमें शेष बैंकों पर भी कार्य करना होगा। साथ ही, अन्य बैंकों की कार्य पद्धति की माइक्रो मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। प्रदेश में बाजार और व्यवसाय की कमी नहीं है, नेक नीयत और इच्छा शक्ति होना आवश्यक है।
व्यवसाय को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी अच्छा उदाहरण है। गांव-गांव में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी की नियुक्ति की गई है। कोरोना कालखण्ड में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया तथा बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी का प्रशिक्षण कराया गया। पहले लोग बैंकों के दूर स्थित होने और बैंक शाखाओं की कमी की शिकायत करते थे। वर्तमान में प्रदेश में 56 हजार बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट सखी सफलतापूर्वक बैंकों से सम्बन्धित समस्त लेनदेन का कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि प्रदेश भर में सहकारी बैंकों की नई शाखाएं खोलने के लिए मैपिंग कराने हेतु सहकारिता विभाग को निर्देशित किया गया है। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का सबसे बड़ा बेस है। यह सहकारिता क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। प्रथम चरण में प्रदेश में सहकारी बैंकों की शाखाएं खोलने के साथ-साथ बी0सी0 सखी को इससे जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए। वर्तमान सहकारी बैंकों के लाभ को बढ़ाने के लिए भी कार्य किए जाने चाहिए। बैंकिंग लोन के लेनदेन की विभागीय समीक्षा नियमित रूप से होना आवश्यक है। ¬ऋण लेने वाले व्यक्तियों की पात्रता का भी निर्धारण किया जाना चाहिए। यदि यह सभी कार्य सम्पन्न हो जाते हैं तो तीसरे चरण में हमें ‘एक जिला, एक सहकारी बैंक’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि प्रदेश निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना देश भर में प्रसिद्ध है। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो हमें ‘लोकल फोर ग्लोबल’ के बारे में विचार करना होगा। स्थानीय उत्पाद की पैकेजिंग, डिजाइनिंग, मार्केटिंग के लिए एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा बड़े अभियान को चलाया जा रहा है। प्रदेश में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग की स्थापना जनपद लखनऊ में की जा रही है। साथ ही, डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट की भी स्थापना हो रही है। वर्तमान में प्रदेश के 7,500 पैक्स में फर्टिलाइजर आदि की खरीद के लिए क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 10 लाख रुपये किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे किसानों को बहुत सहायता प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि हमें आने वाले समय में कृषि विभाग के साथ मिलकर फसली ऋण के बारे में विचार करना चाहिए। ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के अंतर्गत बैंक से हस्तशिल्पी या कारीगर को ऋण देते समय डिजिटल पेमेंट से जोड़ना चाहिए। डिजिटल पेमेंट के माध्यम से यदि वह समय से अपनी किस्त अदा करता है, तो राज्य सरकार की ओर से ब्याज अनुदान देने की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे स्थानीय स्तर पर हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित कर सकें।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि हस्तशिल्पियों और कारीगरों को सहकारी बैंकों से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए। इससे इनके व्यवसाय में वृद्धि होगी तथा इनके परिवार स्वावलम्बन की ओर अग्रसर होंगे। यह लोग अपने साथ-साथ कई अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करने में सक्षम बनेंगे। प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ राष्ट्रीय योजनाएं बन चुकी हैं। सहकारिता कार्यक्रमों के साथ इन्हें सफलतापूर्वक आगे बढ़ाना चाहिए।
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जे0पी0एस0 राठौर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान में सहकारिता नए आयाम प्राप्त कर रही है। सहकारिता से तात्पर्य किसानों की समृद्धि तथा जन-जन की आय में वृद्धि से है। इस सदस्यता अभियान के माध्यम से साधन सहकारी समितियों (पैक्स) में 20 लाख नये सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य है। इसके माध्यम से प्रदेश भर में सदस्यता अभियान से 100 करोड़ रुपये अंश पूंजी एकत्रित की जाएगी। सहकारिता का तात्पर्य छोटी-छोटी पूंजी एकत्रित कर एक बड़ी पूंजी का निर्माण करना है। प्रति पैक्स कम से कम 200 सदस्य जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार अंशधारकों को शेयर सर्टिफिकेट दिया जाएगा तथा नाॅमिनी नियुक्त करने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम में सहकारिता से सम्बन्धित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री बी0एल0 मीणा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से सहकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए गणमान्य व्यक्ति डिजिटल माध्यम से सम्मिलित हुए।

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