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LAC पर आर्मी चीफ बोले- 'चीन यहां रुकने के लिए है', राहुल गांधी ने पूछा- 'कहां? हमारी जमीन पर"

राहुल गांधी- India TV Hindi
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राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को आर्मी चीफ एमएम नरवणे के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि LAC पर चीन रुकने के लिए है। जनरल नरवणे ने शनिवार को कहा था, ‘‘यह चिंता का विषय है कि बड़े पैमाने पर जमावड़ा हुआ है और यह जारी है तथा उस तरह के जमावड़े को बनाए रखने के लिए, चीन की ओर बुनियादी ढांचे का इसी पैमाने का विकास भी हुआ है। तो, इसका मतलब है कि वे (पीएलए) वहां बने रहने के लिए हैं।”

राहुल गांधी ने एमएम नरवणे के इसी बयान के उस हिस्से को लेकर सवाल उठाया, जिसमें एमएम नरवणे ने कहा, ‘वे (पीएलए) वहां बने रहने के लिए हैं।’ राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए रविवार को ट्वीट किया। ट्वीट में राहुल गांधी ने एमएम नरवणे के बयान को उल्लिखित करते हुए लिखा, “”चीन यहां बना रहने के लिए है।” कहां? हमारी जमीन पर।”

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे कई क्षेत्रों में भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगभग 17 महीनों से गतिरोध बना हुआ है। वैसे दोनों पक्ष श्रृंखलाबद्ध वार्ता के बाद टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हटे हैं और अभी भी वार्ताओं का दौर जारी है।

सेना प्रमुख ने क्या-क्या कहा था?

ऐसे में शनिवार को सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन की ओर से सैन्य जमावड़ा और व्यापक पैमाने पर तैनाती को बनाए रखने के लिए नये बुनियादी ढांचे का विकास चिंता का विषय है और भारत चीनी पीएलए की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। 

नरवणे ने कहा कि यदि चीनी सेना दूसरी सर्दियों के दौरान भी तैनाती बनाए रखती है, तो इससे एलओसी (नियंत्रण रेखा) जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, हालांकि, सक्रिय एलओसी नहीं, जैसा पाकिस्तान के साथ पश्चिमी मोर्चे पर है। 

थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि अगर चीनी सेना अपनी तैनाती जारी रखती है, तो भारतीय सेना भी अपनी तरफ अपनी मौजूदगी बनाए रखेगी जो ‘‘पीएलए के समान ही है।’’ उन्होंने कहा, “हम सभी घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखे हुए हैं, लेकिन अगर वे वहां बने रहने के लिए हैं, तो हम भी वहां बने रहने के लिए हैं।’’

जनरल नरवणे ने कहा कि भारत की ओर से भी तैनाती और बुनियादी ढांचे का विकास पीएलए के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इससे क्या होगा, खासकर अगर वे दूसरी सर्दियों के दौरान भी वहां पर बने रहना जारी रखते हैं, तो निश्चित रूप से इसका मतलब है कि हम एक तरह की एलसी (नियंत्रण रेखा) की स्थिति में होंगे, हालांकि वैसी सक्रिय एलसी नहीं होगी जैसा कि पश्चिमी मोर्चे पर है।’’




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