शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का लक्ष्य भारतीय शिक्षा में नया विकल्प देना– प्रो.दयानंद मेहता, प्रांत संयोजक
ध्रुव कुमार सिंह, मुज़फ्फरपुर, बिहार,
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर बिहार की प्रांतीय बैठक मुजफ्फरपुर जिले के भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, सदातपुर में आयोजित हुई। बैठक का आयोजन तीन सत्रों में हुआ। बैठक में न्यास के संगठनिक संरचना और उद्देश्य व लक्ष्य पर चर्चा हुई। प्रथम सत्र की अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. प्रणवीर सिंह ने की। बैठक में न्यास के उत्तर बिहार के प्रांत संयोजक प्रो.दयानंद मेहता ने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का लक्ष्य भारतीय शिक्षा में नया विकल्प देना है। भारतीय ज्ञान परंपरा में संस्कृति के अनुसार परिवर्तन लाना है। उन्होंने न्यास की कार्यप्रणाली और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में प्रो.प्रणवीर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अभी शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं पर आधारित कई योजनाएं चला रही है। शोध के क्षेत्र में लड़कियां और महिला संस्थान इसका लाभ उठा सकते हैं। लोक शिक्षा समिति के विभाग निरीक्षक ललित कुमार राय ने कहा कि न्यास का लक्ष्य शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में काम करना है। चारित्रिक निर्माण और सामाजिक समरसता के लिए भी काम हो रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रयास होना चाहिए। महाविद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश वर्मा ने न्यास और महाविद्यालय के कार्यों पर प्रकाश डाला। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो.अंजनी कुमार झा ने की। उन्होंने कहा कि न्यास भारतीय परंपरा के अनुसार ज्ञान पद्धति और शिक्षा, संस्कृति को बढ़ावा देता है। शोध में भारतीयता को पहचान मिले, इसके लिए सभी को मिलजुल काम करने की आवश्यकता है। तृतीय सत्र की अध्यक्षता प्रो.सत्यनारायण गुप्ता ने की। उन्होंने सामाजिक समरसता और चरित्र निर्माण के समग्र विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि व्यावहारिक रूप में आचार विचार में परिवर्तन करना होगा। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना जागृत करनी होगी। बैठक में प्रो.अंशु त्यागी, डॉ.प्रशांत कुमार, गौरव पवार समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।