हाइलाइट्स
- दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तान के रहने वाले मोहम्मद अशरफ अली को पकड़ा
- ISI ने अशरफ का इस्तेमाल टारगेटेड हत्याओं के लिए किया
- दशहरा और दीपावली पर आतंक फैलाने की थी साजिश
- गाजियाबाद से भी है आतंकी का कनेक्शन, वैशाली कॉलोनी में रहता था
- वैशाली में एक महिला से किया था निकाह, लेकिन फिर छोड़ दिया था
दिल्ली से मंगलवार को पकड़े गए आतंकी मोहम्मद अशरफ का लिंक गाजियाबाद से जुड़ रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस और खुफिया विभाग को उसका वैशाली कॉलोनी से कनेक्शन का पता चला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने इसे लेकर यहां के अधिकारियों से बात भी की है और इस मामले पर अपडेट मांगा है।
हालांकि, एसपी सिटी द्वितीय ने दिल्ली पुलिस द्वारा ऐसा कोई इनपुट मांगे जाने से इनकार किया है। पता चला है कि मोहम्मद अशरफ गाजियाबाद की वैशाली कॉलोनी में रहा था। यहां उसने एक महिला से शादी की और उसे छोड़ दिया।
कई पहचान पत्र भी बनवाए
दिल्ली स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुश्वाहा ने बताया कि मोहम्मद अहमद भारत में अहमद नूरी के नाम से रह रहा था और उसने भारत में कई पहचान-पत्र भी बनाए। गाजियाबाद के वैशाली का नाम सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच की दिशा भी वैशाली की तरफ मोड़ दी है।
पहले भी जुड़ा है गाजियाबाद से कनेक्शन
इससे पहले भी कई बार आतंकियों का गाजियाबाद से कनेक्शन से जुड़ चुका है। 3 लाख रुपये का इनामी आतंकी अब्दुल करीम उर्फ टुंटा फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में है, लेकिन जब तक वह आतंकी गातिविधियों में शामिल रहा, तब तक जिले का नाम कई बार आतंकी वारदात से जुड़ा है। कभी आतंकी गाजियाबाद में पनाह लेकर रहे हों या फिर उनका कोई जानकार यहां रहा हो।
आतंकी गतिविधियों पर नजर
-1992 में मुरादनगर क्षेत्र में डीटीसी बस में विस्फोट हुआ था, तब 5 लोगों की मौत हो गई थी। इसके कुछ दिन बाद मोदीनगर में रोडवेज बस में विस्फोट हुआ था, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी।
-अगस्त 1993 में साहिबाबाद क्षेत्र में आतंकी पकड़े गए थे तब उनके पास से एके-47 और कारतूस बरामद हुए थे।
-1994 में मसूरी थाना क्षेत्र में आतंकियों द्वारा बंधक बनाकर रखे गए कई ब्रिटिश नागरिक छुड़ाए गए थे। मामले में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी मसूद अजहर पकड़ा गया था, तब पता चला था कि कुछ आतंकी सहारनपुर में छिपे हैं। पुलिस और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में साहिबाबाद इंस्पेक्टर ध्रुव लाल यादव शहीद हो गए थे।
-1994 में गुजरात पुलिस ने अब्दुल करीम उर्फ टुंटा के अशोकनगर पिलखुआ स्थित घर पर छापा मारा था। गुजरात में हुए सीरियल बम धमाकों में टुंटा का हाथ था।
-1998 में मुरादनगर के पास ही फ्रंटियर मेल में विस्फोट हुआ था तब 3 लोगों की मौत हो गई थी।
-कई साल पहले अप्सरा बॉर्डर पर भी आतंकियों ने साइकल में विस्फोट किया था तब एक युवक की मौत हो गई थी।
-कई साल पहले दिल्ली में हुए विस्फोट मामले में धौलाना के 2 युवकों का नाम सामने आया था। इस दौरान आसपास के कई गांवों में सुरक्षा एजेंसियों ने दबिश दी थी।

गिरफ्तार आतंकी अशरफ
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