lakhimpur kheri incident: lakhimpur kheri kand me mare gaye bjp ke workers ke ghar nahi pahucha koi senior leader : लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए भाजपा के कार्यकर्ताओं के घर कोई बीजेपी का नेता नहीं पहुंचा

हाइलाइट्स
- लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए थे बीजेपी के दो कार्यकर्ता
- शुभम मिश्रा और श्याम सुंदर की पीट-पीटकर हुई थी हत्या
- दोनों कार्यकर्ता थे बूथ प्रभारी लेकिन बीजेपी का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा घर
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी में पीट-पीटकर दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। इस घटना को हुए एक हफ्ता बीत रहा है लेकिन कोई भी बड़ा बीजेपी का नेता बनबीरपुर गांव में कार्यकर्ताओं के घर नहीं पहुंचा। दोनों कार्यकर्ताओं के परिवारों ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की है।
32 साल के श्याम सुंदर ठेका मजदूर थे, जिन्हें सिंघा कलां गांव में भाजपा का बूथ प्रभारी नियुक्त किया गया था। स्थानीय स्तर पर वह पार्टी के दलित कार्यकर्ता थे। उनके पिता बालक राम ने कहा, ‘वह इलाके में बीजेपी के हर कार्यक्रम में मौजूद रहता था। वह पार्टी के प्रति वफादार था।’ उन्होंने बताया, ‘श्याम को कुश्ती देखना बहुत पसंद था। वह हर साल बनबीरपुर में वार्षिक कार्यक्रम देखने जाता था। उस दिन, वह सुबह-सुबह मैच के लिए निकल गया था।’
श्याम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इस वीडियो में प्रदर्शनकारी उसे पीट रहे थे। वह हाथ जोड़कर खुद को छोड़ने की गुहार लगा रहा था। राम बालक ने कहा, ‘मेरे बेटे ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।
‘बीजेपी नेता हमें न्याय दिलाने के लिए नहीं आए आगे’
इस बीच, किसान नेताओं ने कहा है कि उन्होंने सुंदर को जिंदा पुलिस को सौंप दिया था मुझे यकीन नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे अफसोस है कि कोई भी पार्टी का नेता मेरे घर नहीं आया। किसी ने भी हमें न्याय दिलाने की बात नहीं कही।’
तीन साल पहले हुई थी शुभम की शादी
लखीमपुर शहर में भी कुछ ऐसा ही सीन चल रहा है। एक दूसरा बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा (29) को भी पीट-पीटकर मार डाला गया। वह भी भाजपा का बूथ प्रभारी था। तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी और उनकी एक साल की मासूम बेटी है।
‘किसी भी बीजेपी नेता ने हमारे लिए आवाज नहीं उठाई’
शुभम के पिता विजय मिश्रा ने कहा, ‘वह क्षेत्र में भाजपा के काम में सक्रिय रूप से भाग लेता था। लेकिन जिस तरह अन्य दलों के नेताओं ने मारे गए किसानों के परिवारों से मुलाकात की, एक भी वरिष्ठ भाजपा नेता हमसे मिलने नहीं आया। किसी ने भी हमारे लिए आवाज नहीं उठाई।’

श्याम सुंदर और शुभम (फाइल फोटो)
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