नीमच। नीमच के इतिहास में पहली बार नेपाल से मंगवाए 21 हजार 108 पंचमुखी रुद्राक्ष को सिद्ध एवं वितरित करने का कार्यक्रम बहुत ही ऐतिहासिक एवं पूर्ण सफल रहा।
19 वर्ष बाद बने श्रावण अधिक मास (दो सावन) के विशेष योग के अवसर पर श्री भोलेश्वर महादेव मंदिर समिति उदय विहार महू रोड नीमच के तत्वाधान में नेपाल से मंगवाए 21 हजार 108 पंचमुखी रुद्राक्षों को पूरे दो महीने तक चले सावन अधिक मास में पार्थिव रूद्राक्ष शिवलिंग के माध्यम से नीमच के विद्वान्, समय के पाबंद ज्यो. पं.लक्ष्मण शास्त्री एवं ज्यों.पं. प्रेमप्रकाश गौड (घोटू महाराज) के द्वारा विधि विधान से पूजन अभिषेक आदि के माध्यम से सिद्ध किया गया। समिति के द्वारा सवा लाख से अधिक महामृत्युंजय जाप भी करवाए गए। ज्यो. पं.लक्ष्मण शास्त्री द्वारा समय के अनुसार रिकार्ड सवा सौ से भी अधिक संख्या में अभिषेक किए गए। 2 सितंबर को विशाल भजन संध्या एवं 3 सितम्बर को 5 विद्वान पंडितों द्वारा रूद्राक्ष महायज्ञ का भी आयोजन किया गया । रुद्राक्ष सिद्धि अभिषेक कार्यक्रम के दो महीनों के दौरान नीमच क्षेत्र के 21 विद्वान पंडितों द्वारा सरसों के तेल से भी अभिषेक किया गया। समिति सदस्यों, महिला मंडल सदस्याओं एवं बच्चों के द्वारा भी अभिषेक किया गया।
इस अवसर पर नीमच सहित भारत के विभिन्न प्रांतों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालुओं ने नीमच आकर रूद्राक्ष शिवलिंग का अभिषेक किया। इन रुद्राक्ष को देने की व्यवस्था भी दो माह पूर्व से समिति द्वारा बुकिंग के माध्यम से की गई थी। सभी रूद्राक्ष की पूर्व बुकिंग हो चुकी थी और 4 सितम्बर को सायं 4 बजे से सभी को रूद्राक्ष वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल के अलावा समिति के गोपाल सोनी, बंसीलाल नाबेड़ा, शैलेंद्र जायसवाल, ब्रजेश जैन, जगदीश अजमेरा, अशोक जायसवाल, महेश पोरवाल, अंकित नाबेडा, वीरेंद्र सिंह, हरिष बागड़ी एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्यों का विषेष सहयोग रहा।
नीमच में 21 हजार 108 अभिमंत्रित एवं सिद्ध पंचमुखी रुद्राक्ष वितरण ने इतिहास रचा
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