आगरा में डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप सितम ढाह रहा है। बुखार से अब तक 60 से अधिक जानें जा चुकी हैं, जबकि डेंगू से अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पहली मौत खंदौली की रहने वाली 72 वर्षीय एक वृद्धा की हुई थी। दूसरी मौत फतेहपुरसीकरी का रहने वाला एक बच्चा था। जिसका इलाज भरतपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। लगातार केस बढ़ने से जिला प्रशासन में हड़कंप का माहौल है। सबसे ज्यादा खराब हालात देहात क्षेत्र के हैं। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने आगरा के सभी ब्लॉकों का दौरा कर स्वास्थ्य शिविर लगवाए हैं। सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि आगरा में अब तक 227 से अधिक केस डेंगू के मिल चुके हैं।
सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू का डेन टू स्टेन पहले से ज्यादा खतरनाक है। वायरस ने अपना म्यूटेशन बदल लिया है। उन्होंने बताया कि डेंगू की जांच के लिए उन्हें सैंपलों की संख्या बढ़ा दी है। आगरा में 10 हजार से अधिक मरीजों की डेंगू की जांच करवाई जा चुकी है। जिला अस्पताल 2500 और एसएन मेडिकल कॉलेज में करीब आठ हजार मरीजों की जांच हो चुकी है।
बच्चों के लिए खतरनाक बना डेन टू
सीएमओ का कहना है कि डेंगू का म्यूटन बदलने से बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। आगरा में बुखार से होने वाली पहली मौत दो सगे भाई-बहनों की थी। यमुनापार के टेढ़ी बगिया के रहने वाले विपिन का एक बेटा और बेटी की निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। यह घटना आठ सितंबर की थी। इसके बाद बुखार का कहर बढ़ता चला गया। फतेहपुरसीकरी, पिनाहट, बाह, जैतपुर, खंदौली, बरौली अहीर, बरहन आदि में हजारों की संख्या में बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक बीमार हैं।
पिनाहट में नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला
आगरा के पिनाहट ब्लॉक में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें सबसे ज्यादा बच्चों की संख्या है। मंगलवार को पांच बच्चों की मौत हुई है। इसके अलावा बाह में 14 की मौत बुखार से हुई है। एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता कहना है कि डेंगू के मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा घट रही है। अब तक करीब 112 मरीज डेंगू से स्वस्थ्य हो चुके हैं।
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