Home India प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सुदृढ़ करने को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया

प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सुदृढ़ करने को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया

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प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को सुदृढ़ करने को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया
 
 

मंदसौर – सांसद सुधीर गुप्ता ने सहकारिता मंत्री से प्रश्न करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने हाल ही में नई दिल्ली में किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को  सुदृढ़ करने के लिए एक दिवसीय मेगा सम्मेलन का उद्घाटन किया है। उक्तमेगा सम्मेलन के लक्ष्य और उदेश्य क्या है। सम्मेलन में भाग लेने वाले विभिन्न प्रतिभागियों का ब्यौरा क्या है। सांसद गुप्ता ने कहा कि क्या सरकार का देश में सहकारी क्षेत्र में 1100 नए एफपीओ बनाने का विचार है और यदि हां तो सबंधी ब्यौरा क्या है।  प्रत्येक एफपीओ के संवर्धन और प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता का ब्यौरा क्या है और कृषि पर निर्भर लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा अन्य क्या कदम उठाए गए हैं या उठाए जा रहे है।
प्रश्न के जवाब में सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि  सहकारिता मंत्रालय ने 14 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में एफपीओ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय मेगा सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का आयोजन प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने में सक्षम बनाकर 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन की केन्द्रीय क्षेत्रक योजना का लाभ सहकारी क्षेत्र तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया। सम्मेलन में एफपीओ सहकारी समितियों, क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (सीबीबीओ सहकारी समितियों के सदस्यों, सरकारी अधिकारियों, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सरकार ने नए एफपीओ के गठन के माध्यम से सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को अतिरिक्त 1100 एफपीओ आवंटित किए। 10,000 एफपीओ को गठन एवं संवर्धन योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा एफपीओ को बढ़ावा देने और उनकी देखरेख के लिए संकुल आधारित व्यापार संगठन (सीबीडीओ) को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।  विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ सहकारिता मंत्रालय ने देश भर में सहकारी क्षेत्र के पुनरुत्थान तथा सशक्तिकरण के साथ-साथ कृषि पर निर्भर लोगों के हित में विभिन्न पहल की हैं, जिनमें  प्राथमिक सहकारी समितियों को पारदर्शी और आर्थिक रूप से जीवंत बनाना प् कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से पैक्स का समाक्तिकरण प् 2516 करोड़ रुपए के परिव्यय से 63,000 पैक्सों को एक म्त्च् आधारित राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर में ऑनबोर्ड करने की प्रक्रिया की शुरुवात की गई है। अमित शाह ने बताया कि  17,000 से अधिक पैक्सों को उनकी व्यवहार्यता बढ़ाने ई-सेवाएं उपलब्ध कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए कॉमन सेवा केन्द्र के रूप में आनबोर्ड किया गया। देश में किसानों को उर्वरक और संबंधित सेवाओं तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पैक्सों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (च्डज्ञैज्ञ) चलाने के लिए अनुमति दी गई।शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों का सशक्तीकरण किया गया है।

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