Sunday, March 26, 2023
HomeUttar PradeshBulandshahr fake encounter case.. 25 thousand reward announced on absconding retired killer...

Bulandshahr fake encounter case.. 25 thousand reward announced on absconding retired killer CO: Bulandshahr Fake Encounter accused Police officer surrendered; बुलंदशहर फर्जी मुठभेड़ के आरोपी पुलिसकर्मी ने किया सरेंडर

बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में फेक एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस के इनामी रिटायर DSP रणधीर सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। वर्ष 2002 में हुए छात्र प्रदीप के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरती थी। इसके बाद पिछले 4 साल से फरार चल रहे सिकंदराबाद के उस समय के SHO और अब रिटायर्ड डीएसपी रणधीर सिंह पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

SC की सख्ती के बाद तलाश में जुटी पुलिस
बुलंदशहर में 19 साल पहले वर्ष 2002 में NH 91 पर हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में फरार चल रहे रणधीर ने बुधवार को सरेंडर कर दिया। रिटायर्ड डीएसपी की गिरफ्तारी के लिए सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद यूपी पुलिस ने सख्त रवैया अपनाना शुरू किया था। पिछले 4 साल से फरार चल रहे रिटायर्ड सीओ पर इनाम घोषित किया गया था। जनपद के सिकंदराबाद कोतवाली के गांव सहपानी में रहने वाले यशपाल सिंह ने बताया कि बेटे के एनकाउंटर की लड़ाई लड़ते-लड़ते 19 साल बीत गए।

उन्होंने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को रिट पिटिशन संख्या 351/ 2021 यशपाल सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य पर सुनवाई करते हुए 2 सदस्य ही बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह में जुर्माने की राशि की जमा कराने की बात कही थी। साथ ही मामले को लेकर अग्रिम सुनवाई की तिथि 20 अक्टूबर नियत की है। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड सीओ की गिरफ्तारी को लेकर भी यूपी पुलिस पर तलख टिप्पणी की थी।

जानिए, क्या है यह पूरा मामला
फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए बी. टेक. के छात्र प्रदीप कुमार के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि यह मामला 3 अगस्त 2002 का है। सिकंदराबाद थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक रणधीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह देर रात को बुलंदशहर देहात कोतवाली बॉर्डर से टीम के साथ गश्त करते हुए वापस सिकंदराबाद की ओर लौट रहे थे। गांव आढ़ा मोड़ के निकट पहुंचे तो बिलसूरी की ओर से फायरिंग की आवाज सुनाई पड़ी। इस पर वह हमराही पुलिसकर्मी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, मनोज, श्रीपाल जीप चालक, सतेंद्र, संजीव कुमार, तोताराम और रघुराज के साथ मौके पर पहुंचे। वहां पर एक रोडवेज बस से यात्रियों के चीखने की आवाज आ रही थी।

बेटे की तस्वीर के साथ पिता

बेटे की तस्वीर के साथ पिता

फर्जी मुठभेड़ में छात्र को मारी गोली!
इसी दौरान बस से तीन बदमाश निकलकर आढ़ा गांव की ओर भागने लगे। पुलिस के रोकने पर बदमाशों ने फायरिंग करनी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। जिसकी शिनाख्त पुलिस ने प्रदीप कुमार (22) पुत्र यशपाल सिंह निवासी गांव सहपानी थाना सिकंदराबाद के रूप में हुई। पुलिस ने मृतक को लुटेरा बताया। थाना प्रभारी निरीक्षक रणधीर ने धारा 307 और 25 आर्म्स ऐक्ट के तहत प्रदीप सहित 3 लोगों के खिलाफ सिकंदराबाद कोतवाली में मामला दर्ज किया था। इतना ही नहीं, फर्जी एनकाउंटर के मामले में लोगों द्वारा शव को सड़क पर रख प्रदर्शन करने पर पुलिस ने मृतक के पिता सहित अन्य कई लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने और मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में मामला भी दर्ज कर लिया था।

‘जांच एजेंसियां दे रही थीं हत्यारोपियों का साथ’
प्रदीप के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद सिकंदराबाद के SHO रणधीर सहित 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रदीप की हत्या का मामला दर्ज कराया जा सका। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पुलिस जांच हो या मजिस्ट्रेट जांच या फिर सीबीसीआईडी की जांच, सब आरोपियों को बचाने में जुटे थे। सीबीसीआईडी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी और मैजिस्ट्रेट रिपोर्ट में भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। सभी हत्यारोपी पुलिस कर्मियों का साथ दे रहे थे और बेटे को लुटेरा बताने में जुटे थे। लेकिन मुझे भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था। मैंने कोर्ट का सहारा लिया और प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल की। मामला लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया।’

7 आरोपी पहले ही भेजे जा चुके हैं जेल
यशपाल ने कहा कि कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेकर जांच कराई तो फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ। बाद में आरोपियों के खिलाफ वारंट और गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए। सिकंदराबाद कोतवाली के सचिव रणधीर सिंह, जो बाद में सीओ के पद से रिटायर हो गए, वह भी 2017 से फरार चल रहे थे। एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद वर्तमान में उपनिरीक्षक बन चुके पूर्व आरोपी सिपाही संजीव कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार, जितेंद्र सिंह, सतेन्द्र, कांस्टेबल तोताराम, रघुराज और जीप चालक कांस्टेबल श्रीपाल सहित 7 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी रणधीर सिंह अभी तक फरार चल रहे थे।

नोएडा फेक एनकाउंटर मामले में 4 पुलिसकर्मी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड, एक गिरफ्तार

‘हत्यारे पुलिसकर्मियों को सजा से ही बेटे को न्याय’
यशपाल सिंह सोलंकी ने बताया कि एनकाउंटर के नाम पर हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों को सजा मिलने के बाद ही मेरे बेटे को न्याय मिल सकेगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है। पिछले 19 साल से बेटे को न्याय दिलाने के लिए दबंग और पावरफुल लोगों से लड़ाई लड़ रहा हूं। सिर्फ कोर्ट के सहारे, क्योंकि कोर्ट पर ही भरोसा है कि वही न्याय देगा। जब तक बेटे के हत्यारे पुलिस कर्मियों को सजा नहीं दिला दूंगा, मेरा संकल्प पूरा नहीं होगा और बेटे को न्याय नहीं मिल सकेगा।’ उन्होंने बताया कि बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने की 19 साल से कानूनी लड़ाई जारी है।

2017 से फरार चल रहे थे आरोपी रणधीर
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 2002 में एनकाउंटर के मामले में मृतक के पिता की तरफ से कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल की गई थी। मामले में कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था। छात्र के एनकाउंटर मामले में 2017 में रिटायर्ड सीओ रणधीर सिंह के खिलाफ भी वारंट जारी किए गए थे। लेकिन तभी से वह फरार चल रहे हैं। रणधीर सिंह पर 25000 रुपये का इनाम के साथ ही नाम और पता भी गोपनीय रखा जाएगा। हालांकि अब आरोपी ने सरेंडर कर दिया है।

फाइल फोटो

फाइल फोटो


Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments