Thursday, March 28, 2024
HomePradeshUttar Pradeshमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उ0प्र0 राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक...

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उ0प्र0 राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक सम्पन्न

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उ0प्र0 राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक सम्पन्न
इको टूरिज्म स्थलों पर सुगम आवागमन हेतु हेलीकॉप्टर सेवा, 04 लेन रोड कनेक्टिविटी की सुविधा दी जाए
इन टूरिज्म स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर नियोजित करने तथा सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था की जाए
वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का अलग कैडर बनाया जाए
साइबेरियन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता/अमानवीयता स्वीकार नहीं, ऐसी हर एक घटना के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए
गंगा डॉल्फिन की संख्या में आशातीत बढ़ोत्तरी, घाघरा, चम्बल, सरयू, गेरुआ आदि अन्य नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फिन व अन्य जीवों के संरक्षण व संवर्धन के प्रयास किया जाए
स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करते हुए डॉल्फिन मित्र बनाया जाए
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग इतिहास के अनेक रहस्यों को संजोए हुए, इस क्षेत्र में पुरातात्विक उत्खनन आवश्यक

 

लखनऊ :  

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  की अध्यक्षता में   सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री जी ने बैठक में प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करने और इको पर्यटन की सम्भावनाओं को विस्तार देने सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे इको टूरिज्म के स्थलों पर सुगम आवागमन हेतु हेलीकॉप्टर सेवा एवं 4 लेन रोड कनेक्टिविटी की सुविधा हो। ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर नियोजित करने, सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था विकसित कर टूरिज्म का माहौल बनाने पर जोर दिया जाए।
पशु-पक्षियों का संरक्षण-संवर्धन हमारी संस्कृति का अंग है। प्रदेश में हर साल एक तय समय पर बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों का आगमन होता है। इनकी सुरक्षा हम सबकी साझी जिम्मेदारी है। इन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता/अमानवीयता स्वीकार नहीं है। ऐसी हर एक घटना के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री   ने कहा कि गंगा की निर्मल एवं अविरल धारा के विकास एवं उनके संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों से डॉल्फिन की संख्या में आशातीत बढ़ोत्तरी हुई है। इसी प्रकार घाघरा, चम्बल, सरयू, गेरुआ आदि अन्य नदियों में भी पाई जाने वाली डॉल्फिन व अन्य जीवों को संरक्षण देते हुए उनके संवर्धन के प्रयास किया जाए। इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक करते हुए डॉल्फिन मित्र बनाया जाए। भारत सरकार से भी इस कार्य में आवश्यक सहयोग लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि नदियों में बढ़ती गाद एवं बाढ़ की समस्या के दृष्टिगत उनकी ड्रेजिंग का कार्य सतत जारी रखा जाना चाहिए। इससे गांवों के कटान में कमी आएगी। साथ ही, वनों एवं वन्य जीवों की सुरक्षा की जा सकेगी। आय में वृद्धि भी होगी। वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का अलग कैडर बनाया जाए। इन चिकित्सकों का कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में भारतीय सेल्युलर कम्पनियों के नेटवर्क कवरेज की समस्या संज्ञान में आई है। ऐसा देखा जा रहा है कि इन क्षेत्रों में नेपाली संचार कम्पनियों के मोबाइल नेटवर्क आ रहे हैं। इस ओर गम्भीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। आवश्यक कार्यवाही की जाए।
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग, जनपद महराजगंज इतिहास के अनेक रहस्यों को संजोए हुए है। इस क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम-धरमौली में सोनारी वन भूमि पर पुरातात्विक उत्खनन कार्य कराया जाना चाहिए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए0एस0आई0) भी इसके लिए इच्छुक है। ऐसे में नियमानुसार राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति से अनापत्ति/वन्य जीव क्लीयरेन्स प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही करें।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड के पदेन उपाध्यक्ष तथा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना सहित उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड के सदस्यगण, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments