बिहार विधानसभा के समक्ष बिहार राज्य शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन
ध्रुव कुमार सिंह, मुज़फ्फरपुर, बिहार,
बिहार राज्य शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी समन्वय समिति के बैनर तले राज्य के माध्यमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तरीय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्री मांग यथा शिक्षा विभाग के पत्रांक 4252 दिनांक – 21-11-2023, पत्रांक 4340 दिनांक 28-11-2023 , पत्रांक 4341 दिनांक 28-11-2023 पत्रांक 4342 दिनांक 28-11-2023 पत्रांक 4724 दिनांक 20-12-2023 सहित महासचिव, एआईफुक्टो आदि के वेतन पर रोक संबंधी उच्च शिक्षा निदेशक द्बारा 4-12-2023 को हस्ताक्षरित आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने,वित्त अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालय, इण्टर कालेज एवं माध्यमिक विद्यालय को पूर्ववत मान्यता बहाल रखते हुए बकाए अनुदान का एकमुश्त भुगतान व अनुदान प्रक्रिया में बदलाव कर नियमित वेतनमान दिये जाने, वेतन निर्धारण कोषांग द्बारा वेतन पर्ची निर्गत नहीं होने पर शिक्षकों, कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत कटौती किये जाने के आदेश को अविलंब वापस लिए जाने तथा पूर्व में की गई कटौती की राशि वापस करने का आदेश विश्वविद्यालयों को दिये जाने , विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में यूजीसी द्वारा घोषित चाईल्ड केयर लीव, एम. फिल. और पी. एचडी. इन्क्रीमेंट की सुविधा लागू करते हुए वर्षों से लंबित तमाम बकाए और प्रोन्नति को शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने और समय से वेतन व पेंशन के भुगतान की दिशा में कारगर कदम उठाए जाने को लेकर आज हजारों की संख्या में विधानसभा के समक्ष रोषपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर हुई सभा की अध्यक्षता सर्वश्री शंकर यादव, डा.शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव राघवेन्द्र कुमार सिंह प्रदेश महासचिव, डा.रामविनेश्वर सिंह, गणेश प्रसाद सिंह, जय नारायण सिंह मधु, शंभु कुमार सिंह, राजकिशोर प्रसाद सिंह साधु, रौशन कुमार, डा.रमेश गुप्ता, डा.धनजय सिंह, अभय नाथ सिंह, आमोद प्रबोधी, ललित किशोर, इंद्रकुमार दास, राजीव रंजन ने संयुक्त रूप से किया। जबकि आज के आन्दोलन के महत्व पर एआईफुक्टो के राष्ट्रीय महासचिव डा.अरुण कुमार ने प्रकाश डालते हुए कहा कि आज संयुक्त आन्दोलन की आवश्यकता क्यों पड़ी ? मंच संचालन डा अरुण कुमार एवं ब्रजकिशोर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। धरनार्थियों को अन्य लोगों के साथ ही बिहार राज्य शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी समन्वय समिति के संयोजक सह विधान पार्षद डा.संजय कुमार सिंह, विधान पार्षद डा.संजीव कुमार सिंह, डा.मदन मोहन झा, सर्वेश कुमार सिंह, देवेन्द्र नारायण यादव, अफाक अहमद, पूर्व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, बी.आर.ए बिहार विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय संघर्ष समन्वय समिति के प्रो.सुनील कुमार सिंह, प्रो.जयकांत जय, बीआरएबीयू संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य सह प्रगतिशील कर्मचारी संघ के सचिव नरेंद्र कुमार सिंह, विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के सचिव गौरव और प्रो.अरुण गौतम आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि समन्वय समिति की जायज़ मांगों के प्रति राज्य सरकार को संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए और समन्वय समिति के नेताओ को वार्ता के लिए समय निर्धारित कर समस्याओं के निराकरण की दिशा में कारगर पहल शीघ्र किया जाये।