प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आईआईटी खड़गपुर में डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी के भारत की स्थिति भी बदल गई है, ज़रूरतें भी बदल गई हैं और अवसर भी बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आईआईटी के मायने बदल रहे हैं। डॉ। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है, जिसे भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीज खड़गपुर ने शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से तैयार किया है। इस मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी मौजूद थे। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बलरामपुर में निर्मित इस अस्पताल में 650 बेड हैं। जानते हैं इससे जुड़ी बड़ी अपडेट हैं
सरकार ने मैप्स और जियोस्पेटिअल डाला को कंट्रोल से मुक्त कर दिया है। इस कदम से स्टार्टअप को बहुत मजबूती मिलेगी। इस कदम से आत्मनिर्भर भारत का अभियान भी और तेज होगा। इस कदम से देश के युवा वर्ग को और इनोवेटर्स को नई आजादी मिलेगी।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स हो या फिर मॉडर्न कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी, IIT खड़गपुर प्रशंसनीय काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में भी आपके सॉफ्टवेयर समाधान देश के काम आ रहे हैं। अब आपको स्वास्थ्य टेक के फ्यूचरिस्टिक सलुशन्स को लेकर भी बूम से काम करना है।
आज भारत उन देशों में से है जहां सोलर पावर की कीमत प्रति यूनिट बहुत कम है। लेकिन घर-घर तक सोलर पावर पहुंचाने के लिए अब बहुत मुश्किलें हैं। भारत को इस तरह के नोट्स चाहिए जो इनयर्नमेंट को कम से कम नुकसान पहुंचाए, ड्यूरेबल हो और लोग बहुत आसानी से उसका इस्तेमाल कर पाएं।
पीएम मोदी बोले- ऐसे समय मे जब दुनिया क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से जूझ रही है, भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स का विचार दुनिया के सामने रखा और इसे मूर्त रूप दिया। आज दुनिया के कई देश भारत द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से जुड़ रहे हैं।
पीएम मोदी बोले- आप सभी, विज्ञान, टेक्नॉलॉजी और इनोवेशन के जिस मार्ग पर चले गए हैं, वहाँ जल्दबाज़ी के लिए कोई स्थान नहीं है। आपने जो सोचा है, आप जो इनोवेशन पर काम कर रहे हैं, संभव है उसमें आपको पूरी सफलता नहीं मिली है। लेकिन आपकी असफलता को भी सफलता ही माना जाएगा, क्योंकि आप भी उसे कुछ सीखेंगे।
पीएम मोदी बोले- आप अपने सामर्थ्य को पहचानकर आगे बढ़ें, पूरे आत्मविश्वास से आगे बढ़ें, निस्वार्थ भाव से बढ़ें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन के जिस मार्ग पर अब आप आगे बढ़ रहे हैं, निश्चित रूप से आपके सामने कई सवाल आए हैं। ये रास्ता सही है, गलत है, नुकसान तो नहीं होगा, समय बर्बाद तो नहीं होगा? ऐसे बहुत से सवाल आएंगे।