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गन्ने की खेती को बढ़ावे के लिए यूपीएल एसएएस ने ओलम एग्री के साथ मिलाया हाथ

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गन्ने की खेती को बढ़ावे के लिए यूपीएल एसएएस ने ओलम एग्री के साथ मिलाया हाथ

भारत में टिकाऊ और उत्पादक गन्ने की खेती को बढ़ावे के लिए यूपीएल एसएएस ने ओलम एग्री के साथ मिलाया हाथ

  • यूपीएल एसएएस और ओलम एग्री मिलकर पहल शाश्वत मिठास लागू करेंगे, जिससे पैदावार में 15% की अतिरिक्त वृद्धि सुनिश्चित होगी।
  • परियोजना का लक्ष्य पानी के उपयोग को 30% और उर्वरक की खपत को 25% तक कम करने के साथ गन्ने की टिकाऊ खेती को बढ़ावा देन है

महाराष्ट्र, भारत, 3 अगस्त, 2023: टिकाऊ कृषि उत्पादों और समाधानों की वैश्विक प्रदाता, कंपनी यूपीएल सस्टेनेबल एग्रीकल्चर सॉल्यूशंस लिमिटेड (यूपीएल एसएएस) ने ‘शाश्वत मिठास’ पहल के माध्यम से पूरे भारत में ​गन्ना उत्पादन के लिए खाद्य और कृषि व्यवसाय आपूर्तिकर्ता ओलम एग्री के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। परियोजना का लक्ष्य ओलम शुगर मिल (चन्नहट्टी-राजगोली, कोल्हापुर, महाराष्ट्र) के जलग्रहण क्षेत्र के किसानों को प्रति एकड़ उपज में 15% की वृद्धि और अतिरिक्त आय का फायदा देना है।

परियोजना का लक्ष्य कुशल सिंचाई पद्धतियों को अपनाकर पानी के उपयोग को 30% तक कम करना और उर्वरक की खपत में 25% की कटौती करना है, साथ ही फसल की पैदावार बढ़ाना और मिट्टी की सेहत में सुधार करना है। इस साझेदारी के माध्यम से, किसानों को समाधान और सेवाओं के समग्र पैकेज के साथ समर्थन दिया जाएगा। जिसमें प्रोनुटिवा पैकेज के हिस्से के रूप में यूपीएल की जलवायु-स्मार्ट तकनीक जेबा, अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी) में प्रशिक्षण, मशीनीकरण और ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए पोषण.फार्म प्लेटफॉर्म तक पहुंच शामिल है। इस समाधान के प्रभाव और फायदे दिखाने के लिए अब तक 25 मॉडल प्लॉट स्थापित किए गए हैं।

यूपीएल एसएएस के सस्टेनेबिलिटी हेड हर्षल सोनवाने ने कहा: ‘यूपीएल एसएएस में हम सभी के लिए एक हरित और अधिक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पैकेज किसानों को बेहतर उत्पादकता और ज्यादा मुनाफा देगा साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। बाजार में गन्ने की कमी को दूर करने के लिए यह साझेदारी फसल उत्पादन की दीर्घकालिक स्थिरता को आगे बढ़ाते हुए सभी को फायदा दिलवाने के लिए तैयार है।

ओलम एग्री के बिजनेस हेड भरत कुंडल ने कहा: ओलम एग्री का मकसद वैश्विक कृषि और खाद्य प्रणालियों को नए सिरे से तैयार करना है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हमारे गन्ना किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना महत्वपूर्ण है। सहयोगात्मक प्रयासों और नवाचार को अपनाने के माध्यम से, हम किसानों और संपूर्ण कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थायी प्रभाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कार्यक्रम का प्रारंभिक चरण अपने पहले वर्ष में 2,000 एकड़ को कवर करेगा। इसके 70,000 एकड़ के जलग्रहण क्षेत्र में विस्तार की संभावना है।

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