up news: uttar pradesh lakhimpur khiri big ruckus of farmers bjp leaders accused for trampling by car kisan andolan : यूपी चुनाव से पहले ऐसा वाकया भारी न पड़ जाए…रणनीति बनाने में जुटे किसान आंदोलनकारी…बीजेपी नेताओं पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप

हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों का बड़ा बवाल
- बीजेपी नेताओं पर किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने का आरोप
- गुस्साए किसानों ने मौके पर मौजूद कई गाड़ियों में लगाई आग
- केशव प्रसाद मौर्या को काले झंडे दिखाने के लिए खड़े थे किसान
भारतीय जनता पार्टी के लिए पश्चिमी यूपी का इलाका काफी सेंसेटिव होता जा रहा है। ऊपर से लखीमपुर खीरी हादसे में किसानों की मौत और बावल ने माथे पर बल ला दिया है। नाराज किसानों ने गाड़ियों को फूंक दिया और आगे आंदोलन को धारदार बनाने की रणनीति में जुट गए।
लखीमपुर खीरी में आखिर क्या हुआ था?
बनबीरपुर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम था। उससे पहले बड़ा बवाल हो गया। तिकुनिया में काले झंडे दिखाने के लिए खड़े किसानों की बीजेपी नेताओं से झड़प हो गई। आरोप है कि इसी दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बीजेपी नेताओं में से ही किसी ने गाड़ी चढ़ा दी। जिसमें कई किसान घायल हो गए। हादसे के बाद आक्रोशित किसानों ने गाड़ियों में आग लगा दी। दरअसल केशव प्रसाद मौर्य को लखीमपुर-खीरी में कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था। इसके बाद उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव बनबीरपुर भी जाना था। डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर किसान नेता काले झंडे दिखाने के लिए इकट्ठा हुए थे। हालांकि केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले ही बवाल हो गया।
आगे की रणनीति बनाने में जुटे किसान नेता
ये मैसेज साफ-साफ पहुंचाया गया कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किसानों को जानबूझकर गाड़ियों से रौंदा। ये सभी सत्ता के नशे में चूर हैं। आम-आदमी को ये लोग कुछ समझते ही नहीं है। मामला सत्ताधारी दल से जुड़ा हुआ है तो प्रशासन से जुड़े लोग भी कुछ बोलने से बच रहे हैं। उधर, भारतीय किसान यूनियन ने दावा किया है कि हादसे में किसानों की मौत हुई है। मगर जिला प्रशासन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। भारतीय किसान यूनियन ने ट्वीट कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है। किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर से लखीमपुर-खीरी में कैंप करनेवाले हैं। अब यहीं पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
लखीमपुर खीरी को किसानों ने क्यों टारगेट किया?
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी लखीमपुर के सांसद हैं। अजय मिश्र टेनी ने कुछ दिनों पहले मंच से किसानों को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद से उनका विरोध हो रहा है। सांसद कहते हैं कि ‘जो किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, अगर मैं पहुंच गया होता तो भागने का रास्ता नहीं मिलता। लोग जानते हैं कि विधायक, सांसद बनने से पहले मैं क्या था। जिस चुनौती को स्वीकार कर लेता हूं, उसे पूरा करके ही दम लेता हूं। सुधर जाओ…नहीं तो 2 मिनट का वक्त लगेगा। जो कुछ लोग अंधेरे में प्रदर्शन कर रहे हैं, वे मुझसे मदद मांगा करते थे।’ अजय मिश्र टेनी के इस बयान के बाद से ही किसान इनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
Video: लखीमपुर खीरी की आग के पीछे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का ये भाषण
बीजेपी के लिए क्यों बना संवेदनशील मुद्दा?
‘मिशन यूपी’ पर जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसान आंदोलन का काट ढूंढने में जुटे हैं। इसी बीच लखीमपुर में ये हादसा हो गया। वेस्ट यूपी के सात जिलों के लिए सीएम ने सरकारी खजाना खोल दिया है। सीएम योगी का प्लान है कि 2017 में हारी बाजी को 2022 की जीत में बदला जाए। 2017 में बीजेपी ने 325 सीट जीती थी। वेस्ट यूपी की 14 जिलों की 71 में से 54 सीटों पर बीजेपी विजयी रही थी। इस बार 350 सीट जीतने का लक्ष्य है। पार्टी का पहला फोकस यूपी की कुल 80 सीटों और वेस्ट यूपी की 17 सीटों पर है। जहां पिछली बार पार्टी हार गई थी। 2017 के अपने विनिंग फॉर्म्युले को धार देने में पार्टी जुटी है। ‘सर्वण+गैर यादव ओबीसी+गैर जाटव दलित’ का फॉर्म्युला हैं। वेस्ट यूपी के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर जाट समुदाय को साधने की कोशिश की। अब गुर्जरों की राजधानी कहे जाने वाले गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी में उनके सम्राट मिहिर भोज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण कर गुर्जरों को साधने की गुगली फेंकी। अब देखनेवाली बात होगी कि पार्टी लखीमपुर हादसे का डैमेज कंट्रोल कैसे करती है?

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