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महायोजना में उनका ध्यान रख सकें – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री के समक्ष गोरखपुर, आजमगढ़, मेरठ, अलीगढ़
तथा मथुरा-वृंदावन की महायोजना-2031 का प्रस्तुतिकरण
सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत व्यापक अध्ययन होना चाहिए, जिससे हम महायोजना में उनका ध्यान रख सकें : मुख्यमंत्री
स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को
प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएं
सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास किया जाए, इसके
बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए
शहरी क्षेत्रों में प्लानिंग करते समय स्वयं के
स्रोतों से आय जेनरेट करने की व्यवस्था की जाए
बस स्टेशनों को यथासम्भव शहर से बाहर स्थापित किया जाए,
लोगों को शहर में आने के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा दी जाए
ट्रांसपोर्ट नगर के पास ही लॉजिस्टिक हब भी तैयार किया जाए
हर नगर की महायोजना में हरित क्षेत्र के लिए स्थान आरक्षित हो,
जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए
विभिन्न विकास परियोजनाओं के कारण प्रभावित
लोगों का पुनर्वास प्राथमिकता के साथ कराया जाना चाहिए
लखनऊ : 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज उनके सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में गोरखपुर, आजमगढ़, मेरठ, अलीगढ़ तथा मथुरा-वृंदावन की महायोजना-2031 का प्रस्तुतिकरण किया गया।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि सभी जनपदों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत व्यापक अध्ययन होना चाहिए, जिससे हम महायोजना में उनका ध्यान रख सकें। स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएं। सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा। इस इनर रिंग रोड के बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के बाहर अलग-अलग मार्गों पर अलग-अलग व्यावसायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। उदाहरण के लिए कहीं कपड़ा मार्केट के लिए, तो कहीं दवा मार्केट के लिए वेयर हाउस बनाए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसी प्रकार किसी अन्य मार्ग पर एजुकेशन का हब बनाया जाना चाहिए। यह कार्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में प्लानिंग करते समय स्वयं के स्रोतों से आय जेनरेट करने की व्यवस्था हो। बस स्टेशनों को यथासम्भव शहर से बाहर स्थापित किया जाना चाहिए। लोगों को शहर में आने के लिए इलेक्ट्रिक बस की सुविधा दी जानी चाहिए। नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। शहर में इलेक्ट्रिक बसों को वरीयता दें। परंपरागत ईंधन वाली बसों को यथासंभव नगर से बाहर ही रखा जाए। मल्टीलेवल पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करें।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर के पास ही लॉजिस्टिक हब भी तैयार किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर नगर की महायोजना में हरित क्षेत्र के लिए स्थान आरक्षित हो। जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए। इस निर्देश को महायोजना में शामिल करें। नई कॉलोनी के विकास के साथ, वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो। विभिन्न विकास परियोजनाओं के कारण प्रभावित लोगों का पुनर्वास प्राथमिकता के साथ कराया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश बड़े राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है। प्रदेश के हर शहर को ऐसे अवसर मिलें, इसके लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास आवश्यक है। सभी विकास प्राधिकरणों में अन्तराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर विकसित किए जाएं। सभी प्राधिकरण/स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/अवैध रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी। नगर निगम के बाहर विस्तार लेना होगा। अपना दायरा बढ़ायें। आय के नए स्रोत सृजित करें। नदी/तालाब के कैचमेंट का अतिक्रमण न होने पाए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बेहतर कार्ययोजना हो।

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