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मुख्यमंत्री ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के कार्यों की समीक्षा की

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मुख्यमंत्री ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के कार्यों की समीक्षा की
सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश
राज्य सरकार योग्य, नवाचारी और कर्मठ अधिकारियों व कर्मचारियों
को प्रोत्साहित करने की नीति के साथ कार्य कर रही : मुख्यमंत्री
विगत 06 वर्षों में वरिष्ठ पदों पर तैनाती की औसत अवधि में
विस्तार हुआ, इससे अधिकारियों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिल रहे
पदोन्नति की कार्यवाही प्रत्येक दशा में 30 सितम्बर तक पूरी कर ली जाए
सीएम फेलो की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं
में इन युवाओं को वरीयता दी जाए, इस सम्बन्ध में सुस्पष्ट नीति तैयार करें
कर्मचारियों के ए0सी0आर0 को उनकी कार्यक्षमता/कार्यपद्धति से जोड़ा
जाए, इस संबंध में तकनीक की मदद से बेहतर कार्ययोजना तैयार की जाए
मानव संपदा पोर्टल की बढ़ती आवश्यकताओं के
दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता
मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित
करने हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा नए अनुभाग
‘कार्मिक अनुभाग-5’ का सृजन किया जाए
कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों/प्रतिनिधियों से संवाद बनाएं, उनकी समस्याओं/आवश्यकताओं का प्राथमिकता पर यथोचित निस्तारण किया जाए
लखनऊ में निर्माणाधीन राज्य प्रशासन एवं
प्रबंधन अकादमी को यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए
लखनऊ :  
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ   ने  अपने सरकारी आवास पर नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों में रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खण्डों में तैनात सभी सीएम फेलो अच्छा कार्य कर रहे हैं। शासन के साथ जुड़कर आकांक्षात्मक विकास खण्डों में कार्य करने का यह अवसर युवाओं को मूल्यवान अनुभव प्रदान करने वाला है। फेलोशिप कार्यक्रम के अंतर्गत शोधार्थियों को प्रदेश सरकार के साथ नीति, शासन, प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्राप्त हुआ है। इससे शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर मिला है, जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है। सीएम फेलो की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाए। इन्हें आयु में छूट और अनुभव के लिए भारांक दिया जाना चाहिए। इस संबंध में सुस्पष्ट नीति तैयार करें।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि राज्य सरकार योग्य, नवाचारी और कर्मठ अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने की नीति के साथ कार्य कर रही है। इसी भाव के साथ विगत 06 वर्षों में वरिष्ठ पदों पर तैनाती की औसत अवधि में विस्तार हुआ है।  वर्ष 2012-17 तक जिलाधिकारी स्तर पर जहां औसतन 12 माह का कार्यकाल होता था, आज न्यूनतम 18 माह की अवधि मिल रही है। इसी प्रकार, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पद पर वर्ष 2012-17 के मध्य औसतन कार्यकाल 17 माह का हुआ करता था, आज औसतन 26 माह की अवधि मिल रही है। इससे अधिकारियों को कार्य करने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं। उन्हें अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका भी मिल रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि समयबद्ध पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है। हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए। पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लम्बित न रखी जाए। इस वर्ष मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/विभागाध्यक्ष स्तर पर की जाने वाली पदोन्नति की कार्यवाही प्रत्येक दशा में 30 सितम्बर तक पूरी कर ली जाए। कर्मचारियों के ए0सी0आर0 को उनकी कार्यक्षमता/कार्यपद्धति से जोड़ा जाना चाहिए। इस संबंध में तकनीक की मदद से एक बेहतर कार्ययोजना तैयार करें।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि कर्मचारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण, अवकाश प्रबंधन, मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर, वेतन आहरण, सेवा पुस्तिका प्रबंधन और कार्यमुक्ति के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग किया जाना चाहिए। इस पोर्टल के अब तक के उपयोग से न केवल शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि कर्मचारियों को आसानी भी हुई है। बढ़ती आवश्यकताओं के दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि कार्मिक विभाग के अंतर्गत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित करने हेतु सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा एक नए अनुभाग ‘कार्मिक अनुभाग-5’ का सृजन किया जाए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कर्मचारी संगठनों का पूरा सम्मान है। शासन स्तर के अधिकारियों से हर विभागाध्यक्ष तक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों/प्रतिनिधियों से संवाद बनाये रखें। उनकी समस्याओं/आवश्यकताओं का प्राथमिकता के साथ यथोचित निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि लखनऊ में निर्माणाधीन राज्य प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी को यथाशीघ्र क्रियाशील किया जाए। ऐसे विभाग जिनके पास अपने प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, उनके लिए यहां पर फाउंडेशन/इंडक्शन प्रशिक्षण का कार्यक्रम किया जाए। यह अकादमी समस्त समूह ‘ख’ के नवनियुक्त अधिकारियों को एक साथ आधारभूत प्रशिक्षण देने में उपयोगी होगी। इसके साथ ही, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान को उपाम के नवीन परिसर में भी स्थापित किया जाना चाहिए।

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