Home Pradesh Uttar Pradesh मुख्यमंत्री ने ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ का उद्घाटन किया  

मुख्यमंत्री ने ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ का उद्घाटन किया  

0
मुख्यमंत्री ने ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ का उद्घाटन किया  
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के मध्य कमान द्वारा आयोजित
‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ का उद्घाटन किया  
 
भारतीय सेना 140 करोड़ भारतवासियों के गौरव की प्रतीक, देशवासी
इसकी ताकत को जानते और उस पर अटूट विश्वास करते हैं: मुख्यमंत्री
 
भारतीय सेना को आवश्यकता के अनुरूप निरन्तर
तैयार करने की नये भारत की रणनीति सर्वथा उपयुक्त
 
मुख्यमंत्री ने ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ के आयोजन के लिए प्रदेश
की राजधानी लखनऊ स्थित मध्य कमान को चयनित किये जाने के लिए
प्रधानमंत्री, केन्द्रीय रक्षामंत्री और भारतीय सेना का आभार व्यक्त किया
 
‘नो योर आर्मी फेस्टिवल’ भारतीय सेना को नजदीक से जानने,
उसके शौर्य और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर
 
आज भारत ने सेना के साजो-सामान तथा हथियारों की आपूर्ति
में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया, हमें अनेक देशों को उस
सप्लाई चेन के साथ जोड़ने में सफलता प्राप्त हो रही, यह एक नई शुरुआत
 
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम, एच0ए0एल0 आर्डिनेन्स फैक्ट्रियां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि0
आदि इकाइयां प्रदेश में सेना की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहीं
 
प्रधानमंत्री जी का देश में 100 नये सैनिक स्कूल स्थापित करने का अभियान,
उनमें से उ0प्र0 16 सैनिक स्कूलों के प्रस्ताव को पहले ही भेज चुका
 
राज्य सरकार जनपद गोरखपुर में प्रदेश के 05वें नये सैनिक स्कूल
के निर्माण की कार्रवाई को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ा रही
 
वृंदावन (मथुरा) में देश के पहले बालिका सैनिक स्कूल का शुभारम्भ हो चुका
 
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का एक परिसर डाॅ0 शकुन्तला
मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में संचालित
 
राज्य सरकार आगामी 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के
लिए अपना पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता पहले ही व्यक्त कर चुकी
 
मुख्यमंत्री ने सैन्य प्रदर्शनी तथा युद्ध कला ‘गतका’ का अवलोकन किया

 लखनऊ:  

