Home Pradesh Uttar Pradesh मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की

0
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की
 
प्रदेश की समृद्धि के लिए गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक, इस दिशा में विगत 06 वर्षों में उ0प्र0 में हुए नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले : मुख्यमंत्री
 
वर्ष 2025 तक सभी 57,702 ग्राम पंचायतों और उनमें शामिल 95,826 राजस्व ग्रामों को अपशिष्ट निस्तारण का मॉडल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए, इसकी सफलता के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए
 
सभी ग्राम पंचायतों में बारातघर का निर्माण कराया जाना चाहिए, मातृभूमि योजना का उपयोग बारातघर निर्माण में भी किया जाना चाहिए
 
गांवों को प्रतिबन्धित श्रेणी के प्लास्टिक से मुक्त कराने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएं
 
प्रदेश की कई पंचायतों ने नवाचार अपनाकर मॉडल प्रस्तुत किया
 
त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता के दृष्टिगत जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल की व्यवस्था लागू की जाए
 
प्रदेश की जिला पंचायतों में ऑनलाइन रेवेन्यू मैनेजमेण्ट सिस्टम पोर्टल को लागू किया जाए
 
सभी ग्राम सचिवालयों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सी0सी0टी0वी0 कैमरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए
 
सभी ग्राम सचिवालयों को हाईस्पीड इण्टरनेट सेवा से लैस किया जाए, सचिवालय परिसर के 50 मीटर परिधि में आमजन के उपयोगार्थ वाई-फाई की सुविधा भी मुहैया कराई जाए
 
ग्राम सचिवालयों की स्थापना ने ग्रामीण जीवन को सहज बनाया
 
ग्रामीण क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान के लिए ऑल वेदर स्टेशन व रेन गेज स्थापित कराए जाएं

 

लखनऊ : 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में पंचायतीराज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की और ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने विभागीय उपलब्धियों एवं आगामी कार्ययोजनाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश की समृद्धि के लिए गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक है। इस दिशा में विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश में हुए नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में देश की कुल पंचायतों का लगभग 05वां हिस्सा है। वर्तमान में 57,702 ग्राम पंचायतों, 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था आदर्श रूप में कार्य कर रही है। प्रदेश की कई पंचायतों ने नवाचार अपनाकर एक मॉडल प्रस्तुत किया है। हमें अपने गांवों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। गांवों में प्रतिभा और पोटेंशियल है, उन्हें मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
साधन सम्पन्न परिवारों के पास अपने परिजनों के विवाह व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनेक विकल्प होते हैं। किन्तु सीमित अथवा कमजोर आय वाले परिवारों के लिए ऐसे समारोहों का भव्य आयोजन करने में बड़ी आर्थिक समस्या होती है। गांवों में बारातघर की बड़ी आवश्यकता है। ऐसे में सभी ग्राम पंचायतों में बारातघर का निर्माण कराया जाना चाहिए। मातृभूमि योजना के अन्तर्गत अब तक मिले प्रस्ताव उत्साहजनक हैं। हर जनपद के लिए प्रवासीजनों से प्रस्ताव मिल रहे हैं। इस योजना का उपयोग गांवों में बारातघर निर्माण में भी किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खुले से शौच से मुक्ति के बाद अब हमें गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए कार्य करना होगा। हर गांव में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था की जाए। वर्ष 2025 तक सभी 57,702 ग्राम पंचायतों और उनमें शामिल 95,826 राजस्व ग्रामों को अपशिष्ट निस्तारण का मॉडल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। इस लक्ष्य की सफलता के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए। तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए सोख्ता, फिल्टर चैम्बर, कंस्ट्रक्टेड वेटलैण्ड आदि का निर्माण कराया जाना चाहिए। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए कूड़े से खाद बनाना उपयोगी हो सकता है। गांवों को प्रतिबन्धित श्रेणी के प्लास्टिक से मुक्त कराने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। सभी ग्राम पंचायतों को चरणबद्ध रूप से आई0एस0ओ0 सर्टिफाई कराया जाए।
त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत) में विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। पंचायतों के विकास के लिए धनराशि का आवंटन समय पर हो। कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता के दृष्टिगत यहां भी जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल की व्यवस्था लागू की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना ने ग्रामीण जीवन को सहज बनाया है। यहां पंचायत सहायक/अकाउण्टेण्ट कम डाटा एण्ट्री ऑपरेटर नियुक्त किए गए हैं। पहली बार गावों के लिए आर्किटेक्ट/कंसल्टिंग इंजीनियर का इम्पैनलमेण्ट किया जा रहा है। ग्राम पंचायतें ऑनलाइन कार्यों में सक्षम हैं। आज शासन की योजनाओं का सीधा लाभ सीधे गांव में बैठे व्यक्ति को मिल रहा है।
प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में संचालित ग्राम सचिवालयों को हाईस्पीड इण्टरनेट सेवा से लैस किया जाए। सचिवालय परिसर के 50 मीटर परिधि में आमजन के उपयोगार्थ वाई-फाई की सुविधा भी मुहैया कराई जाए। हर गांव डिजिटल सुविधा युक्त हो। इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्ययोजना तैयार की जाए।
प्रदेश की जिला पंचायतों में ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू कर कार्यों के सम्पादन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन रेवेन्यू मैनेजमेण्ट सिस्टम पोर्टल को लागू किया जाए। इस पोर्टल से कर वसूली, लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया, मानचित्र की स्वीकृति आदि को सुचारु एवं पारदर्शी रूप से किया जाना सम्भव होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी ग्राम सचिवालयों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सी0सी0टी0वी0 कैमरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। ग्रामीण क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान के लिए कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऑल वेदर स्टेशन व रेन गेज स्थापित कराए जाएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here