पूरे इलाके में किया गया है अलर्ट
मेरठ के मंडल सर्विलांस अधिकारी डॉ. आशोक तालियान ने कहा कि केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया है। अभी तक भारत में कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है, लेकिन अन्य देशों में इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार सरकार की ओर से भी इस रोग को लेकर एसओपी जारी की गई है। इस प्रकार के मामलों को देखते हुए मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों या फिर जिनमें रोग के लक्षण दिखेंगे, उनके सैंपल टेस्टिंग के लिए पुणे भेजने की तैयारी की गई है। इसको लेकर पूरे क्षेत्र में अलर्ट किया गया है।
गाजियाबाद में भी अलर्ट
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि शासन से मिले निर्देशों के अनुसार सतर्कता बरती जा रही है। खासकर विदेशों से आने वाले लोगों पर नजर है। शासन से जारी एडवाइजरी अभी उन्हें नहीं मिली है। जैसे ही वह मिलती है, उसी के हिसाब से गाजियाबाद में भी इंतजाम किए जाएंगे। फिलहाल कोरोना जांच के लिए लगी टीमों को ही अलर्ट मोड पर रखा गया है और अस्पतालों को इसके लिए तैयारी करने के लिए भी कह दिया गया है। विदेशों से आने वाले लोगों पर पता लगाने के लिए भी टीमें अलर्ट हैं। उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स संक्रमण होने पर शरीर पर कुछ-कुछ चिकनपॉक्स जैसा प्रभाव ही रहता है, लेकिन गंभीरता वाली जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
डीएसओ ने कहा कि इसका संक्रमण अधिकतम 14 या कभी-कभी 21 दिन तक भी रहता है। यह जानलेवा नहीं है, लेकिन संक्रमण कोरोना की तरह ही संपर्क में आने से फैलता है। इसमें शरीर पर रैशेज और दाने हो जाते हैं और कई बार उनमें पस भर जाता है। इसका इन्फेक्शन कोविड-19 की तरह मुंह और नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स और पस के संपर्क में आने से होता है। हालांकि इस तरह के मामले बहुत कम सामने आए हैं। आशंका यह भी कि इसका संक्रमण एड्स की तरह यौन संबंधों के जरिए भी फैल सकता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
- पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने
- निमोनिया
- तेज सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- ठंड लगना
- अत्यधिक थकान
- तेज बुखार आना
- शरीर में सूजन
- एनर्जी में कमी होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- समय के साथ लाल चकत्ते का घाव का रूप ले लेना
सीएमओ की ओर से जारी हुआ अलर्ट
उत्तर प्रदेश के चीफ मेडिकल ऑफिसर की ओर से मंकीपॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। प्रदेश के सभी जिलों के डीएम और अन्य उच्च अधिकारियों को इस रोग के संक्रामकता को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है। किसी भी रोगी में बुखार और रैशेज आने की स्थिति में सीएमओ को सूचना दिए जाने का निर्देश जारी किया गया है। सीएमओ की ओर से केंद्र सरकार की एडवाइजरी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि यह एक वैश्विक बीमारी है। ऐसे में मरीजों के शरीर पर होने वाले चकत्ते और बुखार के मामलों की गहन जांच कराया जाना जरूरी है। वैश्विक महामारी की गंभीरता और इसकी क्षमता को देखते हुए पहले से तैयारी, सजगता और सर्विलांस भी जरूरी है।