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Electricity In UP: यूपी में महंगी होगी बिजली! 90 लाख लोगों की जेब पर पड़ेगा इतने रुपए का बोझ

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Electricity In UP

Highlights

  • 21 जून से बिजली की दर बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई
  • स्लैब सिस्टम को लागू कराने के लिए बिजली कंपनियां दबाव बना रहीं
  • शहर में घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का बढ़ सकता है बिल

Electricity In UP: यूपी में एक बार फिर बिजली पर महंगाई का संकट मंडरा रहा है। 21 जून से बिजली की दर बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई है। ऐसे में कंपनियां बिजली का बिल बढ़ाने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी हैं। अगर ऐसा होता है तो यूपी के शहरी क्षेत्र के 90 लाख बिजली (Electricity) उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। दरअसल अभी तक यूपी में जब कोई शख्स 500 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करता था, तब उसे 7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होता था, लेकिन अब उसे 300 यूनिट के बाद से ही 7 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान करना पड़ सकता है। 

क्या है कंपनियों का तिकड़म

जानकारों का कहना है कि कंपनियों के इस तिकड़म से शहर में घरेलू और कॉमर्शियल उपभोक्ताओं का बिल बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र में 300 यूनिट से ज्यादा बिजली  (Electricity)  खर्च करने वाले लोगों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। गौरतलब है कि इस बार कंपनियां बिजली दर बढ़ाने की मांग नहीं कर रही हैं बल्कि वह स्लैब में बदलाव चाहती हैं। अगर ऐसा हुआ तो कम बिजली खर्च करने के बावजूद उपभोक्ता का बिजली का बिल ज्यादा आएगा। इस स्लैब सिस्टम को लागू कराने के लिए बिजली कंपनियां दबाव बना रही हैं।

कैसे पड़ेगा आम आदमी की जेब पर असर 

अगर कोई शख्स 150 यूनिट बिजली (Electricity) खर्च करता है तो पहले उसका बिल 935 रुपए आता था। लेकिन नए स्लैब के हिसाब से उसे 960 रुपए देने होंगे। दरअसल अभी 150 यूनिट बिजली खर्च करने पर उपभोक्ता को 5.50 रुपए के हिसाब से प्रति यूनिट भुगतान करना पड़ता है। लेकिन नया स्लैब लागू होने से 100 यूनिट तक 5.50 रुपए के हिसाब से और बकाया 50 यूनिट के 6 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा। हालांकि इस मुद्दे को लेकर विरोध भी होने लगा है और यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि इस मामले को विद्युत नियामक आयोग 2 बार खारिज कर चुका है। ऐसे में इसका विरोध हर स्तर पर जारी रहेगा। 




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