दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) (दिव्यांगजन), भारत सरकार ने आज गुवाहाटी के जीएमसीएच सभागार में एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम दिव्य कला शक्ति-2022 का आयोजन किया। दिव्य कला शक्ति भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के सभी दिव्यांगजनों द्वारा अक्षमता में अपनी क्षमता को दिखाने का एक शास्त्रीय कार्यक्रम है, इसे स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (एसवीएनआईआरटीएआर) ओलतपुर, कटक, ओडिशा द्वारा आयोजित किया गया है। चूंकि यह पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का निर्देश था कि दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम भारत के हर क्षेत्र में पहुंचना चाहिए। हालांकि, दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम मुंबई, ईटानगर, चेन्नई और दिल्ली में पहले ही किए जा चुके हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन असम के राज्यपाल ने प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद्र साहू (आईएएस), आयुक्त एवं सचिव श्री एस एस मीनाक्षी सुंदरम (आईएएस), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के (आईएफओएस) संयुक्त सचिव श्री राजीव शर्मा, असम सरकार के दिव्यांगजन आयुक्त श्री देबेश्वर बोरा (एसीएस), असम के परिवहन विभाग उपसचिव श्री राहुल चंद्र दास (एसीएस), प्रबंध निदेशक, असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) गुवाहाटी, असम और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया।
असम के राज्यपाल प्रो. जगदीशा मुखी ने सत्र का उद्घाटन करते हुए उल्लेख किया कि असम सरकार दिव्यांगजनों के लिए कई कार्यक्रमों चला रही है और यह उन्हें निश्चित रूप से समाज की मुख्यधारा में आगे बढ़ायेगा तथा यह भी बताया कि दिव्यांगजन भाई और बहन सबसे स्नेही और प्यारे हैं। वास्तव में 102 दिव्यांगजन कलाकारों द्वारा लगभग 25 सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं और सभी प्रतिभागियों ने स्थिरता के साथ आत्म-बोध का परिचय देते हुए हुए विश्वसनीय तरीके से अपने कार्यक्रम पेश किए। इसके अलावा दिव्य कला शक्ति अक्षमता के भीतर मंत्रमुग्ध करने की क्षमता पैदा करने के लिए एक तीव्र प्रदर्शन है और इसमें दिव्यांगजनों के मामलों से संबंधित विभिन्न हितधारकों के शास्त्रीय, लोक आधुनिक और एकल गीतों जैसी पर्फॉर्मिंग आर्ट से जुड़ी प्रतिभाएं शामिल है। इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों को अतुल्य भावनाओं के उत्साह से भर दिया और यह हमारी समझ को बढ़ाता है कि दिव्यांगजन हमारे समाज के लिए वरदान हैं और उनके बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता है और दिव्यांगजन विशेष रूप से सभी के लिए प्रेरणा है।