नीमच- सत्संग श्रवण करने से मूर्ख भी ज्ञानी बन सकता है।सत्संग की संगत से व्यक्ति बुराई को छोड़ अच्छाई की ओर आगे बढ़ सकता है इसीलिए कहते हैं कि सत्संग बिना विवेक नहीं मिलता है। सत्संग श्रवण कर व्यक्ति अपने जीवन और आत्मा का कल्याण कर सकता है।
यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, आगम मनस्वी साहित्य भूषण कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में गांधी वाटिका के सामने जैन दिवाकर भवन में आयोजित चातुर्मास धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बुराइयों को त्याग कर अच्छाइयों को ग्रहण करना यह सच्चे गुरु की सच्ची शिक्षा होती है।हम अच्छे हो तो किसी भी जाति का हो उसकी आत्मा का कल्याण हो सकता है।संतों का सानिध्य प्राप्त कर कसाई भी अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है।जी महाराज साहब ने दिल्ली में आयोजित चातुर्मास के दौरान कहा था कि कुरान भी जीव दया दान सहनशीलता परोपकार और भक्ति का संदेश देती है। मानव मानव से प्रेम करें यही सत्संग का संदेश होता है।धर्मशास्त्र परमात्मा की वाणी पर आधारित है। सदैव शाकाहार जीवन का पालन करना चाहिए और अपनी बेटी का विवाह भी शाकाहारी परिवार में ही करना चाहिए सभी हमारे जीवन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। वीरेंद्र चौड़िया ने अपने विचार व्यक्त किए। अवसर पर महाराज श्री ने सभी को भोजन में झूठा नहीं छोड़ने का संकल्प भी दिलाया।चतुर्विद संघ की उपस्थिति में चतुर्मास काल तपस्या साधना निरंतर प्रवाहित हो रही है।
इस अवसर पर प्रभा पितलिया व रविंद्र पप्पू बम के उपवास की तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की।
धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा.एवं साध्वी विजय श्री जी म. सा. का सानिध्य मिला।इस अवसर पर श्री अभिजीतमुनिजी म. सा., श्री अरिहंतमुनिजी म. सा., ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष अजीत कुमार बम्म, चातुर्मास समिति संयोजक बलवंत सिंह मेहता, सागरमल सहलोत, मनोहर शम्भु बम्म, सुनील लाला बम्ब, निर्मल पितलिया, सुरेंद्र बम्म, वर्धमान स्थानकवासी नवयुवक मंडल अध्यक्ष संजय डांगी दिवाकर महिला मंडल अध्यक्ष रानी राणा ,साधना बहू मंडल अध्यक्ष चंदनबाला जैन आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। इंदौर रतलाम, जावद जीरन, चित्तौड़गढ़, छोटी सादड़ी निंबाहेड़ा जावरा नारायणगढ़, उदयपुर आदि क्षेत्र से समाज जन सहभागी बने और
संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन प्रवक्ता भंवरलाल देशलहरा ने किया।
बिना सत्संग के विवेक नहीं मिलता है-श्री विजयमुनिजी म. सा
Recent Comments
Hello world!
on