who is aashish mishra monu: Aashish Mishra Monu: All you need to know about Aashish Mishra Monu and allegation on him in Lakhimpur Kheri violence: पिता के साथ बढ़ता गया बेटे का कद, जानिए कौन हैं केंद्रीय मंत्री के बिगड़ैल ‘शहजादे’ आशीष मिश्रा, क्या हैं आरोप?

हाइलाइट्स
- लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसक झड़प में किसान समेत 8 की मौत, बीजेपी नेता पर आरोप
- केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर में एफआईआर दर्ज
- आशीष मिश्रा पर प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप, पिता ने आरोपों से किया इनकार
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू मिश्रा लखीमपुर खीरी कांड में खलनायक के तौर पर सामने आ रहे हैं। लखीमपुर में चार किसानों को कुचलने के आरोप में उन पर केस दर्ज हो चुका है। रविवार को हुई हिंसक झड़प में कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें बाकी चार बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। हालांकि सांसद पिता अजय मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका बेटा घटनास्थल पर नहीं था।
पूरे मामले में आशीष मिश्रा मोनू का नाम सुर्खियों में है। आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री के छोटे बेटे हैं। साल 2012 में पिता को विधायकी का टिकट मिलने के साथ ही वह राजनीति में ऐक्टिव हो गए थे। साथ ही पिता के पेट्रोल पंप और राइस मिल वगैरह का बिजनस भी देखते थे। आशीष मिश्रा कैसे पिता के छत्रछाया में बीजेपी के बड़े नेताओं के करीब आते गए, यह उनकी फेसबुक अकाउंट को खंगालने पर पता चलता है। उनकी फेसबुक पोस्ट को देखें तो 2018 से पहले आशीष आमतौर पर अपने पिता के काम ही शेयर करते थे। धीरे-धीरे वह न सिर्फ बीजेपी नेताओं के करीब आते चले गए, बल्कि इस विधानसभा चुनाव में टिकट के तगड़े दावेदार के तौर पर भी उभर गए।

बेटे आशीष मिश्रा (दाएं) के साथ अजय मिश्रा
पिता के चुनाव प्रचार की संभाली जिम्मेदारी
जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अजय मिश्र टेनी को 2012 में बीजेपी ने लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से टिकट दिया था। उस वक्त उनके चुनाव प्रचार का जिम्मा बेटे आशीष मिश्रा ने संभाला था। दोनों की कड़ी मेहनत और अजय मिश्रा की लोकप्रियता के बदौलत यहां बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि सरकार सपा की बनी थी।
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पिता के विधायक बनने के बाद क्षेत्र में आशीष मिश्रा का रुतबा बढ़ता गया। विधायक के रूप में अजय मिश्रा के कामकाज को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया और 2014 में लखीमपुर से सांसदी का टिकट दिया। इस बार भी बेटे आशीष ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली और पिता को लोकसभा पहुंचाने में मदद की।
2017 चुनाव में मांगा था टिकट पर बात नहीं बनी
दो चुनाव में पिता का साथ देकर आशीष भी राजनीति का ककहरा सीख चुके थे। 2017 विधानसभा चुनाव में अजय मिश्रा ने बेटे के लिए टिकट मांगा लेकिन बात नहीं बन पाई। हालांकि आशीष निघासन में लगातार सक्रिय रहे।

फोटो साभार-आशीष मिश्रा मोनू फेसबुक
2019 लोकसभा चुनाव में अजय मिश्रा टेनी को एक बार फिर लोकसभा चुनाव का टिकट मिला और उन्होंने जीत दर्ज की। इसी साल जुलाई में हुए मोदी कैबिनेट विस्तार में उन्हें भी जगह दी गई और अजय मिश्रा को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 2022 के चुनाव में आशीष को निघासन से टिकट दिए जाने की संभावना बढ़ गई।
लगातार निघासन में सक्रिय रहे आशीष मिश्रा
आशीष मिश्रा की फेसबुक प्रोफाइल को देखें तो वह लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। निघासन में हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में वह शामिल होते रहे हैं। पिछले दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में स्मार्ट फोन भी बांटे।
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आशीष मिश्रा पर क्या है आरोप?
लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप है कि जिस समय किसान प्रदर्शन कर रहे थे उसी वक्त गाड़ी ने उन्हें रौंद दिया। आशीष मिश्रा पर गाड़ी चलाने का आरोप है। इस दौरान 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनका बेटा घटनास्थल में शामिल नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कार नहीं चला रहा था। आशीष मिश्रा ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।

अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मोनू
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