लखनऊ: महराष्ट्र में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात (Maharashtra Political Crisis) पर तमाम राजनीतिक दलों और नेताओं की नजर बनी हुई है। महाराष्ट्र शिवसेना में बड़ी फूट के आसार बनते दिख रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व में 46 विधायकों के सरकार से फूट का दावा किया जा रहा है। इसमें से 37 विधायक शिवसेना (
Shiv Sena) का होने का दावा किया जा रहा है। एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों को लेकर मुंबई से 20 जून को ही निकल गए थे। पहले वे सूरत पहुचे और बुधवार को उनके गुवाहाटी पहुंचने के साथ ही महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट गहराता चला गया। इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष
अखिलेश यादव (
Akhilesh Yadav) ने करारा तंज कसा है।
अखिलेश यादव ने सूरत के ला मैरेडियन होटल से गुवाहाटी के लिए विधायकों के रवाना होने के न्यूज फुटेज के साथ ट्वीट कर पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जनमत के अपहरण से लेकर जनप्रतिनिधियों के अपहरण तक जैसी हो गई है आज की राजनीति। ये सत्ता की भूख का विषकाल है! इस न्यूज क्लिप में दिख रहा है कि सूरत में ठहरे शिवसेना के विधायक गाड़ियों से उतर कर भागता देखा जा सकता है। उनके पीछे-पीछे पत्रकारों के भी भागकर सवाल पूछे जाने और विधायकों के इससे बचने की कोशिश दिखी। अखिलेश यादव के इस संदेश पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है।
यूजर्स ने दिए अलग-अलग रिएक्शन
अखिलेश के ट्वीट पर यूजर्स ने अलग-अलग रिएक्शन दिए हैं। आदर्श शुक्ला ने लिखा, सत्ता की भूख में पिता को भरे मंच से बेइज्जत किया था आपने। अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मायावती जी को बुआ बनाया था। सगे चाचा को विरासत से बेदखल किया। सत्ता की भूख आपको नहीं है क्या? धर्मेंद्र प्रताप ने लिखा कि कितना महान और मजेदार हमारा लोकतंत्र है। ये लोकतंत्र के रक्षक विचारधारा के कितने पक्के हैं। लोक मुंह खोले खड़ा है और तंत्र बिखरा सा है।
यूपी चुनाव के बाद बोला था हमला
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव परिणाम के बाद भी केंद्र सरकार और भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी करारा हमला बोला था। अखिलेश यादव ने सपा के बेहतर प्रदर्शन की भी बात कही थी। अब वे महाराष्ट्र संकट को लेकर भी बिना नाम लिए भाजपा को घेरने की कोशिश की है। यूपी के दो लोकसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव की वोटिंग से पहले अखिलेश यादव ने एक बार फिर संकेतों में केंद्र और भाजपा को घेरने की कोशिश की है।