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा है कि भारतीय सेना 140 करोड़ भारतवासियों के गौरव की प्रतीक है। देशवासी इसकी ताकत को जानते हैं और उस पर अटूट विश्वास करते हैं। सशक्त सेना ही एक सुरक्षित और सम्प्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकती है। इसलिए भारतीय सेना को आवश्यकता के अनुरूप निरन्तर तैयार करने की नये भारत की रणनीति सर्वथा उपयुक्त है।
मुख्यमंत्री   भारतीय सेना के मध्य कमान द्वारा आयोजित ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल-2024’ के उद्घाटन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित सैन्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा सिख रेजीमेन्ट के जवानों की युद्ध कला ‘गतका’ के प्रदर्शन को भी देखा।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि उत्तर प्रदेश, वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए हर लड़ाई में हमारे जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अनेक वीरों ने अपने शौर्य और पराक्रम से देश की सुरक्षा करते हुए प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। जब सेना और आम जनमानस एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो परिणाम कई गुना अधिक लाने में सफलता प्राप्त होती है। पूरे देशवासियों की भावनाएं अपनी सेना व सैन्य बलों के साथ सदैव जुड़ती हुई दिखाई देती हैं। उन्होंने ‘नो योर आर्मी फेस्टिवल’ के इस वर्ष के आयोजन के लिए प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित मध्य कमान को चयनित किये जाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, केन्द्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह जी और भारतीय सेना का आभार व्यक्त किया।
‘नो योर आर्मी फेस्टिवल’ भारतीय सेना को नजदीक से जानने, शौर्य और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर प्रदान करता है। यह सेना के हथियारों, साजो-सामान, कार्यशैली, कार्य कुशलता और उन परम्पराओं को जानने का एक अच्छा अवसर है, जिनसे लोग सामान्यतः अनभिज्ञ रहते हैं। यहां पर सेना की प्रदर्शनी को देखने का हम सबको अवसर प्राप्त हो रहा है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से भी सेना की शक्ति, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की निष्ठा को हमें नजदीक से जानने और समझने का अवसर प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया है। ऐसे ही सेना के हथियारों और साजो-सामान में भी आत्मनिर्भरता और मेक इन इंडिया की परिकल्पना को हम साकार कर सकें, इसके लिए यह प्रदर्शनी हमें एक अवसर प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री   ने देश के लिए 02 डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर की घोषणा की थी। इसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा देश के हृदय स्थल उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहा है। फरवरी 2020 में लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का भव्य आयोजन किया गया। डिफेंस एक्सपो-2020 में देश और दुनिया को भारतीय सेना के गौरव, शौर्य और पराक्रम को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ था।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि डिफेंस एक्सपो-2020 के अवसर पर उत्तर प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के लिए अनेक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को प्राप्त हुए हैं। इनमें डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में डी0आर0डी0ओ0 ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण की कार्रवाई, झांसी नोड में भारत डायनामिक्स के बड़े कार्यक्रम स्वीकृत हुए हैं। डिफेंस कॉरिडोर के कानपुर और अलीगढ़ नोड के लिए पहले से ही जितनी भूमि हमारे पास आरक्षित थी, वह सभी आवंटित होकर प्रोडक्शन के लिए अपने आप को तैयार कर चुकी हैं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि आज भारत ने सेना के साजो-सामान तथा हथियारों की आपूर्ति में भी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया है। हमें दुनिया के अनेक देशों को भी उस सप्लाई चेन के साथ जोड़ने में सफलता प्राप्त हो रही है। यह एक नई शुरुआत है। इस नई शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी और रक्षा मंत्री जी का आभार व्यक्त किया।
मार्च, 2019 में अमेठी में भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम इण्डो-रशियन राइफल्स प्रा0लि0 को भी प्रधानमंत्री जी ने यहां देश को समर्पित किया। वहीं साथ ही साथ एच0ए0एल0 आर्डिनेन्स फैक्ट्रियां, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड आदि इकाइयां भी प्रदेश में सेना की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि प्रदेश सरकार सेवारत सैनिकों और सेवानिवृत्त सैनिकों तथा वीरों व वीर नारियों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। देश की सीमाओं की रक्षा करने में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिजनों को प्रदेश सरकार अपनी ओर से 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था भी करती है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि योग्य और दक्ष जवान, भारतीय सेना को प्राप्त हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश वह राज्य है जिसने अपना पहला सैनिक स्कूल देश को वर्ष 1960 में दिया था। उत्तर प्रदेश के सैनिक स्कूल को यह गौरव प्राप्त है, कि सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र लखनऊ सैनिक स्कूल के ही एक छात्र कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय को वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में अपने अप्रतिम शौर्य और पराक्रम के लिए भारतीय सेना ने प्रदान किया। प्रदेश सरकार ने अपने इस पहले सैनिक स्कूल का नामकरण भी कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय के नाम पर किया है।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि राज्य सरकार जनपद गोरखपुर में प्रदेश के 05वें नए सैनिक स्कूल के निर्माण की कार्रवाई को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ा रही हैं। प्रधानमंत्री जी ने देश में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने के अभियान को अपने हाथों में लिया है, उनमें से उत्तर प्रदेश 16 सैनिक स्कूलों के प्रस्ताव को पहले ही भेज चुका है। विगत दिनों वृंदावन में देश के पहले बालिका सैनिक स्कूल का शुभारम्भ रक्षामंत्री जी के साथ किया गया है। सेना में बालकों के साथ-साथ बालिकाओं को भी अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों के अनुरूप वीर सपूतों के प्रशिक्षण और उनके शिक्षण के लिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना प्रधानमंत्री जी के द्वारा पहले ही की जा चुकी है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय अपना एक परिसर लखनऊ में भी खोल चुका है, जिसे डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अस्थायी कैम्पस के रूप में संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के लखनऊ कैम्पस की स्थापना सुरक्षा बलों में जाने के इच्छुक हमारे युवाओं को इस क्षेत्र में सुरक्षा क्षेत्र के कौशल वृद्धि में एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह हमारे युवाओं के लिए सेना में शानदार कैरियर को बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। आज युवाओं के लिए सेना में शामिल होने के अनेक कार्यक्रम आगे बढ़ रहे हैं।
हमारे सिख रेजीमेंट से जुड़े बहादुर जवानों ने यहां पर प्राचीन युद्ध कला ‘गतका’ का बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत की प्राचीन युद्ध कला से उस कालखण्ड में अपने युवाओं को आक्रांताओं का जवाब देने के लिए तैयार किया जाता था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारतीय सेना ने भारत की इस प्राचीन युद्ध कला को अपना हिस्सा बनकर उसे सम्मान दिया है। साथ ही, सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को भी एक नई प्रेरणा के रूप में भारतवासियों के सामने रखकर सम्मान देने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आगामी 15 जनवरी को सेना दिवस के अवसर पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए राज्य सरकार अपना पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता पहले ही व्यक्त कर चुकी है। पूरा भारत अपने जवानों के साथ है तथा उनके शौर्य और पराक्रम की गाथा का स्मरण करता है। सरकार अपने जवानों को हर सम्भव सहायता देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरी जवाबदेही के साथ आगे बढ़ा रही है।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य डाॅ0 महेन्द्र सिंह, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ मध्य कमान लेफ्टीनेंट जनरल एन0एस0 राजा सुब्रमणी, मध्य कमान के चीफ आॅफ स्टाफ लेफ्टीनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, सलाहकार मुख्यमंत्री श्री अवनीश कुमार अवस्थी, भारतीय सेना के अधिकारीगण व जवान सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here