pratapgarh news: शहीद लेफ्टिनेंट कमांडेंट का पार्थिव शरीर पहुंचा प्रतापगढ़, नम आंखों से दी अंतिम विदाई – mortal remains of martyr yogesh tiwari reached pratapgarh

प्रतापगढ़ के रहने वाले शहीद नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके बलीपुर गांव पहुंचा। इस दौरान लोग शहीद को जगह-जगह पर फूल अर्पित कर भारत माता की जय के जयकारे लगाते रहे। उत्तराखंड के चमेली में 1 अक्टूबर को नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी शहीद हो गए थे। जिनका पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव बलीपुर परसन गांव लाया गया।
त्रिशूल पर्वत के रास्ते पर जाते समय हुआ था हादसा
उत्तराखंड के चमोली में एक अक्टूबर को त्रिशूल पर्वत पर 10 पर्वतारोहियों की टीम के साथ लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी तिरंगा फहराने जा रहे थे। उसी दौरान रास्ते में ही हिमस्खलन होने के चलते वह लापता हो गए थे। शनिवार को उनका पार्थिव शरीर मिलने के बाद सेना के अफसरों ने परिवार को सूचना दी थी।
2001 में प्रतापगढ़ के जेठवारा के बलीपुर गांव के रहने वाले योगेश तिवारी का चयन लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ था। शहीद योगेश तिवारी की तैनाती उत्तराखंड में थी। उत्तराखंड के चमोली त्रिशूल पर्वत पर 2 अक्टूबर को झंडा फहराना था। 1 अक्टूबर को 10 पर्वतरोहियों की टीम हादसे का शिकार हो गई। जिसमें योगेश तिवारी हादसे में शहीद हो गए। इससे पहले उन्होंने पहाड़ी दर्रे पार करने, सबसे लंबी दूरी तक साइकिल चलाने, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने और गिनीज बुक में नाम दर्ज होने के लिए प्रस्तावित था।
नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
उत्तराखंड में तैनात लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी को गांव के लोगों ने राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वहीं, प्रदेश के मुखिया सीएम योगी ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये, एक सरकारी नौकरी, शहीद द्वार, शहीद योगेश के नाम पर मुख्य गांव की सड़क का नामकरण किए जाने की घोषणा की है। सीएम के आदेश के बाद बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता और विश्वनाथगंज विधायक ने घर पहुंचकर परिजनों को 50 लाख का चेक दिया।
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