priyanka rally in varanasi: priyanka gandhi pratigya rally renamed as kisan nyay rally किसान न्याय रैली में बदली प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा रैली

हाइलाइट्स
- बनारस में 10 अक्टूबर को होने जा रही प्रियंका गांधी की रैली
- पहले रैली का नाम प्रतिज्ञा रैली था जो अब हुआ किसान न्याय रैली
- छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री के भी रैली में रहने की उम्मीद
बदलते सियासी माहौल में कांग्रेस लगातार यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति बना रही है। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में यूपी कांग्रेस एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभरने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बनारस में पहले गांधी जयंती 2 अक्टूबर को प्रियंका की रैली रखी गई। फिर इसकी तारीख बदल कर 10 अक्टूबर की गई और नाम रखा गया प्रतिज्ञा रैली। लेकिन लखीमपुर की घटना के बाद जिस तरह से बीजेपी थोड़ा बैकफुट पर आई, कांग्रेस ने एक बार फिर किसानों का मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है। अब वाराणसी में रविवार को होने वाली प्रतिज्ञा रैली ‘किसान न्याय रैली‘ में बदल गई है।
सीएम योगी के बयान और लखीमपुर की घटना के बाद बदली रणनीति
गौरतलब है कि लखीमपुर जाने से पहले प्रियंका गांधी को सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में 60 घंटे तक हिरासत में रखा गया। उसी दौरान प्रियंका ने खुद का झाड़ू लगाते हुए एक वीडियो जारी किया। इसके बाद एक चैनल पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया कि लोगों ने उनको अब इसी लायक छोड़ा है। कांग्रेस ने इस बयान को लपक लिया और महिला व वाल्मीकि समाज के सम्मान के साथ जोड़ते हुए व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिया। लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से रौंदने का आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र पर लगा। इस मामले में अब तक गिरफ्तारी नही होने से बीजेपी ने कांग्रेस के हाथ में एक और मुद्दा दे दिया। इसलिए प्रतिज्ञा रैली का स्वरूप अब किसान न्याय रैली में बदल गया है। प्रियंका इस रैली में आरोपियों की गिरफ्तारी, गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी और कृषि कानूनों की वापसी का मुद्दा उठाएंगी। इसी बहाने किसान आंदोलन को पश्चिम से पूरब की तरफ खड़ा करने की रणनीति बनाई गई है।
बंगाल से उलट पूरे दमखम से यूपी चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
कुछ महीने पहले हुए बंगाल चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। कांग्रेस पर आरोप लगे कि उसने पर्दे के पीछे से ममता बनर्जी के पक्ष में माहौल बनाया। यूपी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का खराब प्रदर्शन सीधे तौर पर प्रियंका गांधी की क्षमता पर सवाल उठाएगा। इसे देखते हुए कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ जनता का विकल्प बनने का निर्णय लिया है। इसके लिए पार्टी प्रियंका गांधी की रैली में लखीमपुर की घटना के बहाने किसान आंदोलन को पूर्वांचल में हवा देगी।
मां कुष्मांडा के दर्शन करने के बाद करेंगी शक्ति प्रदर्शन
वाराणसी दौरे के लिए जिला कांग्रेस ने जो कार्यक्रम और रूट प्लान प्रशासन को भेजा है, उसके मुताबिक कांग्रेस की रणनीति साफ है। बाबतपुर एयरपोर्ट से रोहनिया स्थित रैली स्थल कैंट होते हुए सीधा जाया जा सकता है। लेकिन प्रियंका गांधी का रूट वाराणसी के अधिकांश मुस्लिम बहुल इलाकों से होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर, फिर दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्माण्डा के मंदिर से होते हुए गुजरेगा। नवरात्रि के दिनों में प्रियंका मां कुष्मांडा के दुर्गाकुंड मंदिर में दर्शन पूजन करेंगी। उसके बाद रोहनिया के जगतपुर इंटर कॉलेज ग्राउंड पर किसान न्याय रैली करेंगी। मंच पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के पहले दलित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के आने की भी संभावना है।

प्रियंका की किसान न्याय रैली
Source link