Home Pradesh Uttar Pradesh नियम विरूद्ध तबादलों पर संघ ने दर्ज कराई अपत्ति

नियम विरूद्ध तबादलों पर संघ ने दर्ज कराई अपत्ति

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उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, उ0प्र0

लखनऊ  चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने कई विभागों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के नियम विरूद्ध तबादलों पर अपत्ति दर्ज कराई है। सम्बंधित विभागों को अपत्ति दर्ज कराते हुए उक्त तबादलों को निरस्त किए जाने की मांग की गई है।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति का अधिकारियों द्वारा शासन द्वारा समय समय पर जारी आदेशों का उल्लंघन किया गया है।, उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानान्तरण न किया जाये। जिसका शासन द्वारा स्पष्ट आदेश जारी है। उसके बावजूद बाल विकास पुष्टाहार, के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लखनऊ से अन्य जनपदों में स्थानान्तरण किया गया है। जो स्थानान्तरण नीति के विरूद्ध है। कुछ ऐसे कर्मचारियों का भी स्थानान्तरण किया गया है, जिनकी सेवानिवृत्ति 02 वर्ष की शेष है। ऐसा कई विभागों में किया गया है। वाणिज्य कर विभाग ने जोन स्तर पर स्थानान्तरण किये गये हैं और मुख्यालय द्वारा भी 01 कर्मचारी को आगरा से गाजियाबाद बिना कर्मचारी की सहमति के स्थानान्तरित कर दिया गया है। एक तरफ समस्त विभागों में 60 प्रतिशत से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पद है। उनके स्थान पर संविदा कर्मचारी ही रखे गये है, जिसके कारण राजकीय कार्य भी प्रभावित हो रहा है। कुछ ऐसे मुख्य विभाग है, जो राजस्व से सम्बन्धित है, उन विभागों में भी कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है। जिसके लिये  प्रधानमंत्री को एंव  मुख्यमंत्री  एंव सभी सांसदो को ज्ञापन के माध्यम से रिक्त पदों पर भर्ती किये जाने की मांग की गयी है। श्री सिंह ने उदाहरण दिया कि वाणिज्य कर विभाग में मुरादाबाद जोन में स्वीकृत पद से अधिक कर्मचारी तैनात हैं। मुरादाबाद जोन में आशुलिपिक के स्वीकृत पद 40 है, और वहा कार्यरत आशुलिपिकों की संख्या 70 है। प्रधान सहायक के 53 पद स्वीकृत है, 72 वहा कार्यरत है। इसीप्रकार मुख्यालय पर डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर के 20 पद स्वीकृत है, लेकिन कार्यरत डिप्टी कमिश्नर की संख्या 35 है। इस प्रकार असिस्टेंट कमिश्नर की स्वीकृत संख्या 24 है लेकिन कार्यरत 46 है। मुख्यालय पर वाणिज्य कर अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 16 हैं, लेकिन कार्यरत वाणिज्य कर अधिकारी 82 है। श्री सिंह ने बताया कि ऐसे कई जनपद हैं, जहा पर एक भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं है। कई जनपदों में अधिकारी एंव कर्मचारियों की काफी कमी है। उन्होंने सहारनपुर जोन का उदाहरण देते हुये बताया कि कनिष्ट सहायक के स्वीकृत पद 95 है लेकिन कार्यरत मात्र कर्मचारी 13 हैं। श्री सिंह ने कहा कि जहा स्वीकृत पद से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उनको वहा से हटाकर जिन जोनों में कर्मचारियों की संख्या में कमी है, वहा स्थानान्तरित किया जाए जिससे राजकीय कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सके। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा जारी स्थानान्तरित नीति का पालन किया जाये । उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने के लिये ऐसा काम कर रहे हैं कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उत्पीडन करके धरना प्रर्दशन करने के लिये बाधित किया जा रहा है। अगर कर्मचारियों का उत्पीडन बन्द नहीं किया जाता है तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आन्दोलन करने के लिये बाध्य होगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों की होगी।

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