![चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ का मोर्च से किया किनारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ का मोर्च से किया किनारा](https://i7news.in/wp-content/uploads/2023/08/SURESH.jpg)
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ,वाणिज्यकर विभाग
लखनऊ उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी वाणिज्य संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त मोर्चा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ शामिल नही है। उन्होंने बताया की तत्कालीन अध्यक्ष सेवा संघ के राजवर्धन सिंह, कपिल तिवारी के नेतृत्व में वाणिज्य कर का संघर्ष समिति का गठन हुआ था।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सचल दल इकाई को समाप्त करने की साजिश की जा रही थी जिसको लेकर पूरे प्रदेश में गांधीवादी आंदोलन की तरह किया गया था। उस समय कैडर स्टेचर का गठन किए जाने को लेकर भी संघर्ष किया गया था। उन्होंने बताया कि विभाग में कमिश्नर द्वारा कर्मचारियों की समस्या के निस्तारण के निर्देश दिए जाते है लेकिन कतिपय अधिकारी गुमराह करते है। सचल दल इकाई समाप्त करने के समय भी उन्होंने सभी संगठनों का साथ दिया था। विभाग स्तर पर कोई भी समस्या होती है तो कमिश्नर महोदय तुरंत संज्ञान में लेकर उसको निस्तारण स्पष्ट रूप से किया जा रहा है। कर्मचारियों की कुछ समस्याएं शासन स्तर पर लंबित हैं जिसमें अपर मुख्य सचिव कार्मिक के समस्त दो वार्ता हो चुकी है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक द्वारा समस्त विभागों को रिमाइंडर भी जारी कर दिया गया। उन्होने कहा कि कुछ कर्मचारी संगठन अपने निजी स्वार्थ के लिए संगठन की एकता को दिखाकर दबाव बनाते हैं। उसके बाद उन छोटे संगठनों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। इसलिए चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी वाणिज़्कर संघ किसी संयुक्त मोर्चे में सम्मिलित नहीं है। उन्होंने भी बताया की वाहन चालक के प्रदेश महामंत्री सूरज यादव एवं अमीन संघ के महेंद्र कुमार भी किसी मोर्चे में सम्मिलित नहीं। सुरेश सिंह यादव ने बताया कि कमिश्नर पर पूर्ण विश्वास है कि कर्मचारियों की समस्या तुरंत निस्तारण करती हैं। उन्होने आरोप लगाया कि जोन स्तर पर चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों का उत्पीड़न विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। जिसकी शिकायत कमिश्नर से की गई है उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन विभाग स्तर के अधिकारी द्वारा विलंब किया जाता है। जबकि कमिश्नर द्वारा तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश अधिनस्थ अधिकारी 15-15 दिनों का समस्याओं एवं आवेदनों का निस्ताराण न कर चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को परेशान करते है।