Home Pradesh Uttar Pradesh प्रदेश के 18 मण्डलों में एक-एक विद्यालय की स्थापना की जा रही- मुख्यमंत्री

प्रदेश के 18 मण्डलों में एक-एक विद्यालय की स्थापना की जा रही- मुख्यमंत्री

0
प्रदेश के 18 मण्डलों में एक-एक विद्यालय की स्थापना की जा रही- मुख्यमंत्री
अटल आवासीय विद्यालयों का ‘गुरुवार्ता संगम’ कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालय की परिचायिका का विमोचन तथा वेबसाइट https://www.atalvidyalaya.org को लॉन्च किया
अटल आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को एडमिशन किट वितरित की
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उ0प्र0 सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ करने का निर्णय लिया, पहले चरण में प्रदेश के 18 मण्डलों में एक-एक विद्यालय की स्थापना की जा रही : मुख्यमंत्री
इन विद्यालयों के भौतिक कार्य पूरे हो चुके, इनका पहला सत्र शीघ्र प्रारम्भ होगा, जिसका विधिवत उद्घाटन किया जाएगा
उद्घाटन के पूर्व जिस टीम को प्रधानमंत्री जी के विजन, श्रद्धेय अटल जी के व्यक्तित्व और पं0 दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने के इस अभिनव कार्यक्रम का हिस्सा बनना है, ‘गुरुवार्ता संगम’ उस टीम से संवाद का कार्यक्रम
श्रमिक राष्ट्र का निर्माता होता, वह अपनी मेहनत तथा पसीने से राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देता, उसके बच्चों की पढ़ाई के दृष्टिगत उ0प्र0 सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय की पहल की
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बचे हुए 57 जनपदों में इसी तर्ज पर एक-एक विद्यालय स्थापित किया जा रहा
अटल आवासीय विद्यालय सी0बी0एस0ई0 के पैटर्न पर संचालित होंगे, सम्पूर्ण शिक्षा का दायित्व राज्य सरकार और उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उठाएगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक आयाम जोड़े, विद्यालयों में शिक्षा के साथ ही स्किल डेवलपमेंट तथा खेलकूद की गतिविधियां भी होनी चाहिए
अटल आवासीय विद्यालय भारत की प्राचीन गुरुकुल जैसी परम्परा की शुरुआत, प्रदेश सरकार श्रम विभाग के माध्यम से शिक्षा का एक बड़ा मॉडल देने में सफल होगी

 

लखनऊ :  

