Friday, March 31, 2023
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विद्युत् सम्बंधी सन्देश भेजने के लिए उनका संपर्क नंबर, ईमेल आईडी होना बहुत आवश्यक सरल बनाएं

विद्युत् सम्बंधी सन्देश भेजने के लिए उनका संपर्क नंबर, ईमेल आईडी होना बहुत आवश्यक है। इससे उन्हें बिल न जमा होने, विद्युत बाधित होने, बिजली कटने, बिल की जानकारी देने, डिस्कनेक्शन, शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने तथा बिल भुगतान में सुविधा होगी। साथ ही विभाग और उपभोक्ताओं के बीच सीधे वार्ता भी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता निकटतम विभागीय कार्यालय पर जाकर अपनी जानकारी दे सकते हैं या उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की वेबसाइट ूूण्नचमदमतहलण्पद पर ऑनलाइन जाकर अपनी जानकारी अपडेट करा सकते हैं।रीवैम्प योजना के संबंध में भी बैठक की। इस दौरान उन्होंने 10 माह से बिलिंग एजेंसियों और विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार न होने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने डीजी विजिलेंस को निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारियों और बिलिंग एजेंसियों द्वारा कार्यों में बार-बार लापरवाही और गलतियां करने पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाए। कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। समझाने-सिखाने का समय खत्म हुआ, अब कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि 01 फरवरी से सभी जिलों में ज्यादा लाइन लॉस वाले फीडर चिन्हित कर उन क्षेत्रों में बिजली चोरी रोकने के लिए सख्त रेड अभियान चलाया जाए। अभी तक जहां पर बिजली चोरी के खिलाफ रेड नहीं डाली गई ऐसे स्थानों को चिन्हित कर वहां रेड डाली जाए। रेड सिर्फ खानापूर्ति के लिए नहीं बल्कि इसका धरातल पर असर भी होना चाहिए। उन्होंने एमडी पावर कारपोरेशन को केवाईसी व समाधान पखवाड़ा अभियान की प्रगति संबंधी दैनिक रिपोर्ट मंगाने के भी निर्देश दिए।विलिंग की क्वालिटी सही करें। फर्जी बिलिंग अब किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास, झोपड़ पट्टी में रहने वाले गरीब लोगों को लाख-लाख रुपए का बिल दिया जा रहा है। यह सब नहीं चलेगा। टेबल पर बैठकर बिल बनाए जा रहे हैं। बिल की क्वालिटी को गंभीरता से लेना होगा। डाउनलोडेड बिलिंग पर अधिक जोर दिया जाए। ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें, जहां पर बिलिंग में ज्यादा फेरबदल किया जा रहा है। कहा कि आपकी कार्यशैली से हर वर्ग परेशान है। प्रदेश के 85 प्रतिशत छोटे उपभोक्ताओं पर एफआईआर दर्ज हुई है। बड़े उपभोक्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बिजली का उपयोग करने वाले सभी लोग उपभोक्ता नहीं हैं। इसमें बड़ा गैप है। अभियान के दौरान ऐसे सभी लोग, जो बिजली का उपयोग कर रहे हैं। उनसे फार्म भरवाकर कनेक्शन दिया जाए। इस दौरान सभी बिलिंग एजेंसियों तथा विभाग के अधिकारी क्षेत्रों का दौरा करेंगे और अनमीटर्ड, नेवरपेड उपभोक्ताओं के पास भी पहुंचेंगे। पूर्ण रूप से प्लानिंग करके तथा कार्ययोजना बनाकर इस अभियान को सफल बनाना है। प्रति वर्ष मार्च के महीने में सभी अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट में उसके कार्यों की कॉनफिडेंशियल रिपोर्ट भी दर्ज की जाए। उन्होंने सभी कर्मचारियों का समय से मानदेय का भुगतान करने तथा मीटर रीडर को प्रतिमाह एक निश्चित संख्या में बिलिंग करने को कहा। उन्होंने कहा कि कई उपभोक्ता सीधे उसे शिकायत कर रहे हैं कि मुझे समय पर बिल नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि समय से अपना बिल जमा करने के लिए मीटर में रीडिंग की फोटो खींचकर भी बिल जमा कर सकते हैं।