Uttar Pradesh

मुख्यमंत्री ने  प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा की

फील्ड में तैनात अधिकारी/कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण
को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए जनसुनवाई के कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाएं
जनता की संतुष्टि ही सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक
थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाए, सभी
अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आमजन की शिकायतों/समस्याओं
को सुनें और मेरिट के आधार पर उनका निस्तारण करें
फील्ड में तैनात हर स्तर के अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें
जिला उद्योग बन्धु की बैठकें नियमित रूप से हों, जिलाधिकारी
और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक स्वयं इस बैठक में उपस्थित रहें
प्राथमिकता के आधार पर उद्यमियों की
हर समस्या का यथोचित समाधान किया जाए
अधिकारी जनपदों के विकास कार्यों की नियमित समीक्षा
करें, ताकि कार्य समयबद्धता के साथ पूरा किया जा सके
सभी अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से
सतत संवाद-सम्पर्क बनाए रखें, उनके सुझावों पर ध्यान दें
ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से रोक लगाए, मा0 सर्वोच्च
न्यायालय की गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करें
प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध बस
स्टैण्ड, टैक्सी स्टैण्ड/रिक्शा स्टैण्ड संचालित न हों
आगामी 15 जून तक बाढ़ प्रबन्धन की तैयारियां को पूरा कर लिया जाए

 

लखनऊ :  
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   ने अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला, रेंज, जोन व मण्डल स्तर के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि फील्ड में तैनात अधिकारी/कर्मचारी जनसमस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए जनसुनवाई के कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाएं। आमजन के साथ संवेदनशील व्यवहार रखें। यह ध्यान रखें कि अधिकारियों/कर्मचारियों का आचरण आम आदमी के मन में शासन के प्रति विश्वास का आधार बनता है। जनता की संतुष्टि ही सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रदर्शन की श्रेष्ठता का मानक होगा।
थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व जरूर हो जाए। यहां आने वाले मामले कतई लम्बित न रहें। जनसुनवाई की तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। फील्ड में तैनात हर स्तर के अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। दूसरे क्षेत्र में निवास न करें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए औचक निरीक्षण किए जाएं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, डी0आई0ओ0एस0, बी0एस0ए0, जिला पूर्ति अधिकारी जैसे जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में ही आमजन से मिलें, उनकी शिकायतों/समस्याओं को सुनें और मेरिट के आधार पर उन्हें निस्तारित करें। कैम्प कार्यालय की व्यवस्था केवल कार्यालय अवधि के उपरांत अथवा अवकाश के दिनों में ही होनी चाहिए। कई जनपदों में विकास कार्यों की गति बेहद धीमी है, ऐसे में अधिकारीगण जिलों में चल रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा करें, ताकि कार्य समयबद्धता के साथ पूरा किया जा सके। विकास कार्यों को लेकर नोडल अधिकारी तैनात कर उनकी जवाबदेही तय की जाए।
कुछ माह पूर्व सहज संवाद के माध्यम से धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने की अभूतपूर्व कार्रवाई सम्पन्न की गई थी। लोगों ने व्यापक जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वतःस्फूर्त ढंग से लाउडस्पीकर हटाये। इसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। हाल के दिनों में अपने जनपदीय दौरों के समय मैंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में पुनः यह लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। तत्काल सम्पर्क-संवाद कर इसका समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैण्ड, बस स्टैण्ड/रिक्शा स्टैण्ड संचालित न हों। ऐसे स्टैण्ड अवैध वसूली को बढ़ावा देते हैं। यह वसूली समाजविरोधी कार्यां में उपयोग होती है। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि बेटियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो। ऐसे शोहदों की पहचान के लिए सक्रियता बढ़ाई जाए। पुलिस बल हर दिन फुट पेट्रोलिंग करें। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी फुट पेट्रोलिंग में भाग लें। प्रदेश में अवैध शराब के निर्माण, क्रय-विक्रय की एक भी घटना घटित न हो, इसके लिए ठोस कार्रवाई की जाए। पुख्ता सूचना जुटाकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जाए। दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। नशे के आदी पुलिसकर्मियों को फील्ड की जिम्मेदारी कतई न दी जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनकी सेवाएं समाप्त की जानी चाहिए।
जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद-सम्पर्क बनाए रखें। उनके सुझावों पर ध्यान दें। उनके पत्रों का मेरिट के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जाए।
ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती से रोक लगाए, मा0 सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइंस का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करें। मांगलिक कार्यक्रम से पहले डीजे और म्यूजिक सिस्टम संचालकों से संवाद कायम करें। किसी को भी अव्यवस्था फैलाने की छूट नहीं मिलनी चाहिए। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्धनगर को स्मार्ट और सेफ सिटी बनाना है। सबके साथ संवाद कायम करें। सी0सी0टी0वी0 कैमरे को आई0सी0सी0सी0 से जोड़ें। हर जिले के मुख्यालय के पास पहली बड़ी नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को भी सेफ और स्मार्ट सिटी के अभियान से जोड़ें।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि बाढ़ प्रबन्धन को लेकर अभी से तैयारी शुरू करें। ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कराएं। आगामी 15 जून तक बाढ़ प्रबन्धन की तैयारियां को पूरा कर लिया जाए। गर्मी अभी और बढ़ सकती है, इसे देखते हुए बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कहीं भी पेयजल का संकट न हो। मनुष्यों के साथ ही, पशु-पक्षियों के लिए भी पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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