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि प्रधानमंत्री   नरेंद्र मोदी  की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय प्रारम्भ करने का निर्णय लिया। पहले चरण में प्रदेश के 18 मण्डलों में एक-एक विद्यालय की स्थापना की जा रही है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का कहना था कि ‘समृद्धि का मापक ऊपर की सीढ़ी पर बैठे व्यक्ति से नहीं बल्कि सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति की खुशहाली से होता है।’ यह विद्यालय श्रद्धेय अटल जी के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि और पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय के सपने को साकार करने की एक अभिनव पहल है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आयोजित अटल आवासीय विद्यालयों के ‘गुरुवार्ता संगम’ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अटल आवासीय विद्यालय की परिचायिका का विमोचन तथा वेबसाइट https://www.atalvidyalaya.org को लॉन्च किया। उन्होंने अटल आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को एडमिशन किट वितरित की। इस अवसर पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री   ने ‘गुरुवार्ता संगम’ के अवसर पर सभी शिक्षकों तथा नव प्रवेशी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत की शिक्षा की नींव को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। इन विद्यालयों के भौतिक कार्य पूरे हो चुके हैं। इनका पहला सत्र शीघ्र प्रारम्भ होगा, जिसका विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। उद्घाटन के पूर्व जिस टीम को प्रधानमंत्री जी के विजन, श्रद्धेय अटल जी के व्यक्तित्व और पं0 दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने के इस अभिनव कार्यक्रम का हिस्सा बनना है, उनसे संवाद का यह कार्यक्रम रखा गया है। यह संवाद इस बात के लिए है कि जो शिक्षक वहां कार्य करेंगे उनका विजन क्या होना चाहिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को इन अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना कालखण्ड में जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खोया है, ऐसे बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारम्भ की है। ऐसे बच्चों को भी इन विद्यालयों में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी। अटल जी की भावना कि ‘आदमी ना बड़ा होता है, ना छोटा होता है, आदमी सिर्फ आदमी होता है’ के अनुरूप अटल आवासीय विद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया में भी यह भावना देखने को मिली है। श्रमिक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह अपनी मेहनत तथा पसीने से राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देता है। एक श्रमिक की जिंदगी खानाबदोश जैसी होती है, वह एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता रहता है। उसके बच्चे भी साथ में घूमते हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। इसके दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय की पहल की है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि पहले चरण में 18 अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारम्भ इस सत्र में करने जा रहे हैं। अगले चरण में इनका विस्तार होगा। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बचे हुए 57 जनपदों में इसी तर्ज पर एक-एक विद्यालय स्थापित किया जा रहा है। इन विद्यालयों में सामान्य बच्चों को भी प्रवेश दिया जाएगा। अटल आवासीय विद्यालयों के भवन उच्च श्रेणी के बनाए गए हैं। इन विद्यालयों का परिसर 12 से 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इन विद्यालयों में शिक्षा के साथ ही स्किल डेवलपमेंट तथा खेलकूद की गतिविधियों के लिए भी स्थान है। यहां बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास भी हैं। इन भवनों की समुचित देखभाल की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालय सी0बी0एस0ई0 के पैटर्न पर संचालित होंगे। इनमें लॉजिंग, फूडिंग सहित सभी व्यवस्थाएं होंगी। कक्षा-06 से लेकर 12वीं तक की सम्पूर्ण शिक्षा का दायित्व राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उठाएगा। यह विद्यालय अच्छे संस्कारों के माध्यम से राष्ट्र के प्रति समर्पित नागरिकों के निर्माण की शुरुआत है। जब 06 वर्ष के बाद यहां के विद्यार्थी बाहर आएंगे, तब वे स्वावलम्बी तथा समर्थ नागरिक के रूप में अपनी पहचान बना सकें, यह अटल आवासीय विद्यालय की टीम का दायित्व है। वह इन कार्यक्रमों को इसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने का कार्य करें।