दूसरे चरण की जमीन अधिग्रहण का काम तिहुरा माझा गांव में चल रहा है। कोशिश यही है कि इसे भी किसानों से सहमति से अधिग्रहीत किया जाए। उन्होंने बताया कि 6 माह में यह योजना जमीन पर उतरती दिखाई देगी। लोकसभा चुनाव के पहले यह मूर्त रूप ले लेगी। उन्होंने बताया कि आवासीय भवनों व प्लॉटों के पंजीकरण शुरू करने के पहले सड़क पानी नाली आदि का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। नव्य अयोध्या (न्यू अयोध्या सिटी) इस तरह से विकसित की जाएगी जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ इसका धार्मिक व वैदिक रूप भी बरकरार रहे।
नीलामी से मिलेगी जमीन
अधिशाषी अभियंता ओ.पी. पांडेय के मुताबिक कई होटल ग्रुप ने होटलों के लिए जमीन खरीदने का प्रस्ताव भेजा है। इनको नीलामी के जरिए जमीन मिल दी जाएगी। इसके अलावा मठ-मंदिरों के लिए नव्य अयोध्या में नीलामी पर जमीन की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि न्यू अयोध्या सिटी में आवासीय भवनों और प्लॉटों की भी व्यवस्था की गई है। इसमें सीवर, पावर, सड़क, पेयजल की बेहतरीन व्यवस्था की जाएगी। प्लॉटों और भवनों के लिए पंजीकरण, सड़कों और अन्य सुविधाओं को विकसित करने के 6 माह के भीतर शुरू कर दिया जाएगा।
न्यू अयोध्या सिटी प्लान
– होटल, धर्मशाला, मठ मंदिरों का निर्माण।
– ऐसे देश जहां की सांस्कृतिक विरासत रामायण संस्कृति से जुड़ी है, उनके लिए अतिथि गृह का निर्माण।
– 80 देश व भारत के 36 प्रांतों और केंद्र शासित राज्यों के अतिथि गृह बनाने की योजना।
– 40 हजार श्रद्धालुओं के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण के लिए जमीन आरक्षित।
– वैदिक सिटी के मानकों के मुताबिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ब्रह्मस्थल प्रस्तावित।
– 8 किमी रेंज के भीतर ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट, हाईटेक अयोध्या और अयोध्या सिटी रेलवे स्टेशन।
– होटल, शॉपिंग मॉल, स्कूल-कॉलेज, 5 फाइव स्टार और 15 बजट होटल प्रस्तावित हैं।