उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासंगज की तहसील पटियाली क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे स्थित बाढ़ प्रभावित गांव बरौना का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित ग्रामों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाढ़ की आपदा से प्रदेश के कुछ जनपद प्रभावित हुए हैं। एक ही समय में कुछ जनपद बाढ़ से तथा कुछ जनपद सूखे से प्रभावित हैं। आज वे यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने आये हैं। यह दूसरे चरण की त्रासदी है। पहले चरण में यमुना नदी से सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, गाजियाबाद तथा बागपत जनपद प्रभावित हुए थे। दूसरे चरण में गंगा नदी से बदायूं, कासगंज, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर तथा कन्नौज जनपद प्रभावित हुए हैं। यद्यपि यहां पर बरसात कम हो रही है, लेकिन उत्तराखण्ड में बरसात ज्यादा होने के कारण गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 21 जनपदों के 721 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत सामग्री वितरित करने के कार्य चल रहे हैं। अब तक प्रदेश में 45,900 से अधिक ड्राई राशन की किट वितरित की जा चुकी है। इस किट में 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, 5 किलो भुना चना और भूजा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा दाल, रिफाइण्ड तेल, मसालें तथा बरसाती उपलब्ध कराने के साथ ही, डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराने की कार्रवाई युद्धस्तर पर की जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था की गई है। जो गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से गिर गए हैं, वहां भी पशुओं के लिए राहत की दृष्टि से चारे की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागों को अलर्ट किया गया है। प्रदेश भर में 2,000 से अधिक नावें राहत एवं बचाव कार्य से जोड़ी गई है। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और पी0ए0सी0 की फ्लड यूनिट की 15 टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई है। जनपद के प्रभारी मंत्री, सांसद तथा विधायकगण के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि बाढ़ से प्रभावित जिन परिवारों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से एक आवास उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जनपदों में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जनहानि हुई है, उन्हें आपदा राहत कोष से तत्काल 04 लाख रुपये की सहायता देने के निर्देश दिये गये हैं। घायल होने की स्थिति में भी उन्हें कंपनसेशन की व्यवस्था की गई है। पशुहानि में भी प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा देने की व्यवस्था की गई है। किसी जंगली जानवर के कारण या फिर सर्पदंश से जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को तत्काल 04 लाख रुपये सहायता देने के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर कासगंज जैसे जनपदों में फसलों को नुकसान हुआ है। प्रशासन को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इसका सर्वे करके तत्काल रिपोर्ट शासन को भेजी जाए, जिससे तत्काल मुआवजे की राशि प्रभावित किसानों को राहत के रूप में उपलब्ध कराई जा सके। डबल इंजन सरकार की बाढ़ प्रभावित सभी परिवारों के प्रति पूरी संवेदनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सभी पीड़ित परिवारों का हाल-चाल जाना है। उनके प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रधानमंत्री जी ने सभी प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री के साथ ही अनुमन्य सहायता उपलब्ध कराने के लिए कहा है। आज वे स्वयं इस कार्य की निगरानी करने के लिए आये हैं। आज प्रातः से ही वे फर्रुखाबाद, कासगंज तथा शाहजहांपुर जनपदों का दौरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी पीड़ित परिवारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार आपदा के समय में आपके साथ खड़ी है। सरकार हर सम्भव मदद करने के लिए तत्पर है। जनपद कासगंज में बाढ़ से बचाव के लिए पहले भी उपाय किए गए थे। सिचाईं विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जैसे ही गंगा नदी में बाढ़ का पानी कम होता है, सर्वे करते हुए तत्काल नदी की ड्रेजिंग की कार्रवाई की जाए, जिससे पानी को मानव बस्ती की तरफ आने से रोका जा सके और खेती को नुकसान से बचाया जा सके। आने वाले समय में इसके स्थाई समाधान का भी रास्ता निकाला जाना चाहिए।
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।