Rampur Chaku Chowk: रामपुर में चाकू चौक का हुआ लोकार्पण जानिए क्या है पूरा मामला

चीनी चाकूओं ने बढ़ाई परेशानी
एक अन्य व्यापारी मोहम्मद शादाब रजा ने बताया कि ब्लेड की लंबाई पर सख्त नियम बनाए जाने के कारण रामपुरी चाकू का निर्यात करना बहुत मुश्किल है। रामपुरी चाकू के ब्लेड की लंबाई अमूमन 30 सेंटीमीटर या उससे अधिक होती है। मांग और लोकप्रियता में गिरावट के अलावा चीन से आयात किए जाने वाले सस्ते चाकू की आसानी से उपलब्धता ने भी उद्योग को एक बड़ा झटका दिया है। शादाब ने कहा कि चीन से आयातित चाकू ने बाजार पर कब्जा कर लिया है। वे कम गुणवत्ता वाले हैं लेकिन मूल रामपुरी चाकू से आधी कीमत पर मिल जाते हैं। इसलिए, लोग उन्हें खरीदते हैं। इस वजह से रामपुरी चाकू का बाजार पिछले कुछ समय में बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।
घटती मांग के चलते कई निर्माण इकाइयों को बंद कर दिया गया है और शिल्पकारों को एक अच्छा जीवन यापन करने के लिए अन्य व्यवसायों को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। रहमत रजा ने कहा कि शहर में अब एक भी बड़ा चाकू निर्माता नहीं है। निर्माण बस छोटे कारखानों तक सीमित रह गया है। चाकू के कारोबार की दयनीय स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों का कहना है कि रामपुरी चाकू के नाम पर एक चौक की स्थापना करने से कहीं ज्यादा इस उद्योग में नई जान फूंकने के सार्थक प्रयास करने की जरूरत है।
चौक पर लगा 20 फीट का चाकू
रहमत रजा ने कहा कि हमने राज्य सरकार से चाकू को ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) योजना में शामिल करने और नए कारीगरों को प्रशिक्षित करने और बड़े बाजार तक पहुंचने में मदद करने का आग्रह किया है। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने पिछले सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय नेताओं की उपस्थिति में ‘चाकू’ का उद्घाटन किया। नैनीताल मार्ग से रामपुर आने वाले चौराहे पर विश्व का सबसे बड़ा चाकू स्थापित कर चौराहे को चाकू चौक का नाम दिया गया है।
करीब 20 फीट के इस विशाल चाकू के अनावरण के मौके पर मौजूद रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना ने कहा था कि रामपुरी चाकू कभी डर का प्रतीक हुआ करता था, लेकिन आज इसे शिल्प के रूप में पहचाना जा रहा है। विधायक ने कहा था कि अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि चाकू बनाने वाले उद्योगों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए।
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