रिवैम्प योजना को हरहाल में समय से पूरा करें। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं को सही बिल, समय पर बिल देने को कहा। बड़ी विद्युत चोरियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही राजस्व वसूली पर भी ध्यान दें। समय से उपभोक्ताओं से बिल की वसूली करें। प्रत्येक महीने के शुरूआत में ही उपभोक्ताओं को बिल प्राप्त हो जाए, इसकी चिंता करें। बिल प्राप्त करने के लिए गांव-मोहल्लों में शिविर लगायें। उपभोक्ताओं को पार्ट पेमेंट की भी सहूलियत दें। 70 लाख उपभोक्ता अपना बिल नहीं दे रहे उनसे भी सम्पर्क करें। कनेक्शन देने के लिए अभियान चालाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1297 फीडर लाइन लॉस वाले हैं, जहां पर बिजली चोरी रोकी जाए। उन्होंने कहा कि आने वाली गर्मी में उपभोक्ताओं को दिक्कत न हो इसके लिए बिजनेस प्लान में जो भी कार्य हों उसे अभी पूरा कर लें। साथ ही ट्रांसफार्मर का लोड व तेल निरन्तर चेक करें। जर्जर तार व खम्भों को ठीक करें। क्पतमबज रू 0522-2239023 ई0पी0बी0एक्स0रू 0522-2239132,33,34,35 एक्सटेंशन रू 223 224 225नचेववबीदं/हउंपसण्बवउसूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘, सुमित्रानन्दन पंत एवं लक्ष्मीनारायण मिश्र की स्मृति में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनसूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘, सुमित्रानन्दन पंत एवं लक्ष्मीनारायण मिश्र की स्मृति में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आज पूर्वाह्न 10.30 बजे से हिन्दी भवन के प्रेमचन्द सभागार में किया गया। के0पी0द्विवेदी निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान ने कहा- जयशंकर प्रसाद एवं महादेवी वर्मा की स्मृति समारोह में आप सबका स्वागत अभिनन्दन एवं वंदन है। अप्रतिम देन है। वे नाटक के सशक्त हस्ताक्षर हैं। काव्य के क्षेत्र में प्रसाद की कामायनी, लहर, झरना, आँसू जैसी ऐतिहासिक रचनाएं लिखीं। उनकी रचनाएं ऐतिहासिकता पर आधारित हैं। प्रसाद नव जागरण कालीन साहित्यकार हैं। उनका साहित्य राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत है। वे अपनी रचनाओं मे सामाजिक समस्याओं को सजगता से देखते हैं व उनका निराकरण का प्रयास करते हैं। ‘ध्रुवस्वामिनी‘ रचना स्त्री विमर्श पर आधारित रचना है। उन्होंने चन्द्रगुप्त, स्कन्द गुप्त जैसे ऐतिहासिक नाटकों की रचना की।रचनाएं राष्ट्रीय चेतना व कल्पना से ओत-प्रोत हैं। ‘कामायनी‘ उनकी साहित्य जगत को एक अभूतपूर्व देन है। उन्होंने मृत्यु पर जीवन के विजय की कल्पना की। प्रसाद ने अपनी रचनाओं में स्त्री को काफी ताकतवर बताया है व पुरुष पलायनवादी सुख की खोज में है। उनका स्त्री पात्र पलायनवादी पुरुष को जीवन की तरफ अग्रसर करती हैं। उनकी काव्य रचनाओं में ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकृति साक्षात समाहित होकर नृत्य करती है। काव्य में भी नाटक तत्व भरा हुआ है। नारी तुम केवल श्रद्धा हो‘ ….. प्रसिद्ध पंक्तियों में से है।रमते हैं प्रकृति सचेतन है प्रकृति के मन पर मुग्ध होते है प्रकृति संघर्ष व कर्म की प्रेरणा प्रदान करती है। धरती पर जीवन की पुकार है। वे कहते हैं शक्ति का उन्माद होना अच्छी बात नहीं है। प्रकृति उपमान के रूप में उनके काव्य में प्रस्तुत है। उनकी रचनाएं देश प्रेम राष्ट्रीय स्वर, राजनीतिक, सामाजिक तत्वों से ओत-प्रोत हैं। वे संस्कारी व आस्थावान थे। प्रसाद के समय में बौद्धिक गुलामी आहत करती है। उनकी कविताओं में राष्ट्रीय स्वर दिखायी पड़ता है। जो शासक मन पर शासन करते हैं वही अतीत व वर्तमान को जोड़ने में सेतु का काम करते हैं।