
कांग्रेस सहित देश की 21 विपक्षी पार्टियों ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविर पर हमला करने की कार्रवाई की तारीफ की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी दलों के साथ देने की बात कही। हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो चिंता की बात है।
भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनाव के हालात के बीच कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों की बैठक हुई। बैठक के बाद जारी बयान में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा की गई। विपक्षी दलों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में अपने सशस्त्र बलों और सेना के प्रति एकजुटता का संकल्प दोहराते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है। संसद की पुस्तकालय साझेदारी में हो रही इस बैठक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद, तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरण पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी, लोकतांत्रिक जनता दल के दल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और आरजेडी के मनोज झा के शामिल हुए।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के टी शिवा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, झारखंड विकास मोर्चा के अशोक कुमार, हम के जीतनराम जागी, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के कोडानदारम, जद (एस) ) के कुंवर दानिश अली, केरल कांग्रेस (एम) के के। जोस मणि, और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में शिरकत की।
विपक्षी बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी: नेताओं ने पाकिस्तानी दुस्साहस की निंदा की और हमारे लापता पायलट की सुरक्षा के लिए गहरी चिंता व्यक्त की। नेताओं ने सरकार से भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी उपायों पर विश्वास करने का आग्रह किया। pic.twitter.com/v5RYquSz0w
– एएनआई (@ANI) 27 फरवरी, 2019