प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाश दीप बधावन ने बताया कि तीन थानों की पुलिस बुला ली गई है। फारेस्ट टीम भी पहुचंने वाली है। उन्होंने कहा कि अभी यह कह पाना मुश्किल है कि क्या घटना हुई है। लेकिन सरकारी हाथी तैयार किए जा रहे हैं और उससे जंगल में छानबीन की जाएगी।
फारेस्ट विभाग की टीम घटना स्थल पर जाने से शायद इसलिए डर रही है क्यों कि कुछ दिन पूर्व एक बाघ ने कठौतिया गांव के गई लोंगों को घायल कर दिया था और वहाँ जब फारेस्ट की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने फारेस्ट विभाग की गाड़िया तोड़ डाली, पुलिस की काफी मशक्कत के बाद फारेस्ट कर्मियों की जान बची।
बीती रात भी जिस स्थान पर घटना हुई है यह इलाका टाइगर के हमलों से प्रभावित रहा है, इस इलाके से कुछ दिन पहले दो नरभक्षी बाघों को कैद कर एक को चिड़ियाघर लखनऊ भेजा गया है दूसरे को जंगल में छोड़ दिया गया है। गांव के परशुराम ने बताया कि 3-4 दिन पहले रात को घर में छलांग लगा कर कोई हिंसक जानवर बकरी उठा ले गया था। तब यह पहचान नहीं हो पाई थी कि तेंदुआ है या बाघ और आज रात यह घटना हो गई, जिसमें पुलिस और फारेस्ट दोनों को सूचित किया गया पुलिस तो आ गई लेकिन फारेस्ट टीम नहीं आई।