नाटय रचना वे राष्ट्रीयता के प्रचारक के रूप में हमारे सामने आते हैं। उनकी रचनाएं राष्ट्रीयता व देश प्रेम से परिपूर्ण हैं। प्रसाद हमारे बीच अपने वाङमय के माध्यम से सदैव स्मरणीय रहेंगे।महादेवी जी के जीवन दर्शन, समाज व परिवार का वर्णन मिलता है। वे अपने रेखाचित्रों में स्त्री के प्रति होने वाले अन्याय व शोषण का चित्रण मार्मिक शब्दों में करती हैं। उनके साहित्य में स्त्री शुद्ध पवित्र आत्मा का प्रतीक हैं। महादेवी नारी वर्ग के लिए सशक्त आधार प्रदान करती हैं। वे हिन्दू धर्म में व्याप्त धार्मिक पाखंडता का विरोध करती नजर आती हैं। उनके रेखाचित्रों में हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है।   टकराती नजर आती हैं। उनकी कविताओं में संस्मरणों, रेखाचित्रों में स्त्रियों के सम्बन्ध में व्यापक चित्रण मिलता है। उनकी कविताएं स्त्रियों की व्यथा का सुन्दर वर्णन करती हैं। उनके काव्य में छायावाद में रहस्यवाद दिखायी पड़ता है। उन्होंने स्त्री व्यथा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। उनके जीवन में वेदना ‘रश्मि रचना में हर्ष और उल्लास दिखायी पड़ता है। उनके काव्यों में लौकिकता से अलौलिकता को ले जाने की क्षमता है। वे अपनी कविताओं के माध्यम से समय को पुष्पित करने का प्रयास करती नजर आती हैं। वे सहजता की पक्षधर हैं। जब वे यह कहती हैं एकला चलो तो उनके साहित्य पर रवीन्द्रनाथ टैगोर का भी प्रभाव दिखायी पड़ता है।कथारंग के माध्यम से सुश्री नूतन वशिष्ठ के निर्देशन में निराला की कहानी ‘देवर का इंद्रजाल‘ का पाठ कनिका अशोक, अपूर्वा अवस्थी, सुवंश सक्सेना ‘अंकुर‘ ने किया साथ ही जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘छोटा जादूगर का पाठ अनुपमा शरद व सोम गांगूली द्वारा किया गया।विद्वत्तजनों एवं मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त किया। नचेववबीदं/हउंपसण्बवउ पर उन्हें अर्पित की आत्मिक श्रद्धांजलिपुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें भावपूर्ण व आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री मौर्य ने कहा है कि गांधी जी के विचार और उनका जीवन दर्शन आज भी प्रासंगिक है। हम सबको उनके जीवन दर्शन व सुकृत्यों से न केवल प्रेरणा लेनी चाहिए, बल्कि उसे आत्मसात भी करना चाहिए।नचेववबीदं/हउंपसण्बवउपूँजी निवेश, रोजगार सृजन एवं स्टेक होल्डर के आय में वृद्धि की सम्भावनाओं के दृष्टिगत उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 क्रियान्वित की जायेगी। इसके पहले उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू  थी।रीफर वीकल्स/मोबाइल प्री-कूलिंग वैन हेतु ब्याज उपदान की व्यवस्था की गयी है। नीति के तहत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण ध् शिविरों का आयोजन किया जायेगा ।करेगा और नीति के तहत प्राप्त परियोजनाओं ध् प्रस्ताव के मूल्यांकन, किये कार्यों का सत्यापन का कार्य करेगा।नचेववबीदं/हउंपसण्बवउ एवं विधायकों द्वारा महात्मा गांधी जी के प्रिय भजनों को सुना         एवं किया दीपदानआहूति देने वाले ज्ञात-अज्ञात शहीदों को नमन किया गया। श्रद्धांजलि के उपरान्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के प्रिय भजनों, रघुपति राघव राजाराम एवं वैष्णव जनते तेने कहिए……..का पाठ किया गया। इस अवसर पर मत्रिमण्डल के उपस्थित सदस्यों एवं विधायकों ने बापू के त्याग, बलिदान का स्मरण करते हुए गोमती नदी में दीपदान कर श्रद्धांजलि अर्पित की। भातखण्डे विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रामधुन एवं सुगम संगीत प्रस्तुत किया

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