रामदयालु सिंह महाविद्यालय के 75वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन गौरव का क्षण : प्रो.शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलपति
ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार,
रामदयालु सिंह महाविद्यालय के 75 वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि रामदयालु सिंह महाविद्यालय के 75 वें स्थापना दिवस समारोह अपने आप में गौरव का पल है। जिन महान व्यक्तित्वों ने इस महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। रामदयालु बाबू का व्यक्तित्व काफी विराट था। उनकी प्रेरणा और आशीर्वाद से ही महाविद्यालय का उत्तरोत्तर विकास हो रहा है। महाविद्यालय का शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास काफी अच्छे से हो रहा है। महाविद्यालय के शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से करें तो विश्वविद्यालय का चतुर्दिक विकास निश्चित है। इस अवसर पर प्रति-कुलपति प्रो.रविंद्र कुमार ने कहा कि राम दयालु सिंह महाविद्यालय अपने 75 वर्ष की यात्रा में शैक्षिक और सांस्कृतिक दृष्टि से कीर्तिमान स्थापित किया है। रामदयालु बाबू के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। समारोह में विशिष्ट वक्ता सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि 75 वें स्थापना दिवस पर हमें संकल्पित होकर महाविद्यालय के चतुर्दिक विकास में अपना योगदान देने की जरूरत है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि नगर विधायक विजेंद्र चौधरी एवं रुन्नीसैदपुर विधायक पंकज मिश्रा ने भी अपनें विचार व्यक्त किये. स्वागत भाषण करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ.अमिता शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय का 75 वां स्थापना दिवस समारोह हीरक जयंती के रूप में मनाना अपने आप में महान है। इस अवसर पर कुलपति, प्रति-कुलपति के साथ-साथ अन्य विशिष्ट अतिथियों के आने से महाविद्यालय का गौरव बढ़ा है। पूरा महाविद्यालय परिवार आगत अतिथियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है। सबों के प्रयास से यह हीरक जयंती समारोह एक नया मील स्तंभ स्थापित करने में सक्षम हो सकता है। इस अवसर पर महाविद्यालय की पत्रिका “वर्तिका” का हीरक जयंती विशेषांक का विमोचन किया गया है। इस अवसर पर पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ.रजनीश कुमार गुप्ता ने कहा कि हीरक जयंती के अवसर पर वर्तिका पत्रिका का प्रकाशन अमूल्य है क्योंकि यह इतिहास कि वह सुदृढ़ धारणा है जो स्वर्णिम भविष्य का नव विज्ञान सिद्ध हो सकती है। इस अवसर पर राम दयालु सिंह महाविद्यालय के महाविद्यालय के छात्राओं द्वारा भरतनाट्यम, सावन गीत, क्लासिकल तबला सोलो एवं झिझिया नृत्य की प्रस्तुति की गयी। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ.अजीत कुमार, कुलसचिव डॉ.संजय कुमार, विकास पदाधिकारी डॉ.पंकज कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.टी.के डे, पूर्व कुलानुशासक डॉ.राकेश कुमार सिंह सहित डॉ.बी.के आजाद, डॉ.एन.पी राय, पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, डॉ.भारती सिन्हा, प्रो. विकास नारायण उपाध्याय, प्रो.अरुण कुमार सिंह, डॉ.सुनीति मिश्रा, डॉ.शशि कुमारी सिंह, डॉ.निरजा अस्थाना, पूर्व प्राचार्य डॉ.ओ.पी सिंह, सिंडिकेट सदस्यों में डॉ.धनंजय कुमार सिंह, डॉ.हरेंद्र कुमार, डॉ.रेवती रमन, पूर्व सीनेटर डॉ.सत्येंद्र कुमार सिंह, डॉ.सर्वजीत सिंह,डॉ.अनिल कुमार धवन, डॉ.ललित किशोर,डॉ.पवन कुमार ओझा, डॉ.गणेश शर्मा, प्रमोद कुमार सिंह अशोक कुमार,उज्जवल कुमार सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ.तूलिका सिंह एवं डॉ.पयोली और धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.रामकुमार ने किया।