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि हमें अपने काम में नयापन लाना पड़ेगा। हमें ऐसे कार्य करने होंगे जो हमें स्वावलम्बन से समृद्धि की ओर अग्रसर कर सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक आयाम जोड़े हैं। शिक्षा के साथ ही स्किल डेवलपमेंट तथा खेलकूद की गतिविधियां भी होनी चाहिए। हमें विद्यालय कैम्पस में ऐसा माहौल देना होगा कि शिक्षक से विद्यार्थी तक सभी गुरुकुल की आदर्श व्यवस्था के अनुरूप कैम्पस के दायित्व से स्वतःस्फूर्त भाव से जुड़ते हुए दिखाई दें। यह अटल आवासीय विद्यालय की पहचान बननी चाहिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि समृद्धि की ओर वही समाज अग्रसर होगा, जो स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर होगा। आप जिस संस्था से जुड़े हैं, उसकी व्यवस्था बनाये रखना आपकी जिम्मेदारी है। आपकी आजीविका उसी से चलती है। राष्ट्र की नींव को मजबूत करने का दायित्व इन संस्थानों पर है। इसके साथ ही अनुशासन को प्रत्येक परिस्थिति में बनाए रखना भी आवश्यक है। अनुशासनहीनता के लिए कहीं कोई जगह नहीं होनी चाहिए। प्रधानाचार्य, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा विद्यार्थियों, सभी के लिए अनुशासन अनिवार्य है। सभी संस्थाएं स्वतःस्फूर्त भाव से चलती हुई दिखाई देनी चाहिए। आपके यह कार्य लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। सरकार ने इन विद्यालयों में जो व्यवस्था बनाई है वह वहां लागू होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि विद्यालयों का सत्र प्रारम्भ होने के पहले ही वर्ष भर का शैक्षणिक कैलेण्डर जारी हो जाना चाहिए। अटल आवासीय विद्यालयों में आपस में डिबेट, खेलकूद, निबन्ध लेखन तथा सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी चाहिए। देश और समाज में घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए। विद्यार्थियों को यह भी बताया जाना चाहिए कि शासन की योजनाएं किस रूप में क्रियान्वित हो रही हैं। लाइब्रेरी के प्रति बच्चों को आग्रही बनाना होगा। जब यह सब चीज एक साथ की जाएगी तो आप समाज को एक नयापन दे पाएंगे। इनके बहुत बेहतर परिणाम आएंगे। यह दायित्व शिक्षकों का है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि विद्यालयों में नियमित मॉर्निंग असेम्बली होनी चाहिए। प्रार्थना सभा में सभी बच्चे सम्मिलित हों। यहां भारत की परम्पराओं के विषय में जानकारी दी जाए। विद्यार्थियों को किसी भी राष्ट्रीय पर्व अथवा आध्यात्मिक आयोजन से पहले इनके महत्व के विषय में बताया जाना चाहिए। बच्चों को इन कार्यक्रमों में सहभागी बनाया जाना चाहिए। अलग-अलग गतिविधियों के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जानी चाहिए। इनका आयोजन नियमित रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि पर्व सामूहिकता का प्रतीक है। अटल आवासीय विद्यालय आपको इस बात का अवसर दे रहे हैं कि आप सभी एक साथ अपनी खुशियों को बांटें। त्योहारों के आध्यात्मिक व धार्मिक पक्ष होते हैं। त्योहारों के प्रेरणादायी पक्षों से विद्यार्थियों को अवगत कराया जाना चाहिए। विद्यार्थियों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना होगा। बच्चों को यह बताया जाना चाहिए कि अत्याचारी कितना भी बड़ा क्यों ना हो वह कभी सफल नहीं हो सकता। अंततः वह विफल ही होता है। हर पर्व व त्योहार यही प्रेरणा देते हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि विद्यालय का परिसर तथा प्रवेश द्वार आध्यात्मिक वातावरण से परिपूर्ण होना चाहिए। इसके लिए अलग-अलग प्रकार के वृक्षों को लगाया जाना चाहिए। विद्यालय में पुष्पदार पौधे लगाये जाने चाहिए। अलग-अलग जगह पर आम्र वाटिका, जामुन वाटिका, अमरूद वाटिका आदि वाटिकाएं विकसित की जानी चाहिए। सड़कों के किनारे छायादार वृक्ष भी लगाए जा सकते हैं। विद्यालय में 12 से 15 एकड़ का बड़ा कैम्पस उपलब्ध है। स्वच्छता की दृष्टि से विद्यालय का कैम्पस प्लास्टिक, धूम्रपान तथा किसी भी प्रकार के नशे से मुक्त होना चाहिए। विद्यालय के कैम्पस में अच्छा वातावरण निर्मित किया जाए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालय भारत की प्राचीन गुरुकुल जैसी परम्परा की शुरुआत है। गुरुकुल परम्परा ने भारत को शिक्षा तथा समृद्धि के क्षेत्र में विश्वगुरु बनाया था। इन विद्यालयों की स्थापना में प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा, श्रद्धेय अटल जी का नाम, तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का संकल्प है। यदि यह कार्य अच्छे से होंगे तो वर्तमान और आने वाली पीढ़ी का बहुत बड़ा कल्याण होगा। प्रदेश सरकार श्रम विभाग के माध्यम से शिक्षा का एक बड़ा मॉडल देने में सफल होगी। वे स्वयं इन सभी अटल आवासीय विद्यालय में भ्रमण करेंगे। हमारा प्रयास है कि प्रधानमंत्री जी के माध्यम से इन विद्यालयों का उद्घाटन किया जाए। इस दौरान अपने कैंपस को बेहतरीन बनाने की तैयारी की जाए।
इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में सशक्त राष्ट्र हेतु सक्षम एवं मूल्यवान पीढ़ी के निर्माण के लिए यह अटल आवासीय विद्यालय सभी सुविधाओं से युक्त विश्वस्तरीय विद्यालय हैं। अटल आवासीय विद्यालयों का उद्देश्य समाज के सबसे पिछड़े तथा अन्तिम पायदान से बच्चों की प्रतिभाओं को शिक्षित तथा प्रशिक्षित कर उन्हें गरिमामयी जीवन जीने के योग्य बनाना है। मुख्यमंत्री जी की भविष्य दृष्टि के अनुरूप इन अत्याधुनिक शिक्षा के केन्द्रों का आरम्भ होने जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, राज्य परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री अनिल कुमार, महानिदेशक अटल आवासीय विद्यालय सुश्री निशा अनन्त, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित श्रम विभाग के अधिकारी, अटल आवासीय विद्यालयों के नवचयनित प्रधानाचार्य, शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here