Home India गौ माता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता

गौ माता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता

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गौ माता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता

कपिल पौराणिक श्रीमद् भागवत  प्रवाहित,
नीमच  गौमाता में 36 करोड़ देवी- देवताओं का वास होता है।जिस घर में गौमाता का पालन होता है वहां कभी कष्ट नहीं आते हैं।गौ माता की सेवा के बिना जीवन का कल्याण नहीं होता है। श्री कृष्ण ने गोपालन किया था इसलिए गाय पालना चाहिए।यह बात भागवतचार्य पंडित कपिल पुराणिक ने कही । वे श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा स्थानीय भोलाराम कंपाउंड क्षेत्रवासियों के तत्वावधान  में आयोजितश्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव  में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सफल व्यक्ति प्रसन्न रहे ना रहे लेकिन प्रसन व्यक्ति सफल अवश्य रहता है। व्यक्ति को जितना प्राप्त है उसी में संतोष रखना चाहिए जितना प्राप्त है पर्याप्त है। इस धेय वाक्य को जीवन में आत्मसात करना होगा तभी जीवन सफलतापूर्वक संपन्न होगा। सहनशीलता को स्वीकार करना चाहिए सहनशीलता के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता है। छोटे बच्चों को सत्संग में जाने के संस्कार होना चाहिए।तभी उनके जीवन का कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।कथा सुनकर व्यक्तियों के जीवन में परिवर्तन आना चाहिए तभी कथा सार्थक होती है।कथा श्रवण कर
सभी बच्चे मंदिर जाना सीखें,  कथा श्रवण के बाद मदिरा का त्याग करना सीखना चाहिए। सत्य शिव होता है  लोककथा अवश्य सुने लेकिन बच्चों को भी कथा सुनाने अवश्य लाएं तभी उज्जवल भविष्य बन पाएंगे।कथा तो बहाना है संस्कारों की फसल उगाना है।
ईश्वर प्रेम के बिना नहीं मिलते चाहे करोड़ों उपाय कर लो।  वेदव्यास जी ध्यान पूजन अर्चन स्नान के बाद भागवत सुनाते थे। परिस्थिति अनुसार मनह स्थिति बदलना चाहिए ।कष्ट दूर होते हैं। श्रीमद् भागवत का शुभारंभ महाभारत युद्ध से हुआ था। सशक्त सम्राट धृत्तराष्ट्र के 100 सुपुत्र तथा शक्तिशाली सम्राट होने के बाद 5 गरीब पुत्रों से युद्ध पराजित हो जाता है। क्योंकि उनके साथ श्री कृष्ण थे।इसलिए कहते हैं कि श्रीकृष्ण जिसका साथ देते हैं।वह सफल होता है। भाई से लड़ेंगे तो प्रेम किससे करेंगे ।इसलिए भाई से प्रेम से रहना चाहिए लड़ना नहीं चाहिए। राम इसलिए युद्ध जीत गए थे कि उनका भाई लक्ष्मण उनके साथ था। रावण इसलिए युद्ध हार गए थे कि उनका भाई विभीषण उनके साथ नहीं था। संसार में अच्छा भाई नहीं मिलता है इसलिएअपने भाई से लड़ना नहीं चाहिए।  हर घर में एक गाय अवश्य पालना चाहिए। परिवार में सुख शांति है। गाय नहीं पाल सकते तो कोई बात नहीं, गौशाला में एक  गाय को गोद  ले उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लेना चाहिए। गाय में 33 करोड़ देवी देवता का वास होता है गाय पालने से सारे कष्ट कटते हैं।गाय के गोबर में लक्ष्मी ,गौमूत्र में गंगा का वास होता है। पहली रोटी गाय की निकालना चाहिए। कलयुग में परमात्मा के नाम स्मरण मात्र से ही परमात्मा प्रकट हो जाएंगे।मन से कोई पुण्य करेगा उसका फल ज्यादा मिलेगा।मदिरा पान या  हिंसा  जुआ खेलने में कलयुग का वास होता है।अन्याय से कमाए धन में कलयुग का वास होता है। धेर्य धारण करे तो परिवार में शांति रहती है। अच्छे गुणों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए।  ।आम का पेड़ छायादार नहीं होता तो भी नहीं काटते हैं। गुरु चरणों से बड़ा संसार में और कोई नहीं होता। हरी से तार गुरु ही जोड़ता है।

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गिरिराज पर्वत महोत्सव मनाया
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भागवत ज्ञान गंगा के मध्य जब पंडित कपिल पुराणिक ने गिरिराज पर्वत महोत्सव का प्रशंग बताया तो भक्ति पंडाल जय-जय श्री कृष्ण की स्वर लहरियों से गूंज उठा ।इस अवसर पर नन्हे बालक सोम्य राकेश सैनी ने श्री कृष्ण का अभिनय प्रस्तुत किया महिलाओं ने गोवर्धन पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। इस अवसर पर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई।महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।  जाएगा 25जुलाई को सुबह 11बजे श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा का  विश्राम हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा।

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