priynka gandhi on bjp workers: priyanka gandhi said in lakhimpur that she wanted to go to the homes of bjp workers who killed in violence हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर भी जाना चाहती थी पर… लखीमपुर में बोलीं प्रियंका गांधी

हाइलाइट्स
- लखीमपुर पहुंची प्रियंका ने किसानों व पत्रकार के परिवार से मुलाकात की
- प्रियंका गांधी ने कहा कि वह बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर भी जाना चाहती थीं
- यूपी पुलिस पर फूटा कांग्रेस महासचिव का गुस्सा, लगाए कई बड़े आरोप
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सीतापुर के गेस्ट हाउस में करीब 60 घंटे तक हिरासत में रहीं। इसके बाद बुधवार देर रात और गुरुवार सुबह उन्होंने लखीमपुर हिंसा में मारे गए लोगों के घरवालों से मुलाकात की। उनके साथ राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता थे। इस मौके पर प्रियंका गांधी ने कहा- ‘मैं हिंसा के शिकार बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर भी जाना चाहती थी। उनके परिजनों से मिलकर दुख बांटना चाहती थी। इस संबंध में मैंने आईजी से पूछा भी, लेकिन आईजी ने कहा कि वह नहीं मिलना चाहते। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं।’
प्रियंका और राहुल गांधी ने हिंसा में मारे गए लखीमपुर के दो किसानों के परिवार से मुलाकात की। हिंसक झड़प में बहराइच के भी दो किसानों की जान गई थी। साथ ही लखीमपुर के एक पत्रकार, दो बीजेपी कार्यकर्ता और एक ड्राइवर की मौत हुई थी। कांग्रेस नेता पत्रकार की पत्नी से भी मिलने गए थे। इसके बाद उनका काफिला बहराइच के लिए निकल गया।
‘जब तक इस्तीफा नहीं देंगे केंद्रीय मंत्री, नहीं हो पाएगी जांच’
पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्होंने परिवारों को न्याय दिलाने का वचन दिया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रियंका ने इस मामले की जांच रिटायर्ड जज से नहीं बल्कि हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है। प्रियंका ने कहा कि अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को सबने पहचाना है। वह जानना चाहती हैं कि कैसे न्याय मिलेगा अगर वह मंत्री रहेंगे? वह गृह विभाग के मंत्री हैं और यह सब उनके अधीन आता है। जब तक वह मंत्री रहेंगे, बर्खास्त नहीं होगे निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी।
‘बगैर एफआईआर मुझे अरेस्ट किया, कोई कागज नहीं दिखाया’
कांग्रेस की महासचिव ने कहा कि हम किसान और पत्रकार के परिवारों के साथ मिले। तीनों परिवारों ने यही कहा कि उन्हें मुआवजा नहीं न्याय चाहिए। जो भी अपराधी हैं उन्हें गिरफ्तार करें। पुलिस पर हमलावर होते हुए प्रियंका ने कहा कि हमें रोकने के लिए नाकाबंदी कर दी। एक-एक पीड़ित परिवार को नंजरबंद किया, लेकिन अपराधियों के लिए कोई पुलिसफोर्स नहीं निकाली। क्या पुलिस अपराधियों को रोकने के लिए नहीं है? सिर्फ राजनीति लोगों को पकड़ने के लिए है? प्रियंका ने कहा, ‘मुझे बिना एफआईआर के गिरफ्तार किया। कोई कागज नहीं दिखाया। मैजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया। सारे नियमों का उलंघन किया। इन्होंने अपनी गाड़ी के नीचे छह लोगों को कुचला इनके लिए कोई नियम कानून नहीं है?

किसान परिवार के बीच प्रियंका गांधी
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