Home India न्याय की मांग को लेकर7 घंटे धरने पर बैठे किसान दंपत्ति, तहसीलदार ने दिया निष्पक्ष जांच में सहयोग का आश्वासन 

न्याय की मांग को लेकर7 घंटे धरने पर बैठे किसान दंपत्ति, तहसीलदार ने दिया निष्पक्ष जांच में सहयोग का आश्वासन 

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न्याय की मांग को लेकर7 घंटे धरने पर बैठे किसान दंपत्ति, तहसीलदार ने दिया निष्पक्ष जांच में सहयोग का आश्वासन 

नीमच  जिले की मनासा तहसील के कंजार्डा ग्राम निवासी हीरालाल पिता घीसालाल खाती ने पत्नी सहित जिला कलेक्टर कार्यालय के प्रवेश द्वार के समक्ष मंगलवार को सुबह 11 बजे से शाम 6:30 बजे तक 7 घंटे तक भूखे प्यासे रह कर धरने पर बैठकर न्याय की मांग की। शाम 6:30 बजे तहसीलदार यशपाल मुजाल्दा हीरालाल के पास पहुंचे और पूरे मामले को जानने के बाद आश्वासन और विश्वास दिलाया कि बुधवार को उच्च अधिकारियों को अवगत करा कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर न्याय दिलाने का प्रयास करने का विश्वास दिलाया।
हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में बताया कि हीरालाल के पिता की मृत्यु के बाद से ही राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा उसकी भूमि राजस्व रिकॉर्ड में होने के बावजूद भी उसे आए दिन सीमांकन का पंचनामा बनाकर रिकॉर्ड में हेराफेरी दर्शा कर परेशान किया जाता है। किसान दंपत्ति विगत कई वर्षों से इस मामले को लेकर परेशान और प्रताड़ित है। हीरालाल के एक पैर में लकवा है दूसरे पेड़ में मारपीट के कारण  रॉड लगी हुई है।इस कारण विकलांग हो कर चलने फिरने में परेशान है। किसान हीरालाल ने आरोप लगाते हुए बताया कि दिलीप मेहता द्वारा भूमि राजस्व रिकॉर्ड के सर्वे क्रमांक 305 में नक्शे में भूमि को अन्य स्थान पर बताकर उसे छेड़छाड़ करने की साजिश रची गई है राजस्व रिकॉर्ड खाता नंबर 702 से मिला हुआ बता कर स्थिति का नाजायज लाभ उठाकर सर्वे नंबर 702 जो रास्ते से लगी हुई की भूमि है राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते जबरदस्ती कब्जा करने को लेकर आए दिन परेशान करने आरोप लगाया  है। दिलीप मेहता द्वारा बाड़े में रखी मक्का की फसल को बाहर फेंक दिया था जिसे जानवरों ने चार कर नष्ट कर दिया था ।दिलीप मेहता द्वारा आए दिन हीरालाल को मारपीट की धमकी दी जाती है। दिलीप मेहता के राजनीतिक प्रभाव के चलते  हीरालाल को न्याय नहीं मिल पा रहा है। हीरालाल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी देते हुए मांग की है कि यदि 5 दिन की अवधि में उक्त मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा उचित निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो वह आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होगा जिसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की होगी। उल्लेखनीय है कि हीरालाल ने पूर्व में भी कई बार उक्त मामले को लेकर आने का आवेदन दिए लेकिन कार्रवाई सिर्फ कागजों में ही हुई धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई जिससे उसकी परेशानी में राहत नहीं मिल पा रही है। हीरालाल ने उक्त मामले को लेकर जिला कलेक्टर जनसुनवाई क्रमांक 163 पर भी आवेदन दिया है जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा एसडीएम मनासा को कार्रवाई के लिए भी निर्देशित किया गया है।

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