Uttar Pradesh
lakhimpur kheri mein priyanka gandhi ka virodh: लखीमपुर खीरी में प्रियंका गांधी का विरोध

गोपाल गिरि, लखीमपुर खीरी
यूपी के लखीमपुर खीरी में मृतक किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने पहुंचीं प्रियंका गांधी को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा। लखनऊ से लेकर लखीमपुर तक जहां एक ओर उनके विरोध में होर्डिंग लगाए गए तो दूसरी ओर लखीमपुर खीरी पहुंचने पर उनके काफिले को काले झंडे और प्रियंका गांधी वापस जाओ के पोस्टर दिखाए गए।
लखीमपुर खीरी में तिकोनिया कांड के बाद मृतक किसानों की अंतिम अरदास के कार्यक्रम का आयोजन था। जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित देश के हर प्रदेश से आए किसान शामिल थे। इसी अरदास कार्यक्रम में पहुंचने को लेकर प्रियंका गांधी की तरफ से भी घोषणा की गई थी। किसानों की मौत के बाद भी जब किसान शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी आने की घोषणा की थी, लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के चलते किसानों के अंतिम संस्कार के बाद उनके परिजनों से मिलने पहुंची थीं।
यूपी के लखीमपुर खीरी में मृतक किसानों की अंतिम अरदास में शामिल होने पहुंचीं प्रियंका गांधी को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा। लखनऊ से लेकर लखीमपुर तक जहां एक ओर उनके विरोध में होर्डिंग लगाए गए तो दूसरी ओर लखीमपुर खीरी पहुंचने पर उनके काफिले को काले झंडे और प्रियंका गांधी वापस जाओ के पोस्टर दिखाए गए।
लखीमपुर खीरी में तिकोनिया कांड के बाद मृतक किसानों की अंतिम अरदास के कार्यक्रम का आयोजन था। जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत सहित देश के हर प्रदेश से आए किसान शामिल थे। इसी अरदास कार्यक्रम में पहुंचने को लेकर प्रियंका गांधी की तरफ से भी घोषणा की गई थी। किसानों की मौत के बाद भी जब किसान शव रखकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी आने की घोषणा की थी, लेकिन प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के चलते किसानों के अंतिम संस्कार के बाद उनके परिजनों से मिलने पहुंची थीं।
कार्यक्रम में प्रियंका गांधी को बोलने नहीं दिया गया
मंगलवार को फिर अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए जब प्रियंका गांधी लखीमपुर खीरी आ रही थी तो लखनऊ से लेकर लखीमपुर खीरी तक विरोध में होर्डिंग लगाई गई और इतना ही नहीं लखीमपुर खीरी पहुंचने पर लोगों ने प्रियंका गांधी वापस जाओ और काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
लगाए गए हार्डिंग में जिक्र किया गया था कि 1984 के दंगों के जिम्मेदार लोगों की फर्जी सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है और 1984 के दंगों में सिखों को मरवाने वाले अब उनके जख्मों पर नमक न डालें। साथ ही अंतिम अरदास के कार्यक्रम में पहुंची प्रियंका गांधी को मंच से बोलने की भी अनुमति नहीं दी गई। प्रियंका केवल अरदास के कार्यक्रम में थोड़ी देर बैठकर वापस चली आईं।

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